अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड हरियाणा के हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के साथ विलय को अगले 45 दिनों में अंतिम रूप दे दिया जाएगा।डॉ.कमल गुप्ता आज यहां प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) की प्रगति समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।बैठक के दौरान बताया गया कि हाउसिंग बोर्ड हरियाणा और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की विलय प्रक्रिया की निगरानी के लिए प्रशासक (मुख्यालय), एचएसवीपी, पंचकूला की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जा चुका है। इसके अलावा, विभाग ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को आवास उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम से एक व्यापक आवास नीति का मसौदा तैयार किया है। इस नीति का लक्ष्य परिवार पहचान पत्र में सत्यापित 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले जरूरतमंद परिवारों को किफायती आवास प्रदान करना है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत शुरू की जाने वाली दो पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। पहली परियोजना में पंचकूला में बहुमंजिला आवास इकाइयों का निर्माण शामिल है,जो लाभार्थियों को रियायती दर पर प्रदान की जाएंगी। दूसरी परियोजना का उद्देश्य मकान के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ पात्र परिवारों को यमुनानगर में एचएसवीपी और एचबीएच के स्वामित्व वाली भूमि पर एक मरला या 1.5 मरला भूखंडों की योजना बनाना और आवंटित करना है। इसके अतिरिक्त, गुरुग्राम (हाइपर जोन) में बहुमंजिला आवास तथा फरीदाबाद, पंचकूला और सोनीपत शहरों में बहुमंजिला आवास (जी+3) बनाने की योजना है।बैठक में पीएमएवाई-यू के बेनिफिशियरी लैड कंस्ट्रक्शन (बीएलसी) घटक के तहत मकानों के निर्माण में हुई प्रगति की भी जानकारी दी गई। इनमें से अब तक लगभग 14,415 मकान पूरे हो चुके हैं। बीएलसी घटक के लिए केंद्र सरकार के 67,649 लाभार्थियों के लक्ष्य में से, 64,823 लाभार्थियों के लिए डेटा हाउसिंग फॉर ऑल (शहरी) प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) में पंजीकृत किया गया है। निर्माण की प्रगति की निगरानी के लिए 64,784 मकानों की जियो-टैगिंग की गई है, जबकि पर्यवेक्षकों ने 4,439 मकानों को मंजूरी दी है।बैठक के दौरान यह भी जानकारी दी गई कि मकानों के निर्माण में सहायता के लिए, राज्य सरकार द्वारा सभी पात्र लाभार्थियों को 1.50 लाख रुपये की मौजूदा केंद्रीय सहायता के अलावा 1.00 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान करवाई जा रही है। इसके अलावा, हरियाणा में बेनिफिशियरी लैड कंस्ट्रक्शन घटक और क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के तहत लाभार्थियों को विकास शुल्क, भवन नक्शा जांच शुल्क और भवन योजनाओं/नक्शों के ऑफ़ लाइन अनुमोदन के भुगतान के लिए एकमुश्त छूट दी गई है। इस छूट का उद्देश्य लाभार्थियों के लिए वित्तीय बोझ को कम करना और अनुमोदन प्रक्रिया को कारगर बनाना है।बैठक में यह भी बताया गया कि बेनिफिशियरी लैड कंस्ट्रक्शन घटक के तहत, वित्तीय सहायता की पहली किस्त आशय पत्र (एलओआई) जारी होने के तुरंत बाद जारी की जाएगी। इसी तरह, दूसरी किस्त लिंटेल स्तर तक निर्माण लेकिन छत डालने से पहले प्रदान की जाएगी। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लाभार्थियों को निर्माण के महत्वपूर्ण चरणों में समय पर वित्तीय सहायता प्राप्त हो।बैठक में सभी के लिए आवास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राज शेखर वुंडरू, हाउसिंग बोर्ड के सचिव मानव मलिक और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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