जूही खान : नोटबंदी की तुलना ‘स्वच्छ भारत’ अभियान से करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आथिक स्वच्छता का यह कदम सोच समझ कर ऐसे समय में उठाया गया जब अर्थव्यवस्था मजबूत थी और गरीबों के लिए शुरू की गयी लड़ाई से वह पीछे नहीं हटेंगे तथा उनका अगला कदम बेनामी सम्पत्ति रखने वालों पर होगा।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का फैसला अकेले और अचानक लिये जाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि जब अर्थव्यवस्था इतनी अच्छी चल रही थी तो आपने ऐसे समय में नोटबंदी का निर्णय क्यों किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ नोटबंदी के लिए यह समय सही था क्योंकि अर्थव्यवस्था मजबूत थी। जैसे डॉक्टर सर्जरी करने से पहले आदमी के शारीरिक मानदंडों को दुरस्त करता है। शरीर स्वस्थ हो तभी आपरेशन होता है। इसी तरह से यह फैसला हड़बडी में नहीं किया गया। जो लोग ऐसा समझते हैं तब उन्हें इसके लिए मोदी का अध्ययन करना पड़ेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में साल भर में जितना व्यापार होता है। उतना ही करीब दिवाली के आसपास होता है। दिवाली के बाद कुछ दिन काम सुस्त हो जाता है। यह उचित समय था कि जब सामान्य कारोबार उंचाइयों पर पहुंच गया हो तब ऐसा कदम :नोटबंदी: उठाया जाए। 50 दिन में स्थिति सामान्य हो जाने के संबंध में मेरा हिसाब किताब सही था। गाड़ी उसी प्रकार से चल रही है।
नोटबंदी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार का प्रस्ताव तब भी आया था जब इंदिरा गांधी की सरकार थी और यशवंत राव चव्हाण उनके पास इस बारे में प्रस्ताव लेकर गए थे। तब इसे आगे इसलिए नहीं बढ़ाया गया क्योंकि आपको : कांग्रेस को: चुनाव की चिंता थी। हमें चुनाव की चिंता नहीं है, हमारे लिये देशहित महत्वपूर्ण हैं।
कांग्रेस पर प्रहार जारी रखते हुए मोदी ने कहा कि चर्चा के दौरान आप : कांग्रेस : कह रहे थे कि कालाधन संपत्ति, हीरे जवाहरात के रूप में है। हम भी इस बात को मानते हैं। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि भ्रष्टाचार का प्रारंभ नकदी से होता है। आगे इसका प्रवेश प्रोपर्टी, आभूषण आदि में होता है।