अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद; बौद्धिक वर्ग एवं मीडिया राष्ट्र और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी से भटक चुके है तभी शायद विदेशी मीडिया जैसे फेसबुक , ट्विटर हमारे समाज के हर वर्ग खासतौर पर युवा वर्ग को अपनी गिरफ्त में लेने में कामयाब हो गया है । जिस कारण हमारे अपने ही अपनो से ही दूर होते जा रहे है और इस तरह हमारा समाज धीरे-धीरे अपनी मानव सभ्यता से दूर होते जा रहा है. उक्त विचार वरिष्ट पत्रकार उमेश उपाध्याय ने रखे जो पंचनद शोध संस्थान के द्वारा वाइएमसीए विश्विद्यालय के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय गोष्ठी विषय ‘ राष्ट्र निर्माण में बौद्धिक वर्ग एवं मीडिया की भूमिका’ में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे थे। मुख्य वक्ता ने आगे कहा कि हमारी मीडिया आजादी के बाद से अपना राष्ट्र और समाज के प्रति फर्ज भूल गई है परिणामस्वरूप समाज पर विदेशी मीडिया का कब्जा हो गया है।
आज राष्ट्र निर्माण की महत्वपूर्ण ईकाई तथ्यनिर्माण का काम विदेशी मीडिया अपने हितों के अनुसार कर रहा है वह विश्व मे हमारे बारे में आधारहीन कहानी सुना कर हमारी गलत छवि बना रहा है। उन्होंने आगे कहा कि बौद्धिक वर्ग भी राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में पीछे रहा जिससे विश्व गुरु से हम दोवारा से मानसिक तौर पर बाहरी ताकतों के अधीन होते जा रहे है। उमेश उपाध्याय ने शंकराचार्य, स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि आज फिर इन जैसे बौद्धिक वर्ग की हमारे समाज को जरूरत है जो तथ्यनिर्माण स्वयं से कर सकें। जो समाज में जनजागृति के लिए भारत की कहानी, भारत के संदर्भ में, भारतीय भाषा में अपने पन के तरीके से सुना सके। उन्होंने भारतीय मीडिया को राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने का सुझाव दिया।
गोष्ठी में पधारे पंचनद शोध संस्थान के निदेशक एवं हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि मीडिया एवं बोधिक वर्ग एक ही सिक्के के दो पहलू है। मीडिया समाज का प्रत्यक्ष वर्ग है, मीडिया समाज को समाज से बात कराता है, मीडिया ही समाज के विषयों को उठाता है, विषयो का विश्लेषण भी वही करता है इसलिए मीडिया की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने आगे कहा कि बुद्धिशील वर्ग की भूमिका को भी राष्ट्र निर्माण में नकारा नही जा सकता। बुद्धिशील वर्ग अपने परस्पर संवाद से समाज को एकत्र करता है और विभिन्न विषयों पर उनका मत तैयार करता है।इस अवसर पर उन्होंने फरीदाबाद अध्ययन केंद्र के दो नए कार्यकर्ता के नाम एवं जिम्मेदारी की घोषणा भी की। उन्होंने डॉ आशुतोष निगम को संयोजक एवं डॉ सुभाष गोयल को सहसंयोजक की जिम्मेदारी दी। गोष्ठी की अध्यक्षता विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। कार्यक्रम में संघ, विश्व हिन्दू परिषद के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्य वक्ता ने बौद्धिक वर्ग एवं विद्यार्थियों के प्रश्नो के जवाब भी दिए।