अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: हाल ही में देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में हरियाणा के 8 शहरों का नाम आया है। हिसार रोहतक बहादुरगढ़ गुरुग्राम जींद और मानेसर सभी का नाम इस सूची में शामिल है। प्रदूषित हवा लेने से शरीर के हर अंग को नुकसान होता हैl फेफड़े कमजोर हो जाती है,अस्थमा और एलर्जी की शिकायत बढ़ जाती है , छोटे बच्चों को सांस की दिक्कत आने लगती है, यहां तक की मां के पेट में पलते शिशु के अंदर भी पार्टिकुलेट मैटर 2.5 पहुंच जाता है। वायु प्रदूषण का गंभीरता से मुकाबला करना जरूरी है और सरकार और नागरिक दोनों को अपने कर्तव्य का पालन कर साफ हवा के लिए काम करना चाहिए। सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बहुत बड़ी समस्या है क्योंकि प्लास्टिक का चम्मच या प्लेट आप 10 मिनट इस्तेमाल करके फेंक देते हैं और उसे गलने के लिए 1000 साल लगते हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक के बचाव के लिए डॉ सारिका वर्मा ने 909 सेक्टर 31 में क्रॉकरी बैंक का आयोजन किया है। घर के कार्यक्रम के लिए क्रोकरी की आवश्यकता हो तो स्टील के प्लेट गिलास चम्मच ले सकते हैं, इस्तेमाल करके, साफ करके वापिस दे जाए। यह सेवा बिल्कुल निशुल्क है। पर्यावरण में प्लास्टिक थर्माकोल आदि को रोकने का प्रयास है। डॉ सारिका ने बताया नागरिकों को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाने चाहिएl पॉलिथीन बैग मैं कोई भी सब्जी फ्रूट ना खरीद कर लाए, उसकी जगह थैला घर से लेकर जाए। मिठाई की दुकान पर डब्बे के ऊपर पॉलिथीन ना लगाने दे। अपने घर का गीला कूड़ा कंपोस्ट करें, सभी पेपर कार्डबोर्ड प्लास्टिक रद्दी वाले को दे और केवल सेनेटरी कूड़ा इकोग्रीन के हवाले करें। अपने आसपास कहीं भी कूड़े में आग ना लगने दे , हो सके तो अपना अगला वाहन इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदें।
अपने घर से निकले हुए बैटरी तारे इलेक्ट्रिक सामान डस्टबिन में ना डालें, इन्हें अपने घर के आस-पास ई वेस्ट कलेक्शन सेंटर में दें। खट्टर सरकार से भी अनुरोध है कि वायु प्रदूषण को गंभीरता से लें। पराली जलाने की समस्या को रोकने के लिए सभी खेतों में बायो डी कंपोजर का छिड़काव कराएं । रोड डस्ट नियंत्रण में रखने के लिए वैक्यूम ट्रक चलाएं। कहीं भी कूड़ा जलने ना दें और इको ग्रीन को आदेश दे कि वो मिक्स कूड़ा बनवारी मैं ना फेंके। सोलर पावर को बढ़ावा देने के लिए बिजली विभाग में आसान तरीके से नेट मीटर उपलब्ध कराएं और सोलर की सब्सिडी भी आसानी से लोगों तक पहुंचाएं। पटाखों की भंडारण और बिक्री की अनुमति न दी जाए ताकि पूरे हरियाणा में कहीं भी पटाखे न जलाए जाएं। हर साल दिवाली के बाद A.Q.I 999 पार हो जाती है। यह कोई गर्व की बात नहीं है कि हरियाणा के लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते रहे। हमारे बच्चों के मानसिक शारीरिक विकास के लिए साफ हवा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
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