अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:लॉकडाउन खत्म होने के बाद दिल्ली मेट्रो ही नहीं, बल्कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में रफ्तार भरने वाली एक्वा लाइन मेट्रो और गुरुग्राम की रैपिड मेट्रो रेल भी रफ्तार भर सकती है। इन तीनों ही मेट्रो ने लॉकडाउन खत्म होने के बाद संचालन की पूरी तैयारी कर ली है। इसके तहत तीनों ही मेट्रो से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी ट्रेनों की मेंटेनेंस की जांच कर रहे हैं।
बता दें कि जिस तरह से दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं और आने वाले दिनों में इसके रफ्तार पकड़ने के आसार हैं। जाहिर है ऐसे में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की जरूरत तेजी से महसूस होगी। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर की लाइफलाइन बन चुकी Delhi Metro भी संचालन के लिए पूरी तरह तैयार है। इतना ही नहीं, दिल्ली मेट्रो रेल निगम के अंतर्गत चलने वाली गुरुग्राम रैपिड रेल भी संचालन के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच रफ्तार भरने वाली एक्वा लाइन मेट्रो (Aqua Line Metro) की भी पूरी तैयारी है, सिर्फ एक मंजूरी के बाद ट्रेनें चलने लगेंगीं। सूत्रों के मुताबिक, बताया जा रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद मंजूरी मिलने के साथ ही तीनों मेट्रो (दिल्ली मेट्रो, गुरुग्राम रैपिड रेल मेट्रो और एक्वा लाइन मेट्रो) ने पूरी तैयारी कर ली है। तैयारी की कड़ी में दिल्ली मेट्रो की तरह ही एक्वा लाइन की ट्रेनें भी बीच-बीच में चक्कर लगाती हैं, जिससे मेंटेनेंस की समस्या नहीं आए। ऐसे में दिल्ली मेट्रो रेल निगम की मेट्रो ट्रेनों में सफर करने वाले 50 लाख से अधिक यात्रियों के लिए जल्द अच्छी खबर आने वाली है।
इनमें दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, गाजियाबाद, नोएडा, पलवल और बहादुरगढ़ समेत दर्जन भर शहरों के लाखों लोग शामिल हैं, जो मेट्रो संचालन के बाद इसका लाभ उठा सकेंगे। दिल्ली मेट्रो की तैयारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मेट्रो ट्रेनें सीमित संख्या में रोजाना फेरे लगाती हैं। इसका मकसद तकनीकी खामियों को परखना है। इसकी जानकारी खुद DMRC ने 3 मई को अपने 26 स्थापना दिवस पर दी थी। दिल्ली मेट्रो ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि हाउस कीपिंग स्टाफ स्टेशनों की तमाम जगहों पर रोजाना साफ-सफाई कर रहा है। इसी के साथ लिफ्ट, एएफसी गेट, एस्केलेटर सहित यात्रियों के आवागमन के दौरान इस्तेमान होने वाली अन्य जगहों पर सफाई की गति तेज हो गई है। सफाई के साथ मेट्रो ट्रेनों की बोगियों में सैनिटाइजेशन का काम बीच-बीच में किया जाता है।