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दिल्ली नई दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

कांग्रेस पार्टी ने आयोजित पार्टी में क्या कहा, इसे जानने के लिए अवश्य पढ़े।

नई दिल्ली / अजीत सिन्हा
पवन खेड़ा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा पिछले तीन दिनों के पूरे घटनाक्रम से हमने आपको वाकिफ रखा, आपसे साझा किया। शनिवार को हमारे महासचिव, प्रभारी, जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा को एक पत्र लिखा, उसमें उनका ध्यान आकर्षित किया उनके नेताओं के खिलाफ, जो नेता हमारे नेता राहुल गांधी के खिलाफ एक डॉक्टर्ड वीडियो को चला रहे थे अपने सोशल मीडिया पर। कल हमने आपसे साझा किया कि कैसे एक चैनल, जिस चैनल ने सबसे पहले ये वीडियो चलाया, उसके खिलाफ हमने कानूनी कार्यवाही शुरु की और एक एफआईआर दर्ज कराई। जयराम रमेश ने अपने पत्र में नड्डा को 24 घंटे का समय दिया था। हमने कल रात तक प्रतीक्षा की, इंतजार किया, कोई एक्शन वहाँ से नहीं हुआ।

6 राज्यों में शिकायत दर्ज करा दी जा चुकी है। बिलासपुर में एफआईआर भी आज सुबह हो गई है। झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और छत्तीस गढ़, इन तमाम राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के जो पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे हैं, राज्यवर्धन सिंह राठौर, उनके खिलाफ, सुब्रत पाठक हैं, सांसद हैं भारतीय जनता पार्टी के, डॉ. भोला सिंह, ये भी एक सांसद हैं भारतीय जनता पार्टी के और कमलेश सैनी, एमएलए हैं उत्तर प्रदेश से, भारतीय जनता पार्टी के। तो अब तक, कल तो हमने जो इस फिल्म के कलाकार हैं, उनके खिलाफ एफआईआर की थी, आज इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक और वितरक नरेन्द्र मोदी और अमित शाह हैं असली तो, निर्माता, निर्देशक, लेकिन जो वितरक हैं उनकी पार्टी के सांसद और एमएलए, उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, एफआईआर भी दर्ज कराई है। मेरी सहयोगी सुप्रिया श्रीनेत जी, हमारी चेयरपर्सन हैं, सोशल मीडिया की, वो आपको और ज्यादा जानकारी देंगी, इस पूरे विषय पर क्या हुआ है और क्या करने जा रही हैं।

श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि धन्यवाद पवन जी और आप सबको मेरा नमस्कार। जैसा कि उन्होंने बताया हमने 6 जगह कंप्लेंट की है और एक जगह एफआईआर दर्ज हुई है। ऐसा करने पर हमारे समर्थक, हम, विपक्ष क्यों मजबूर हो रहा है, आज सवाल ये है। आज सवाल ये है कि एक पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री No Less than information and broadcasting minister के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही है और चार्ज क्या है, फेक न्यूज फैलाने के लिए जिसका अंदेशा है धार्मिक उन्माद बढ़ाना जैसा कि पवन जी ने कहा मैं फिर से दोहराकर उनको और गौरवान्ति नहीं करुंगी, जिन बाकी लोगों के खिलाफ एफआईआऱ हुई है, लेकिन एक व्यक्ति जो इस देश का मंत्री रह चुका है, जो चुना हुआ सांसद है, उनके साथ चुने हुए दो सांसद, विधायक ऐसे तमामों लोग क्यों ये फेक न्यूज फैला रहे हैं? क्यों ये फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, क्यों वो नफरत की इस आग को भड़का रहे है देश में? आज सवाल ये है और सवाल मोदी जी से सीधा है कि आपने इन लोगों को, चुने हुए सांसदों को, पूर्व मंत्रियों को, विधायकों को 2 रुपए का ट्रोल बनाकर क्यों छोड़ दिया है? एक सत्य है कि उनके पास करने को कुछ काम नहीं है, होता सब पीएमओ ऑफिस से, बेचारे खाली बैठकर क्या करें। दूसरा सत्य ये भी है कि जितनी नफरत आप भड़काइएगा, जितना झूठ आप फैलाइएगा, जितनी गंद आप करिएगा, उतना ज्यादा आपका प्रमोशन भारतीय जनता पार्टी में होगा। एक आईएनबी मिनिस्टर वो थे, जिनके खिलाफ एफआईआर हुई है और एक आईएनबी मिनिस्टर हमारे अभी प्रजेंट हैं, जिन्होंने जो बात दिल्ली दंगों के दौरान कही थी, हंस कर कही थी, उनकी पदोन्नति हो जाती है। तो आज सवाल ये है कि सोशल मीडिया का जो यूज हो रहा है, हां, उन्होंने अपनी ट्वीट डिलीट की, हाँ, ट्विटर ने उसको सर्कल करके कहा कि ये आउट ऑफ कॉन्टैक्स मीडिया है। उसको दिखाया कि ये गलत दिखा रहे हैं, लेकिन डैमेज हो चुका है और अब मैं एक तथ्यात्मक बात आपके सामने जरुर रखना चाहती हूं।

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाना, सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़ा करना एक बात है, लेकिन सोशल मीडिया का इस्तेमाल अगर आप आतंकियों के साथ मिलकर करिएगा, तो वो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इतना सेंसेटिव माहौल है आज देश का, इतनी धर्मांधता के चलते क्या हो रहा है देश में, हम सब देख रहे हैं और आपकी हिम्मत होती है कि आप विपक्ष के प्रमुख नेता, राहुल गांधी का नाम उसके साथ जोड़कर उनके खिलाफ एक फर्जी वीडियो ट्वीट करेंगे। आप चुने हुए सांसद हैं, आप मंत्री रह चुके हैं। Apart from the fall from grace, this is conspiracy, आप एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है, क्योंकि आपने ट्वीट तो डिलीट कर दिया, लेकिन जो वॉट्सअप पर आपके मैसेज हैं, वो अभी भी चल रहे हैं उस फर्जीवाड़ा के खिलाफ। तो कहीं ना कहीं आप धर्मांधता की आग को, उन्माद की आग को भड़का तो रहे ही हैं, आप राहुल गांधी का नाम उसके साथ जोड़ रहे हैं और इस मंच से हम जरुर पूछना चाहते हैं भाजपा का कोई भी नेता ये हिम्मत ना करे कि आप राहुल गांधी का या कांग्रेस पार्टी के किसी का भी नाम आतंकियों के साथ जोड़ने की जुर्रत करिए।राहुल गांधी होना आसान नहीं है। एक 8 साल का लड़का जब अपने घर वापस आया था, तो अपनी दादी को आतंकियों की गोली से छलनी देखा था। एक नौजवान जब वापस आया इस देश में तो उसे अपने पिता के शरीर के अंग नहीं मिल रहे थे, उन्होंने आतंकियों का सामना किया है। आपकी हिम्मत कैसे होती है एक झूठा वीडियो ट्वीट करने के लिए? और मुझे ऐसा लगता है कि चुने हुए प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी ज्यादा है सत्य दिखाने की, झूठ का पर्दाफाश करने की, आतंकियों के खिलाफ हमला बोलने की, देश का माहौल ठीक करने की। लेकिन जब चुने हुए प्रधानमंत्री कल तेलंगाना में बड़ी रैली करते हैं, 28 मिनट, 21 सेकंड, जुबानी जमाखर्च करते हैं और इस देश में शांति के लिए दो शब्द नहीं बोल पाते हैं, उसका नतीजा है कि उनके लोग, उसका नतीजा है कि आज चुने हुए सांसद, चुने हुए विधायकों को लगता है कि जितना झूठ फैलाओगे, जितनी धर्मांधता फैलाओगे, जितनी नफरत भड़काओगा, उतना आपका प्रमोशन होगा।

मैं कांग्रेस पार्टी का इस प्लेटफार्म एआईसीसी के मंच से कहती हूं कि सोशल मीडिया को हमें ज्यादा सेफ बनाना है। हमें सेफ महिलाओं के लिए बनाना है, it should be a platform for public discourse, it should be a platform, जहाँ पर हम पॉलिसी को, उसके बारे में बात कर सकें। अच्छे सुझाव दे सकें पॉलिसी पर। एक सकारात्मक रुख हम अपनी पॉलिटिक्स के लिए इस्तेमाल कर सकें। लेकिन सोशल मीडिया का इस्तेमाल इस देश के चुने हुए सांसद, पूर्व मंत्री, विधायक, खुद प्रधानमंत्री जी लोग फर्जीवाड़ा फैलाने के लिए करते हैं, वो अब बर्दाश्त नहीं होगा और उसी का नतीजा है कि हम न्यायसंगत जो कानूनी कार्यवाही होगी, उसकी जरुर बात करेंगे। क्योंकि ये सच है कि झूठ एक चैनल ने दिखाया। उस चैनल ने झूठ को हटाया, उसके खिलाफ जरुर कार्यवाही होगी। लेकिन उसको एम्लिफाइ करने का, उस झूठ को हवा देने का काम तो भाजपा के खुद के लोग कर रहे हैं और इनको जरा सी भी शर्म नहीं आती है।आज अपील होनी चाहिए, आपके जो नेता प्रतिपक्ष हैं, वो बैठ कर अशोक गहलोत जी की सर्वदलीय बैठक में उसकी भर्त्सना करते हैं। अपना सहयोग बताते हैं, प्रशंसा करते हैं कि अशोक गहलोत की सरकार ने कैसे एक्शन लिया और अगर आप मुझसे पूछिए कि राजस्थान ने गोधरा होने से बचा लिया, जो मोदी जी 2002 में नहीं बचा पाए थे। आपके नेता प्रतिपक्ष ये करते हैं और आपके जयपुर के सांसद और पूर्व मंत्री आकर हिंसा भड़काने की बात करते हैं, झूठ बोलते हैं, लगातार झूठ बोलते हैं। आशय क्या है, आज सवाल है? आपका आशय नफरत भड़काना है, उस नफरत की आग में अपनी रोटियां सेंकना है, लेकिन अब ये नहीं सहा जाएगा। ना ये पब्लिक डिस्कोर्स में सहा जाएगा, ना ये मेन लाइन मीडिया में सहा जाएगा, ना ये सोशल मीडिया में सहा जाएगा और खासतौर से अगर आपने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और हमारे नेता, श्री राहुल गांधी के खिलाफ इस तरह का दुष्प्रचार किया, तो उसके परिणाम आपको भुगतने पड़ेंगे और परिणाम भुगतना जरुरी है क्योंकि आप दो रुपए के ट्रोल बनने को तैयार हैं, तो जो 2 रुपए के ट्रोल के साथ होना चाहिए, वही आपके साथ न्यायसंगत कानूनी कार्यवाही होगी।

एक प्रश्न पर कि कश्मीर का एक आतंकवादी भाजपा के आईटी सेल का पदाधिकारी रहा है, इस पर क्या कहेंगे, श्री पवन खेड़ा ने कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा। लगातार एक के बाद एक उदाहरण मैं आपको बता सकता हूँ, जब भाजपा के लोग आतंकियों के साथ शामिल पाए गए, या आतंकी भाजपा के सक्रिय सदस्य रहे, ध्रुव सक्सेना से शुरु कीजिए। ध्रुव सक्सेना आईएसआई के साथ जुड़ा हुआ पाया गया। कौन था ध्रुव सक्सेना- ऑफिस बेयर्र, भाजपा। उसके बाद आप देखिए, सतना में टेरर फंडिंग केस 2017 में, 2019 में बलराम सिंह, यह भी भाजपा का एक वर्कर सतना से गिरफ्तार हुआ। कश्मीर में भाजपा की टिकट पर दक्षिण कश्मीर में अरेस्ट हुआ, वह हथियार सप्लाई करता था, आतंकवादियों को, हम उसको आपके व्हाट्सएप ग्रुप में भेज देंगे, जो उसका नॉमिनेशन पेपर है। तारीक अहमद मीर उसका नाम था। अहमद जो थे, वो नवीद बाबू नाम के व्यक्ति को हथियार सप्लाई करते थे। ये सब मीडिया में क्यों नहीं चलाया, ये बहुत बड़ा सवाल है? हो सकता है, कोई दबाव हो। डीएसपी देवेन्द्र सिंह, उसका तो जो ऑर्डर एलजी ने निकाला उसमें लिखा कि we are satisfied that in the interest of the security of state, It is not expedient to hold an enquiry in the case of Devendra Singh. राष्ट्रहित में देवेन्द्र सिंह के खिलाफ जांच नहीं होनी चाहिए, ये एलजी लिखकर दे रहे हैं, बताइए, कौन सा राष्ट्रहित है? ये किसका हित साध रहे हैं। सरेआम डीएसपी देवेन्द्र सिंह, आतंकवादियों के साथ, हथियारों के साथ रंगे हाथों पकड़ा जाए, उसके बाद उसको सिर्फ नौकरी से बाहर कर दो और कहो इंक्वायरी की आवश्यकता नहीं है। अफजल गुरु ने डीएसपी देवेन्द्र सिंह का नाम कितनी बार लिखा है, वह भी आपको चलाना चाहिए, राष्ट्रहित उसी में है। उसके बाद उदयपुर का हमने आपको बताया कैसे रियाज़ अटारी, उसको 2019 के नवम्बर में भाजपा के सदस्यता अभियान में, भाजपा के जिलाध्यक्ष, भाजपा का सदस्य बनाते हुए उसकी तस्वीर हमने आपको जारी की, उससे ज्यादा बड़ा सबूत और क्या हो सकता है।
कल जो कश्मीर में ग्रामीणों ने एक आतंकवादी पकड़ा, वह भाजपा माइनॉरिटी मोर्चा के आईटी सेल का प्रभारी निकला, स्टेट का। तो एक के बाद एक अगर इतने उदाहरण, असम के भी कुछ उदाहरण है। अब एक मुहम्मद फारुक खान, एक कन्विक्टेड टैररिस्ट, मसूद अजहर ने उसे ट्रेंड किया, जेकेएलएफ का मेम्बर था। म्यूनिसिपल इलेक्शन वार्ड नं- 33, श्रीनगर से भाजपा के टिकट पर लड़ रहा था, इससे बड़े उदाहरण कुछ मिल सकते हैं, आपको किसी और पार्टी में? ये राष्ट्रवादी अपने आप को कहते कैसे हैं? गलती हो जाए, एकाध कोई आपकी पार्टी में घुस गया हो, आतंकवादी निकले, चलो समझ में आता है, नहीं आपने ध्यान दिया होगा। गृहमंत्री के पीछे बैठा था, कल जो गिरफ्तार हुआ आतंकवादी। गृहमंत्री के साथ उसकी फोटो है। गृहमंत्री खुद सुरक्षित नहीं हैं, अगर उन्हें जानकारी नहीं थी, तो ये बहुत हैरानी की बात है। कल रविन्द्र रैना के साथ उसकी फोटो जारी हुई।
जम्मू-कश्मीर एक बहुत सैंसिटिव स्टेट रीजन है। वहाँ आप देख रहे हैं कि आतंकवादी न केवल भाजपा का ऑफिस बेयर्र है, अमरनाथ यात्रा पर हमले की योजना बनाने वाला व्यक्ति एक चित्र में गृहमंत्री के पीछे बैठा हुआ पाया जाए, बताइए, इस देश की हालत क्या बना दी है। इसलिए जांच ऐसी होनी चाहिए किसके तार कहाँ जुड़े हैं, इस देश को अब मालूम होना चाहिए।एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि एक तो मैं क्लियर कर दूँ कि ये नेशनल लेवल का प्रोग्राम नहीं है, जो भाजपा के नेता कर रहे हैं। एक जगह धर्मांधता के चलते, बर्बरतापूर्वक एक हत्या होती है। जो हत्यारा है, उसके संबंध भाजपा से उजागर होते हैं। धन्यवाद हो गहलोत सरकार का जिन्होंने कड़ी कार्रवाई और डिसाइसिव एक्शन लिया। लेकिन भाजपा के चुने हुए सांसद उस माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं, अगर ये देशद्रोह नहीं है, तो देशद्रोह क्या है? आखिर इस देश को क्यों नफरत की आग में झोंक रहे है? और ये सिर्फ राजस्थान स्पेसिफिक नहीं है क्योंकि जिन प्लेटफॉर्म्स पर उन्होंने ये झूठा वीडियो दिखाया था, वो सिर्फ राजस्थान फोकस्ड नहीं है। जिस टीवी चैनल ने ये झूठा वीडियो दिखाकर माफी मांगी, वो सिर्फ राजस्थान में नहीं दिखाया जाता है, वो पूरे देश में दिखाया जाता है। ये सोशल मीडिया से पूरे देश में प्रचारित करने की बात थी। आप राहुल गांधी के खिलाफ एक फेक न्यूज कैंपेन 8 सालों से चला रहे हैं लेकिन राहुल गांधी जी के खिलाफ आप इस घटिया स्तर पर उतर आएंगे कि आप इस देश को जलाने की, आप इस देश को टुकड़े करने में भी अचकचाएंगे नहीं, देशद्रोह अगर ये नहीं है तो देशद्रोह क्या है? इस देशद्रोह के खिलाफ देशभर में नहीं और हमें ही नहीं, हर व्यक्ति को सोचना चाहिए कि भाजपा आखिर कर क्या रही है? आप कौन से राष्ट्रवाद की बात करते हैं। आप इस देश को एक भयानक आग में झोंक रहे हैं। ये नीचे से नहीं शुरु होता है, ये ऊपर से शुरु होता है। जब प्रधानमंत्री रैली में उन शब्दों का प्रयोग करते हैं, जो दो रुपए के ट्रोल को भी नहीं करना चाहिए, तो उनके पूर्व मंत्रियों को, उनके सांसदों को, उनके विधायकों को लगता है, झूठ बोलो, नफरत फैलाओ, धर्मांधता फैलाओ, दंगे भड़काओ और भाजपा में प्रमोशन पाओ, इसलिए इसके खिलाफ बोलना जरुरी है और हम बोलेंगे।भाजपा के मंत्री राज्यवर्धन राठौर को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में खेड़ा ने कहा कि मैं आपको राज्यों की लिस्ट बता देता हूँ, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिलासपुर, छत्तीसगढ़, एफआईआर बिलासपुर में आज हुई है। राज्यवर्धन राठौर और चार अन्य के खिलाफ।अग्निवीरों की भर्ती को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में खेड़ा ने कहा कि इस देश के लाखों नौजवान प्रतिक्षा कर रहे हैं, उनको उम्मीद है, उनको अदालत से कुछ राहत मिलेगी। उनके भविष्य के साथ जिस तरह का क्रूर खिलवाड़ किया गया, मोदी जी द्वारा। अब एक मात्र रास्ता उनके सामने यही बचता है, सड़कों पर वो आए, उनको डराया-धमकाया गया, उनको तरह-तरह के भय दिखाए गए कि आपके खिलाफ अगर एक भी शिकायत होगी, तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी, लेकिन अब जो रास्ता उनके सामने बचता है, वो माननीय सर्वोच्च न्यायालय का रास्ता है, हमें उम्मीद है, उन्हें वहाँ से न्याय मिलेगा। कांग्रेस पार्टी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। किसी भी अहिंसात्मक आंदोलन का, किसी भी सत्याग्रह में कांग्रेस पार्टी उनको सहयोग करेगी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि ये मुझे लगता है कि निरंकुश योगी जी का जो पुलिस प्रशासन है, उसके मुंह पर एक करारा तमाचा है, कि अब सरकारी अधिकारी, सरकारी लोगों को भी सुरक्षा महसूस नहीं हो रही है, उत्तर प्रदेश में। इस पर हम कुछ टिप्पणी करें, उससे पहले अच्छा होगा, जो एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हैं, उत्तर प्रदेश के, जो हाथरस में भी रेप को नकार रहे थे, वो इसके खिलाफ कुछ कार्रवाई करें। न महिलाएं सुरक्षित हैं, न गरीब सुरक्षित है, न शोषित-वंचित वर्ग सुरक्षित हैं, उत्तर प्रदेश में अब सरकारी अधिकारी भी सुरक्षित नहीं है, तो सुरक्षित कौन है, ये जानना, मुझे लगता है, पूरे प्रदेश का ही नहीं, पूरे देश का काम है, क्योंकि फर्जीवाड़ों से, इधर-उधर के नंबर करके हम सबसे सुरक्षित राज्य बन गए हैं। आप कुछ लोगों की आँख में धूल झोंक सकते हैं, मैं उत्तर प्रदेश से आती हूं, और मैं जानती हूँ कि किस तरह से वहाँ पर बर्बरता होती है और किस तरह से निरंकुश पुलिस लोगों को परेशान करती है, उसका एक नमूना ये और है। किसान आंदोलन को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में खेड़ा ने कहा कि जब एक साल से ऊपर किसान हर मौसम की मार झेलते हुए सड़क पर बैठे थे, तब उस आंदोलन को नैतिक समर्थन कांग्रेस पार्टी का बिल्कुल रहा था और रहेगा। जैसा कि मैंने आपको कहा किसी भी अहिंसक सत्याग्रह में कांग्रेस उन सत्याग्रहियों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी। किसानों के साथ ये पहली बार धोखा हो रहा हो, मोदी सरकार द्वारा, ऐसा नहीं है। मोदी सरकार ने सदैव इनके साथ धोखा किया। 2022 तक आए दोगुनी कर देनी थी, 2022 के अब 6 महीने खत्म हो चुके हैं, बताइए कितने किसानों की आय दोगुनी हुई। आपने पंजाब चुनाव को देखते हुए आनन-फानन में उनको वादे किए और काले कृषि कानून लंबित रखे, हटाए, पीछे विदड्रॉ किए, लेकिन क्या हुआ एमएसपी का? क्या हुआ उन तमाम वादों का जो आपने उस वक्त किए थे, उनका धरना खत्म करने के लिए? ये सोचते हैं कि ये लोगों की आँखों में बार-बार धूल झोंक सकते हैं। वो जवान हों, वन रैंक, वन पेंशन का वादा किया, नो रैंक, नो पेंशन पर ले आए। वो किसान हों, आय दोगुनी करने की बात की, जो आय मिलती थी, उससे भी आधी कर दी। तो हर वर्ग के साथ छलावा हुआ है, हर वर्ग अपने आप को ठगा हुआ महसूस करता है। आने वाले कुछ महीनों में लोगों का रोष, लोगों का गुस्सा हमें, इस देश की अब चिंता हो रही है। मोदी सरकार को भी चिंता करनी चाहिए और तुरंत कदम उठाने चाहिए, किसानों को राहत पहुंचाने के लिए, नौजवान हों, जो बेरोजगारी का रिकॉर्ड टूटा है, 45 साल का, उस दिशा में कुछ कदम उठाने चाहिए। अब ये तालियां बटोरने का व्यापार इन्हें बंद कर देना चाहिए।

हेट स्पीच को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि सुनकर अच्छा लगा कि एक कानून बन रहा है। कानून किसके लिए बन रहा है, भाजपा के बेलगाम प्रवक्ताओं के खिलाफ, बददिमाग मंत्रियों के खिलाफ, अपने सांसदों या विधायकों के खिलाफ या खुद प्रधानमंत्री के खिलाफ? अगर हेट स्पीच हो रही है और अगर उससे हिंसा भड़क रही है, उससे माहौल बिगड़ रहा है तो 16 पार्टियों ने 4 महीने पहले से आपसे कहा है कि आप आइए, देश को संबोधित करिए, शांति की अपील करिए। आप तेलंगाना जाकर 28 मिनट, 21 सेकेंड बोलते हैं और क्या बोलते हैं, ये मुझे समझ में नहीं आया, मोदी जी क्या बोलना चाह रहे थे, उस मीटिंग में, लेकिन आप 10 सेकेंड के लिए ये नहीं बोल सकते थे कि आज देश के लोगों से मैं शांति की अपील करता हूँ। ऐसा क्या बैर है। राजस्थान के मुख्यमंत्री आपसे जैनुअनली बोल रहे हैं कि मोदी जी आपको प्रचंड बहुमत मिला था, आइए देश के सामने, ये आपका कर्तव्य है कि देश के सामने आकर शांति की अपील कीजिए । मोदी जी क्यों अचकचा रहे हैं? यही तो हम सब लोग समझना चाह रहे हैं, जो हमारी समझ से परे हैं।तो हेट स्पीच के खिलाफ कानून बनना अच्छी बात है, लेकिन उससे पहले अपने नेशनल एक्जीक्यूटिव में ही अपने दो शब्द हेट स्पीच के खिलाफ, अपने तमाम भाषणों में हेट स्पीच के खिलाफ बोल दीजिएगा, आपके भक्त, आपके ट्रोल अपने आप हिंसा भड़काना और धार्मिक उन्माद करने से थोड़ा सा कंट्रोल होगे। तो लोगों की आँख में धूल झोंकना छोड़ दीजिए। इसकी नैतिक जिम्मेदारी मोदी जी पर है। पता नहीं क्यों अचकचाते हैं, शायद राजनैतिक रोटियाँ सेंकना आसान रहता है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में पवन खेड़ा ने कहा कि किसी पर सबसे पहला केस हेट स्पीच का लगना चाहिए, एक व्यक्ति हैं, जिनके खिलाफ लगना चाहिए, जिन्होंने भाषण में कहा था कि वो कपड़ों से पहचाने जाते हैं। मैं आप पर छोड़ता हूं उस व्यक्ति का नाम, चलाइएगा। उसका नाम मैं बता भी देता हैं, शायद आप नहीं चला पाएं। उम्मीद करता हूं कहीं लाइव भी चल रहा होगा। उनका नाम है नरेंद्र मोदी और वो देश के प्रधानमंत्री हैं। देश के प्रधानमंत्री अपना राजधर्म भूल कर कहते हैं कि कपड़ों से पहचाने जाते हैं, ये होती है हेट स्पीच और ये अगर ये हेट स्पीच का कानून रेट्रोस्पेक्टिव इफैक्ट से लगेगा तो सितंबर 2002 में एक व्यक्ति हैं, जिन्होंने खैरलांजी में भाषण दिया था, हम 5 और हमारे 25, उसका नाम भी नरेन्द्र मोदी था। तब वो मुख्यमंत्री था एक राज्य का। तो हेट स्पीच पर वो जरुर कानून लाएं, मगर हमारा निवेदन है उनसे कि रेट्रोस्पेक्टिव इफैक्ट से लाएं और सबसे पहले इस व्यक्ति, जिनका नाम मैंने आपके सामने नाम लिया, पहला केस उनके खिलाफ दर्ज होना चाहिए। दूसरा, आपका सवाल महाराष्ट्र पर था। जो महाराष्ट्र में पिछले ढाई साल में हुआ। उसकी परिणिति यह हुई है कि, जो आजकल सोशल मीडिया पर जिसको अब ईडी सरकार कहा जाता है, एकनाथ और देवेन्द्र फडणवीस की सरकार बनी है, उसके पीछे जो घटनाक्रम हुआ, तमाम एजेंसी का दुरुपयोग इलेक्टोरल बांड और वैसे अरबों रुपया भारतीय जनता पार्टी पर आरोप है कि उन्होंने कमाया है, उस पैसे का दुरुपयोग और छटपटाहट कि सुबह 4 बजे शपथ लेने साहब पहुंच जाते थे और अब वही साहब बीए करने के बाद फिर से बारहवीं में आ गए। तो शरद पवार जी जो कह रहे हैं मेरे हिसाब से वो जानते हैं कि वो क्या कह रहे हैं। वो बिल्कुल ठीक कह रहे हैं इस तरह की बुनियाद पर बनी हुई सरकार ज्यादा दिन नहीं टिक सकती। आपने तमाम विधायकों को, किसी को डरा कर, किसी को धमका कर, किसी को लोभ लालच में लपेट कर एक सरकार आनन-फानन में बना तो दी, लेकिन इस सरकार की मियाद ज्यादा दिन तक नहीं है।एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री खेड़ा ने कहा कि जैसा कि शरद पवार जी ने कहा और मैं दोहराता हूं कि आगे-आगे देखिए कि होता है क्या।

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