अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: रेवाड़ी जिले के अंतर्गत 26 अगस्त को धारूहेड़ा सेक्टर-6 थाना क्षेत्र की एक सोसायटी में तीन साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले नाबालिक आरोपी को जुनाइल जस्टिस बोर्ड के न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह ने 25 दिन के अंदर ही दोषी ठहराते हुए उसे सजा सुनाई है। सजा के साथ-साथ उस पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं भरने की सूरत में उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस मामले में आरोपी को सजा दिलाने में पुलिस ने बेहतरीन कार्य किया है। पुलिस ने 9 दिन के भीतर कोर्ट में चालान पेश किया और फिर मामले से जुड़े 28 गवाहों की कोर्ट में गवाही कराई, जिनमें कुछ कलकत्ता के भी शामिल थे। तमाम साक्ष्य व गवाही पर कोर्ट ने आरोपी नाबालिग को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।
26 अगस्त को धारूहेड़ा स्थित एक सोसायटी के ईडब्ल्यूएस फ्लैट में रहने वाली तीन साल की मासूम बच्ची को सोसायटी में ही किराए पर रहने वाले यूपी निवासी एक नाबालिक लड़के ने अगवा कर लिया था। आरोपी बंद पड़े एक फ्लैट में बच्ची को ले गया था, जहां उसके साथ आरोपी ने दरिंदगी की थी । इस मामले की सूचना मिलते ही न केवल पुलिस, बल्कि खुद एसपी नाजनीन भसीन तुरंत मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने दो घंटे के भीतर ही आरोपी को काबू कर लिया था। गुरुवार को कोर्ट ने आरोपी को धारा 363 में 3 साल सजा, 366 में 3 साल सजा, 6 पोक्सो एक्ट में तीन साल की सजा व पांच लाख रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर उसे 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
एसपी के निर्देश पर इस मामले में काम करने वाली पूरी पुलिस टीम ने पूरी मुस्तैदी से काम करते हुए 9 दिन के भीतर मामले का चालान कोर्ट में पेश किया। इसके साथ साथ आरोपी की उम्र की सही जांच कराने के लिए भी पुलिस ने आरोपी का एक मेडिकल टेस्ट भी कराया था, जिसमें वह नाबालिक पाया गया। इसके अलावा आरोपी का डीएनए टेस्ट भी कराया गया। आरोपी को इस जघन्य अपराध के लिए जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए पुलिस ने इस प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए पूरी बहुत जल्द ही डीएनए रिपोर्ट को भी कोर्ट के समक्ष रखा। पुलिस द्वारा रखे गए गवाहों ओर साक्ष्यों अनुसार सरकारी वकील प्रवीन कुमार ने इस मामले की पैरवी की ओर इसी आधार पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए सजा भी सुनाई है।