अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। सरकार की कई विफलताओं को भी सफलता के रूप में बताया गया है। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलते हुए खरगे ने कहा कि बजट में नौजवानों और किसानों को कुछ नहीं मिला है। सरकार के अमृत काल के दावों पर कटाक्ष करते हुए खरगे ने कहा कि यह विषकाल है। देश में बेरोजगारी की व्यापक समस्या को उठाते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों में 40 लाख पद खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर इन पदों को नहीं भर रही है, क्योंकि वह वंचित वर्गों को आरक्षण के तहत नौकरी नहीं देना चाहती।
विपक्ष के नेता ने डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरते मूल्य पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमकर घेरा और कहा कि नरेंद्र मोदी यूपीए सरकार के दौरान रुपये की कीमत गिरने पर कहते थे कि रुपया आईसीयू में है। जब रुपया 60 पर था तो नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका की करेंसी नहीं गिरती, लेकिन हिंदुस्तान का रुपया पतला होता जा रहा है। आज तो रुपया वेंटिलेटर पर है, 87 के पार पहुंच गया है। उन्होंने आगे कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8 प्रतिशत थी, आज भाजपा सरकार में ये आंकड़ा गिरकर 5.8 प्रतिशत पर आ गया है। लेकिन मोदी सरकार अपनी कमियां नहीं स्वीकारती है।सरकार के दावों की पोल खोलते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि मनमोहन सिंह ने जो काम किए, वो मोदी सरकार नहीं कर पाएगी। नोटबंदी, खराब तरीके से लागू की गई जीएसटी और कोरोना महामारी के दौरान कुप्रबंधन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का मॉडल विनाशकारी है। ये सरकार जनता को धोखा देकर अपनी वाहवाही करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ अपने चंद दोस्तों के लिए काम कर रहे हैं। मोदी सरकार ने कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को प्रधानमंत्री के कुछ चुनिंदा मित्रों को सौंप दिया है, जिनसे काफी नौकरियां पैदा होती थीं। उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर गरीबों की मदद करने का इकलौता तरीका है, जो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने निकाला था। मोदी सरकार पर वादे पूरे न करने को लेकर हमला बोलते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि अब तक 22 करोड़ नौकरियां मिलनी चाहिए थीं, लेकिन नहीं मिली हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी के कई झूठे वादे गिनाते हुए कहा कि वे जुमले देकर देश को फंसा रहे हैं। किसानों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए खरगे ने कहा कि किसान संकट में हैं और पिछले दस सालों में करीब एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उन्हें न न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला और न ही उनकी आय दोगुनी हुई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों व मजदूरों के लिए कुछ नहीं किया और सिर्फ प्रधानमंत्री के चंद अमीर दोस्तों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित किया। खरगे ने मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाया और कहा कि मणिपुर में 258 लोग मारे जा चुके हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी अब तक वहां नहीं गए है, उनके पास वहां जाने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने पूछा कि जब राहुल गांधी मणिपुर जा सकते हैं, वहां से भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल सकते हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी वहां क्यों नहीं जा सकते।उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में बाबा साहेब पर की गई अपमानजनक टिप्पणी की भी निंदा की और कहा कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने लेटरल एंट्री को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये एससी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण खत्म करने की साजिश है। इस दौरान उन्होंने जातिगत जनगणना का भी समर्थन किया।विपक्ष के नेता ने महाकुंभ की भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने मांग की कि सरकार मृतकों व गायब हुए श्रद्धालुओं की सूची सार्वजनिक करे।
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