अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ: राष्टीय सुरक्षा सलाहकार, अजीत डोभाल ने गुरुग्राम में ‘तीसरे युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन’ का उद्घाटन किया और दो-दिवसीय’ पुलिस एक्सपो-2020 ’की शुरुआत की। पुलिस एक्सपो का विषय ’प्रभावी और कुशल पुलिसिंग के लिए नए युग का समाधान’ है। अजीत डोभाल को इस आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर स्वागत भाषण मनोज यादव, पुलिस महानिदेशक द्वारा दिया गया। वीएसके कौमुदी (आईपीएस, महानिदेशक, बीपीआरडी) और डॉ. संगीता रेड्डी, अध्यक्ष, फिक्की ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और इस समारोह में गणमान्य व्यक्तियों और युवा एसपी को संबोधित किया।
डोभाल ने इस अवसर पर बोलते हुए पुलिस कार्यप्रणाली और कानून व्यवस्था बनाए रखने के संदर्भ में प्रौद्योगिकी के महत्व पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “पुलिसिंग में नए नवाचार और प्रौद्योगिकी प्रेरण इस देश में समग्र क्रियान्वन और कानूनों को लागू करने में बदलाव ला सकते हैं। आज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग विभिन्न जिलों में सुरक्षा उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। यह अपराधियों के व्यवहार को ट्रैक कर सकता है और कुंभ मेला जैसी सभा में भी उन्हें पहचान सकता है। विभिन्न पुलिस विभागों में डेटा का संग्रह है जो आंतरिक सुरक्षा के लिए एक संसाधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। पुलिसकर्मियों की भूमिका के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, अगर कानून प्रवर्तन विफल होता है, लोकतंत्र विफल होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने एक भाषण में कहा था कि यदि किसी पुलिस स्टेशन में हुआ एक अच्छा काम जनता तक पहुंचता है, तो पुलिस बल की विश्वसनीयता को स्वीकार किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि समाज में ये धारणा है कि यदि एक पुलिस अधिकारी कुछ भी ग़लत करता है तो वो पूरे पुलिस महकमे के लिए एक उदाहरण बन जाता है।
मनोज यादव, पुलिस महानिदेशक, हरियाणा ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर विस्तार से बातचीत करते हुए कहा कि अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर अंतिम शब्द और अथारिटी हैं। वह राष्ट्रीय सुरक्षा पर न केवल एक सिद्धांतवादी हैं,बल्कि एक प्रैक्टिशनर भी हैं। जब पुलिसकर्मी प्रभावी तरीके से तकनीक और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेंगे तो पुलिसिंग में यह कारगार हो सकती है। डॉ. संगीता रेड्डी, अध्यक्ष, फिक्की ने अपने संबोधन में समग्र आर्थिक विकास में सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा और विकास साथ-साथ चलेंगे तो नकारा त्मक परिणामों की गुंजाइश कम होती है। जब आंतरिक सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है, तो सुरक्षा की समग्र भावना को स्वीकार किया जाता है। हमारे आर्थिक विकास में सुरक्षा एक आवश्यक चालक है। हिंसा भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा बोझ है। हिंसक गतिविधियों में बर्बाद किया गया सार्वजनिक धन कल्याण में लगाया जा सकता है। यदि आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया जाता है तो यह एफडीआई को आकर्षित करता है। इसलिए,बेहतर पुलिसिंग और जनता के बीच की खाई को पाटने के लिए एक सुरक्षित और सुचारु पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
वीएसके कौमुदी, महानिदेशक, बीपीआरएंडडी ने कहा कि पुलिसकर्मियों को तकनीक व् प्रौद्योगिकी से कदमताल करने का सबसे उपयुक्त समय है। यह (एक्सपो) बेहतर पुलिस लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सुगम माध्यम है। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के लिए आंतरिक सुरक्षा के साथ स्मार्ट पुलिसिंग में सर्वोत्तम प्रथाओं की आवश्यकता है। यह दो-दिवसीय पुलिस एक्सपो आंतरिक सुरक्षा और रक्षा उपकरणों के उत्थान के लिए अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना और सीएपीएफ और राज्य पुलिस बलों की समकालीन आवश्यकताओं को पूरा करना है। मनोज यादव और वीएसके कौमुदी ने पुलिस एक्सपो के मुख्य अतिथि अजीत डोभाल को स्मृति चिन्ह भेंट किए। डोभाल ने हरियाणा पुलिस पत्रिका के दूसरे संस्करण और बीपीआरएंडडी द्वारा उपकरणों के संकलन का विमोचन भी किया।