अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद के नगर निगम में हुए 200 करोड़ के घोटाले में विजिलेंस विभाग के हाथ लगी हैं बड़ी कामयाबी। मुख्य ठेकेदार सतबीर को विजिलेंस विभाग की टीम ने हरिद्वार से अरेस्ट किया हैं। आपको बता दें कि पिछले डेढ़ साल से इस पूरे मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश के बाद विजिलेंस विभाग जांच कर रही थी। इस पूरे मामले में एसआईटी गठित की गई थी डेढ़ साल की जांच के बाद आखिरकार मुख्य ठेकेदार सतवीर को अरेस्टकर लिया वही इसमें कई बड़े नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर आगे की जांच जारी है।
आखिरकार बिना काम किए नगर निगम में हुए 200 करोड़ के घोटाले में विजिलेंस विभाग ने अमलीजामा पहना दिया है और इस पूरे प्रकरण में मुख्य आरोपित सतवीर ठेकेदार को विजिलेंस विभाग के एडिशनल एसपी अनिल यादव के नेतृत्व में हरिद्वार से अरेस्ट करने में सफलता हासिल की है, वही अब इस पूरे मामले में कई बड़े -बड़े नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया है जिसकी अभी पूरी जांच होनी बाकी है जांच के बाद कई बड़े और अधिकारी इस पूरे मामले में अरेस्ट हो सकते हैं आपको बता दें कि पिछले डेढ़ सालों से फरीदाबाद के नगर निगम घोटाला सुर्खियों में रहा था।
क्योंकि सतबीर ठेकेदार ने बिना कोई काम किए लगभग 200 करोड़ के आसपास की पेमेंट नगर निगम से ली थी। इस पूरे मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद संज्ञान लिया और इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जा रही थी आखिरकार मुख्य ठेकेदार की गिरफ्तारी के बाद अब देखने वाली बात यह होगी कि जिन बड़े अधिकारियों के संरक्षण में इस ठेकेदार को 200 करोड़ रुपए की पेमेंट दी गई उनके खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई अमल में लाई जाती है,या नहीं।
इस मामले एनआईटी से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी :विधायक नीरज शर्मा द्वारा बताया गया कि उनको ज्ञात हुआ है कि 200 करोड़ के घोटाले के अंदर आज सतवीर नामक ठेकेदार को विजिलेंस विभाग ने अरेस्ट किया हैं। और उसे 6 दिन की रिमांड पर लिया गया हैं। अगर इसकी सही तरीके से जांच की जाए तो यह तो कई हजार करोड़ों का घोटाला निकलेगा लेकिन मुझे ऐसा लगता है सरकार सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़कर बड़े मगरमच्छों को बचाना चाहती है। क्योंकि इस भ्रष्टाचार में सरकार के कई बड़े बड़े अधिकारी संलिप्त है। वार्ड -14 के टेंडर 54 लाख को इनहंस करके एक करोड़ 97 लाख का कर दिया, जबकि इससे बड़ा उदाहरण विधानसभा में उठाया गया था जिसमे 5 लाख 52 हजार के टेंडर को इनहंस करके लगभग दो करोड़ का कर दिया गया उसमें अभी तक कोई कार्रवाई नहीं। विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि हरियाणा की पूर्ण जनता इस घोटाले को देख रही है। सरकार इस पर लीपापोती ना कर के सब पर बराबर की कार्रवाई करें और जो मामले अभी तक लंबित हैं उन पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर दोषी अधिकारियों को अरेस्ट करें।
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