अजीत सिन्हा/ नई दिल्ली
भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, एनसीआरटीसी ने 1 जुलाई, 2022 को डॉयचे बान इंडिया के साथ 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के कॉम्प्रिहेंसिव ऑपरेशन और मेंटिनेन्स के लिए अपनी तरह का पहला एग्रीमेंट करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह एग्रीमेंट 12 साल की अवधि के लिए किया गया है। भारत में रेल-आधारित ट्रांजिट सिस्टम अधिकांशत: सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा संचालित किए जाते हैं, जिनमें कभी-कभी कुछ गतिविधियां निजी कॉन्ट्रेक्टर्स को आउटसोर्स की जाती हैं। इस क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी सीमित रही है जो अधिकांशत: सुविधा प्रबंधन और सहायक सेवाओं के निष्पादन तक ही देखा गया है।
आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2017 में मेट्रो रेल नीति जारी की थी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ रीजनल रेल और मेट्रो रेल परियोजनाओं में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। एनसीआरटीसी ने यह लॉन्ग टर्म प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल, जिसमें ओ एंड एम गतिविधियों की व्यापक आउटसोर्सिंग सम्मिलित है, को अपनाकर मेट्रो रेल नीति-2017 के इस उद्देश्य को पूरा करने और मंत्री हरदीप सिंह पुरी के नेतृत्व में मंत्रालय द्वारा की जा रही पहल को आगे ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। डॉयचे बान इंजीनियरिंग एंड कंसल्टेंसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (डीबी इंडिया) जर्मनी की राष्ट्रीय रेलवे कंपनी डॉयचे बान एजी की सहायक कंपनी है।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री विनय कुमार सिंह, एमडी, एनसीआरटीसी ने कहा, “आरआरटीएस एक कैपिटल-इंटैन्सिव प्रोजेक्ट है, जहां यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत से समझौता किए बिना लॉन्ग टर्म सस्टेनेबिलिटी प्राप्त करना सबसे
महत्वपूर्ण है। मुझे विश्वास है कि एनसीआरटीसी द्वारा अपनाई जा रही यह पहल उन्नत तकनीक और हमारे ओ एंड एम पार्टनर की विशेषज्ञता और अनुभव का उपयोग करके, हम यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ लॉन्ग टर्म कॉस्ट की प्रीडेक्टिबिलिटी, प्रबंधकीय क्षमता और प्राइवेट सेक्टर की उद्यमशीलता की भावना का कुशल प्रयोग करने में सक्षम होंगे। मुझे विश्वास है कि एनसीआरटीसी की इस अग्रणी पहल से पूरे क्षेत्र में एक आदर्श बदलाव आएगा और यह क्षेत्र कॉस्ट इफैक्टिव और प्रतिस्पर्धी बनेगा, जिससे हमारे प्रधान मंत्री के नए भारत के सपने को साकार किया जा सकेगा।“ यह पहल निस्संदेह रूप से ज्ञान, सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय कार्य पद्धतियों और प्रबंधकीय सेवाओं के हस्तांतरण का मार्ग प्रशस्त करेगी जो भारत में मेट्रो और रेल ओ एंड एम के क्षेत्र में दुनिया भर में बेहतरीन हैं। स्थानीय इंजीनियरों का नियोजन अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता और सर्वोत्तम कार्य पद्धतियों का साथ मौजूदा कौशल सेट को सर्वोत्तम बनाएगा। इस मॉडल के माध्यम से, यह उम्मीद की जाती है कि सेवाओं के कुशल वितरण के अलावा, प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से ऑपरेशनल एफिशियंसी और परिसंपत्तियों/संसाधनों का सर्वोत्कृष्ट उपयोग होगा। यह मॉडल इंसेन्टिव एंड पेनाल्टीज़ की एक प्रणाली के माध्यम से ऑपटिमाइज़ड परफॉर्मेंस को प्रोत्साहित करता है। निजी ओ एंड एम ऑपरेटर के माध्यम से एनसीआरटीसी द्वारा विकसित ओ एंड एम मॉडल यात्रियों को विश्व स्तरीय ग्राहक अनुभव प्रदान करने में सक्षम होगा और साथ ही इस क्षेत्र में घरेलू क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा, जिसका व्यापक प्रभाव होगा। ओ एंड एम कॉस्ट की प्रीडिक्टिबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी के द्वारा यह मॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर के ब्राउनफील्ड मॉनिटाइज़ेशन के भारत सरकार के लक्ष्य को साकार करने में भी सहायक बनेगा। ऑपटिमम कॉन्ट्रैक्टिंग मॉडल का चुनाव करने के लिए, एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस के ओ एंड एम के लिए सबसे कुशल और प्रभावी तंत्र की पहचान करने के लिए स्टेक होल्डर्स के साथ व्यापक चर्चा की, ताकि ओ एंड एम पहलुओं के पूरे स्पेक्ट्रम के लिए असेट्स के बेहतर उपयोग के साथ- साथ कम से कम इंटरफेसिंग रिस्क और कॉम्प्रिहेंसिव लॉन्ग टर्म व्यू को सुनिश्चित किया जा सके। इस पहल का उद्देश्य पैसेंजर एरिया के साथ निर्बाध एकीकरण करके यात्रियों को एक बेहतर अनुभव प्रदान करना है। इसके लिए एक ऑपटिमम रिस्क मैट्रिक्स अप्रोच अपनाया गया है और रिस्क को संभालने की ज़िम्मेदारी सबसे उपयुक्त पार्टी को दी गई है। एनसीआरटीसी ने लाइफसाइकल कॉस्टिंग को नियंत्रित करने के लिए निजी भागीदारी के माध्यम से रोलिंग स्टॉक की इंटीग्रेटेड प्रोक्योरमेंट कम लॉन्ग टर्म (15 वर्ष) कॉम्प्रिहेंसिंव मेंटिनेंस के लिए भी अपनी तरह का पहला मॉडल अपनाया है। इस प्रोक्योरमेंट मॉडल को एक ओर सबसे उपयुक्त टेक्नोलॉजी और ड्यूरेबल कॉम्पोनंट के उपयोग और दूसरी ओर ऑपटिमम कॉस्ट पर नवीनतम अत्याधुनिक तकनीकों और पद्धतियों के उपयोग के लिए अपनाया गया है। कॉम्प्रिहेंसिव ओ एंड एम कॉन्ट्रैक्ट और उपरोक्त इंटीग्रेटेड प्रोक्योरमेंट कम लॉन्ग टर्म मेंटिनेंस एग्रीमेंट को अब भारतीय रेलवे और अन्य मेट्रो कंपनियों द्वारा भी अपनाया जा रहा है। आरआरटीएस का कार्यान्वयन दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक कार्य योजना' (सीएपी) का हिस्सा है और 'दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश का हिस्सा है। एक बार संचालन शुरु होने के बाद, यातायात को प्राइवेट मोड से तीव्र रेल प्रणाली में स्थानांतरित करने और मल्टीमॉडल एकीकरण और निर्बाध कनेक्टिविटी से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में परिवहन क्षेत्र द्वारा ऊर्जा के उपयोग में कमी आएगी और एनसीआर में ईज़ ऑफ लिविंग के साथ-साथ ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा मिलेगा। इससे इस क्षेत्र में प्रदूषण में भी काफी कमी आएगी। ऐसी परिकल्पना की गई है कि कुशल संचालन के माध्यम हासिल की गई बचत न सिर्फ अधिक होगी बल्कि इसका आरआरटीएस की लॉन्ग टर्म सस्टेनिबिलिटी पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
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