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राष्ट्रीय कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री सुष्मिता देव ने केंद्रीय वित् मंत्री निर्मला सीतारमण पर किया पलटवार-देखें वीडियो

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: सुश्री सुष्मिता देव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम देशभर में कन्या रक्षा का संकल्प लेते हैं। पर आश्चर्यजनक घटना ये है कि आज पूरे दिन में हमने ये देखा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कई प्रेस वार्ताओं के माध्यम से पंजाब में हुई एक घटना के बारे में तीव्र निंदा की। बलात्कार एक ऐसा मुद्दा है, जिसमें किसी भी प्रदेश में हो या कोई भी दल, उस प्रदेश में किसी की भी सरकार हो, सबको दुख होता है। क्योंकि बलात्कार एक ऐसी चीज है, जिसने एक बार नहीं बार-बार देश की आत्मा को हिलाया है। चाहे वो निर्भया हो, चाहे वो उन्नाव हो, चाहे वो हाथरस की बेटी हो, चाहे वो देश में कहीं भी हो, राजस्थान हो, हरियाणा हो। मुझे दुख इस बात का है कि बीजेपी के तीन नेताओं ने निर्मला सीतारमन जी, प्रकाश जावेड़कर जी और हर्षवर्धन जी ने 14 सितंबर से जबसे हाथरस की घटना हुई, पहली बार महिला सुरक्षा पर वो बोले हैं और बोले भी हैं तो किसलिए बोले हैं, उसका एक ही कारण है कि वो राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी ने जो कदम उन्होंने उठाया था हाथरस जाने का, उस पर उनको आपत्ति है। उनका मूल उद्देश्य बलात्कार की उस घटना के प्रति संवेदना नहीं है, उनका मूल उद्देश्य उस पीड़िता के परिवार के साथ संवेदनशीलता दिखाने का नहीं है – उनका मूल उद्देश्य एक ही है कि विरोधी दल के नेताओं ने जब अपने राजधर्म का पालन किया, उसकी आलोचना करना। आज बीजेपी के नेताओं ने उसी उद्देश्य से तीन-तीन प्रेस वार्ताएं देशभर में की।

मैं निर्मला सीतारमन जी से, प्रकाश जावेड़कर जी से और हर्षवर्धन जी से ये पूछना चाहती हूं कि हाथरस के वक्त आप कहाँ थे? मैं ये पूछना चाहती हूं कि उन्नाव की बेटी का जब बलात्कार हुआ, आप कहाँ थे? आज आप अपनी जुबान एक बच्ची की हत्या पर इसलिए खोल रहे हैं, क्योंकि आप उसका राजनीतिकरण कर रहे हैं और अगर आप कहीं भी इस प्रेस वार्ता को सुन रहे हैं तो कान खोल कर ध्यान से सुनिए कि हाथरस के केस में सिर्फ राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी नहीं, कई विरोधी दल के नेता वहाँ पहुंचे, जैसे त्रृणमूल कांग्रेस, जैसे जयंत चौधरी जी, समाजवादी पार्टी अलग-अलग। और उसका कारण सिर्फ बलात्कार नहीं था, उसका मूल कारण ये था कि जब किसी पर अन्याय होता है, बलात्कार होता है; किसी भी तरह से इस तरह की घटना होती है और उस प्रदेश की सरकार, उस प्रदेश की पुलिस, उस प्रदेश का हर ऑफिसर, जब पीड़िता के परिवार पर लगातार अन्याय करता है, तब विरोधी दल के नेताओं का ये राजधर्म होता है कि उनके पास हम पहुंचे। मैं निर्मला सीतारमन जी से कहना चाहती हूं कि देश के अर्थिक व्यवस्था का बेड़ा गर्ग करने के बाद आपने जुबान खोली भी तो किस मुद्दे पर खोली! महिला सुरक्षा पर खोली, जिसकी धज्जियां मोदी सरकार जबसे सत्ता में आई है, तब से उसकी धज्जियां उड़ रही हैं। मैं प्रकाश जावेड़कर जी से कहना चाहती हूं कि आपने महिला सुरक्षा पर जुबान खोली भी तो किसलिए खोली , क्योंकि बिहार में चुनाव हैं। मैं हर्षवर्धन जी से कहना चाहती हूं कि आपने पंजाब में उस बच्ची की हत्या को लेकर जुबान खोली भी तो कब खोली जब बिहार में चुनाव हैं। मैं कहना चाहती हूं इन तीने नेताओं को और बीजेपी की हर उस महिला विरोधी नेता को जिसमें हमारे देश के प्रधानमंत्री स्वयं हैं कि हाथरस और पंजाब में क्या अंतर है और पंजाब में किसी और नेता एवं किसी और पार्टी के नेताओं को जाने की जरुरत क्यों नहीं है और हाथरस में क्यों है, इसके 8 कारण हैं और कान खोलकर सुनिएगा, क्योंकि आप लोगों की जो हैवानियत उत्तर प्रदेश में आप लोगों की सरकार ने की, उसका कच्चा चिट्ठा आज मैं इस प्रेसवार्ता के माध्यम से खोलना चाहती हूं।

पहला कारण, जब हाथरस की बेटी का बलात्कार हुआ, वो एफआईआर दर्ज कराने गई। सामूहिक बलात्कार था, आपने एफआईआर में रेप का सेक्शन डालने से मना कर दिया उत्तर प्रदेश की पुलिस ने। पंजाब की सरकार ने क्या किया – 36 घंटों में जो दोषी थे, वो गिरफ्तार हुए, आईपीसी और पॉक्सो की धाराओं को एफआईआर में लिखा गया। पंजाब के मुख्यमंत्री और डीजीपी ने खुद इस केस की निगरानी की और मुख्यमंत्री ने खुद सख्त से सख्त सजा की मांग की एवं वुमेन कमीशन व एससी कमीशन दोनों कमीशन की तरफ से एसएसपी के एक्सप्लॉनेशन को कॉल किया गया। और आपने एक ऐसी बेहुदा महिला को नेशनल कमीशन ऑफ वुमेन में बैठा रखा है, जिनकी जुबान में ना लगाम है और ना उनको बोलने की तमीज है। ये पहला कारण है कि हाथरस मे जाना जरुरी था, जहाँ आप एफआईआर में रेप का सेक्शन लिखने को नहीं तैयार थे।

दूसरा कारण, 10 दिन तक आपने हाथरस की पीड़िता को अलीगढ़ में रखा, 11 दिन आपने एफएसएल का रिपोर्ट नहीं मंगवाया। जो एफएलएल की रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर रेप विक्टिम के शरीर से लेना होता है, आपने उसको 11 दिन तक उस एविडेंस को नहीं लिया। और पंजाब की सरकार ने क्या किया – पंजाब की सरकार ने 24 घंटे के अंदर पोस्टमार्टम भी किया और एफएसएल की रिपोर्ट भी उस पीड़िता के शव से लिया।

तीसरा कारण, हाथरस जाने की क्यों जरुरत थी और पंजाब की सरकार ने ऐसा कदम उठाया है कि शायद किसी के जाने से पहले ही उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन किया। तीसरा कारण ये है कि पूरे जिले का प्रशासन, पूरे प्रदेश का प्रशासन आज पीड़िता के परिवार के साथ पंजाब में खड़े हैं और आपकी उत्तर प्रदेश के डीएम ने क्या किया – उत्तर प्रदेश के डीएम ने हाथरस की बेटी के परिवार के लोगों को डराकर, धमका कर कहा कि मीडिया तो आज है कल चली जाएगी, आपको हमारे साथ रहना है। आपके उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने पीड़िता के परिवार वालों को धमकाया, वहीं पंजाब में कांग्रेस की सरकार के अंदर पूरा प्रशासन आज पीड़िता के परिवार के साथ खड़ा है।

चौथा कारण, डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट ने तो उत्तर प्रदेश में ना ही सिर्फ हाथरस की बेटी के परिवारवालों को धमकाया, एडिशनल डॉयरेक्टर जनरल ने तो सारी हदें पार कर दीं और ये एलान कर दिया कि जो दोषी लोग हैं, जो दोषी पाए गए थे हाथरस के केस में कि उन्होंने रेप किया ही नहीं, कि हाथरस की बेटी का रेप हुआ ही नहीं और पंजाब की पुलिस ने क्या किया – पंजाब की पुलिस ने पॉक्सो की धाराएं लगाई। ये कारण है कि हाथरस में सबको जाने की जरुत है और पंजाब में सरकार अपना कर्तव्य पालन कर रही है और किसी और को वहाँ जाकर न्याय करने की जरुरत नहीं है।

छठा कारण, उत्तर प्रदेश में आपने मीडिया को हाथरस के इस कांड में पहुंचने ही नहीं दिया। क्या कोई कह सकता है यहाँ मेरे मीडिया के दोस्त हैं कि पंजाब की पुलिस या पंजाब के प्रशासन ने किसी मीडिया को दोस्त को रोका, कहीं लाठी चार्ज हुआ? बिल्कुल नहीं हुआ और उसके बाद अगला कारण, सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कारण, निर्मला सीतारमन जी अपने कान खोल कर सुनिएगा कि पंजाब की सरकार ने, पंजाब के मुख्यमंत्री ने पीड़िता का जो अंतिम संस्कार किया, उसका पूरा परिवार वहाँ पर मौजूद था, पूरा गांव मौजूद था। और गांव के लोगों ने पंजाब की सरकार पर आस्था जताते हुए कहा कि हमें सख्त से सख्त सजा आरोपी के खिलाफ चाहिए। अजय बिष्ट जी ने क्या किया – अजय बिष्ट जी ने हाथरस की पीड़िता को अंधेरे में बिना किसी परिवार के सदस्य के वहाँ होते हुए, गांव के लोगों को रोकते हुए हाथरस की बेटी का अंतिम संस्कार करवा दिया। इसलिए राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी का हाथरस जाना जरुरी थी। अगर कोई सोचता है कि कांग्रेस पार्टी इन मुद्दों का राजनीतिकरण कर रही है, तो मैं अगला और अंतिम कारण बोल दूं कि इलाहाबाद की कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार के प्रति जिस तरह का खंडन किया है हाथरस के केस को लेकर, शायद देश के सामने और किसी सबूत की जरुरत नहीं है कि हाथरस कांड में क्या हुआ और देश के किसी और बलात्कार में सरकार का क्या रोल रहा।

इसलिए निर्मला सीतारमन जी से कहना चाहती हूं कि आप जिसको पिकनिक कह रहे हैं निर्मला सीतारमन जी, उसको हम अपना कर्तव्य मानते हैं। जब कोई घटना देश को हिला देती है, देश की आत्मा को हिला देती है, हमारा फर्ज बनता है वहाँ जाना। जिस तरह से आपने हाथरस की बेटी के हत्या के बाद, मौत के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने हाथरस में रैली निकाली और मीटिंग करके, सभा करके दोषियों का उन्होंने साथ दिया, क्या कोई कह सकता है कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी का ऐसा कोई नेता है, जो आज होशियारपुर में जो हुआ, उस पीड़िता के दोषी के साथ पंजाब का कोई नेता खड़ा है – बिल्कुल नहीं खड़ा है। इसलिए हाथरस जाने की जरुरत थी और जब-जब देश के किसी भी कोने में आपकी सरकार ऐसा अन्याय करेगी, हम फिर जाएंगे, चाहे उत्तर प्रदेश की पूरी पुलिस फोर्स को आप नोएडा के बॉर्डर में खड़ा कर दें या उत्तर प्रदेश या दिल्ली के बॉर्डर पर खड़ा कर दें, राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी वहाँ जाएंगे।

निर्मला सीतारमन जी आज महाअष्टमी है, हम महागौरी के रुप में कन्या पूजन करते हैं, पर आप एक महिला होकर, मैं दुख के साथ कहती हूं कि आपने फिर एक महिला का अपमान किया, एक नारी का अपमान किया, वो नारी हाथरस की बेटी है। आज आपने फिर अनदेखी की है फिरोजाबाद की बेटी जिसे अपराधियों ने घर में घुसकर गोली मार दी। 11 वहीं में पढ़ने वाली उस बच्ची का अपराध था कि उसने अपने साथ छेड़छाड़ करने वालों का विरोध किया था। आपने आज हमारे नेताओं पर ऊंगली उठाई, जो हाथरस की बेटी के खिलाफ होते अन्याय, उसके परिवार के खिलाफ होते अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना चाहते थे। उनकी लड़ाई लड़ना चाहते थे। इसलिए मैं प्रकाश जावेड़कर जी, हर्षवर्धन जी और निर्मला सीतारमन जी को बोलना चाहती हूं कि आप जनप्रतिनिधी नहीं हैं, आप एक सोच के गुलाम हैं और आप गुलाम ही रहेंगे। कांग्रेस पार्टी अपना कर्तव्य पालन करती रहेगी, राहुल जी, प्रियंका जी अपना कर्तव्य पालन करते रहेंगे।

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