अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को ‘झीलों का शहर’ बनाने के विजन को साकार करने के लिए केजरीवाल सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली की झीलों को पुनर्जीवित कर उन्हें आकर्षक पर्यटन स्थलों में तब्दील किया जा रहा है। इसी कड़ी में सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए जल मंत्री व दिल्ली जल बोर्ड अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को नजफगढ़ एसटीपी झील का मुआयना किया। इस मौके पर जल मंत्री ने अधिकारियों को कृत्रिम झील को उम्मीदों के अनुरूप बदलने और समय से गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही इकोलॉजिकल सिस्टम को बनाए रखने और लागत प्रभावी तरीकों के साथ ज्यादा से ज्यादा अंडरग्राउंड वाटर रिचार्ज करने के लिए परियोजना को तैयार करने को कहा है।
नजफगढ़ एसटीपी झील के निरीक्षण के दौरान जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने डीजेबी अधिकारियों को विभिन्न पहलुओं पर सुझाव दिए, जो दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा रही झीलों के कायाकल्प परियोजना का हिस्सा है। जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि केजरीवाल सरकार द्वारा द्वारका इलाके में बनाई जा रही नजफगढ़ एसटीपी झील करीब 4 एकड़ में फैली है। उन्होंने बताया कि नजफगढ़ एसटीपी झील का निर्माण कार्य प्रगति पर है और इसके पूरा होने के बाद परिसर में मौजूद एसटीपी का साफ पानी इस झील में छोड़ा जाएगा। केजरीवाल सरकार की ओर से ये नजफगढ़ द्वारका इलाके में चौथी झील बनकर तैयार हो रही है। इसके बनने से पानी को स्टोर कर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी और वॉटर ट्रीटमेंट में भी फायदा होगा।बता दें कि वर्तमान में पप्पनकलां फेज-2 का पानी नजफगढ़ एसटीपी झील में 4 किमी लंबी एक पाइपलाइन के जरिए पंप किया जा रहा है। जोकि बीओडी 10, टीएएसएस10 और एनजीटी के पैरामीटर्स के अनुसार है। यहां झील में डेढ़ महीने पहले से ही पानी भरना शुरू किया गया है और केवल 45 दिनों में ही झील के भूजल स्तर में 3.24 मीटर की वृद्धि देखी गई है।जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नजफगढ़ एसटीपी झील के निर्माण के सभी कार्य पर्यावरण के अनुसार ही किए गए है। झील के निर्माण व कायाकल्प से न केवल भूजल स्तर बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र में एक इकोसिस्टम का भी निर्माण होगा। कृत्रिम झील को बनाने के पीछे का मकसद ग्राउंड-वाटर रिचार्ज करना और आसपास के इलाकों में पानी की कमी को पूरा करना है। भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए झील में पीजोमीटर लगाए जाएंगे, जो पानी का स्तर कितना है,इसकी जानकारी देते हैं। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा की इस झील में सालभर साफ पानी भरा रहे। झील के चारों ओर लैंडस्केपिंग का कार्य कुछ महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नजफगढ़ एसटीपी झील में लोग प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। यहां लोगों को टहलने के लिए वॉकिंग ट्रेक भी होगा। बर्डवॉचिंग स्पॉट और अन्य मनोरंजक गतिविधियों के लिए भी सुविधाएं होगी। झील के किनारे जल्द ही ट्यूबवेल्स स्थापित किए जाएंगे, जोकि द्वारका के विभिन्न इलाकों में जलापूर्ति बढ़ाने में मदद करेंगे।झील कार्बन भंडारण के लिए एक सिंक के रूप में भी काम करेगी। पौधों, पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों के लिए आशियाना बनेगी। साथ ही महानगर की बढ़ती आबादी के लिए पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के अलावा गर्मी के चरम के दौरान तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी। झील से आसपास की आबोहवा भी साफ होगी और हरियाली भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए जलाशयों को जीवित करना बेहद जरूरी है। इसके लिए भी सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार लगातार काम कर रही है। झीलों के आस-पास पर्यावरण तंत्र को जीवंत करने के लिए देसी पौधे लगाए जा रहे है।
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