अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि बच्चो में सड़क सुरक्षा की संस्कृति पैदा करने के लिए राज्य भर के सभी स्कूलों और कॉलेजों में 13 अक्टूबर शुक्रवार को अखिल हरियाणा सड़क सुरक्षा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता – 2023 का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में 42 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भागीदारी सुनिश्चित करते हुए सड़क सुरक्षा का संदेश दिया। इस प्रतियोगिता में वर्ष 2016 -17 में 44 लाख से अधिक बच्चों ने भागीदारी सुनिश्चित करते हुए पहला विश्व कीर्तिमान बनाया था जिसे लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था।
इस बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सड़क सुरक्षा के तहत इस अभियान की शुरुआत वर्ष 2013 में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने फरीदाबाद में पुलिस कमिश्नर के पद पर रहते हुए की थी। उन्होंने बताया कि इस अभियान की परिकल्पना का मूल उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के साथ-साथ बच्चों को भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना था। इस अभियान के तहत वर्ष 2013 में अंतर विद्यालय वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई थी ताकि बच्चे जब युवक युवतियां बने तो वे शुरू से ही सड़क सुरक्षा तथा यातायात के नियमों के प्रति सचेत बने और एक जिम्मेदार तथा संवेदनशील नागरिक बनकर अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करें । उन्होंने कहा कि जिस प्रकार माता-पिता बाल्यकाल से ही बच्चों में अच्छे संस्कार और अच्छी आदतें विकसित करने की कोशिश करते हैं, ठीक उसी प्रकार बच्चों में सड़क सुरक्षा की भावना को बल देने के लिए भी इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की गई ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके और किसी भी परिवार का व्यक्ति सड़क दुर्घटना में मृत्यु का ग्रास ना बने।उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पद ग्रहण करने उपरांत सड़क सुरक्षा अभियान को राज्य स्तर पर चलाया। प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाने वाली इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ती गई । इतना ही नहीं, कपूर ने अलग-अलग विभागों में रहने के बावजूद भी सड़क सुरक्षा संबंधी अभियान को लेकर निरंतर मार्गदर्शन किया और पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस अभियान के साथ जुड़े रहे। प्रतिबद्ध सोच और समाज को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए सभी विभागों , संस्थाओं तथा कार्य योजना की रणनीति बनाते हुए अभियान चलाए गए। हालांकि सड़कों पर वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ती रही लेकिन सड़क दुर्घटनाओं का जो ग्राफ वर्ष 2013-14 में था वही आंकड़ा वर्ष 2023 में रहा।उन्होंने बताया कि हरियाणा की सड़कों को आमजन के लिए सुरक्षित बनाने के लिए इस अभियान के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए । सभी विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में विभिन्न प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूक किया गया। इसके अलावा , आवश्यकता अनुरूप रोड इंजीनियरिंग अर्थात सड़क अभियांत्रिकी में सुधार करते हुए संबंधित विभाग की जवाबदेही सुनिश्चित की गई। इतना ही नहीं , दुर्घटना के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की पहल भी की गई । सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों में सड़क सुरक्षा ,ज्ञान केंद्र तथा रोड सेफ्टी क्लबो की स्थापना करते हुए इनका संचालन किया गया। सड़क सुरक्षा फंड की स्थापना कर सभी इच्छुक संस्थाओं तथा विभागों को समुचित धनराशि उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई । इतना ही नहीं, सभी शहरों में चालक प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना करते हुए वहां पर प्रशिक्षण करवाया गया।आंकड़े साझा करते हुए उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत वर्ष 2013 में 1455778 वर्ष 2014 में 34 लाख 13814 वर्ष 2015 में 43 लाख 65735 वर्ष 2016 में 44 लाख 95784 वर्ष 2017 में 30 लाख 3261 वर्ष 2018 में 35 लाख 82683 विद्यार्थियों ने भागीदारी सुनिश्चित की। इसके बाद कोरोना काल के चलते इसका आयोजन नहीं किया जा सका, लेकिन पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर ने पुलिस विभाग में अपना पदभार संभालते ही इस अभियान को पुनः चलाने का निर्णय लिया।
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