अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव में कर्तव्य पथ का निर्माण कर देश की आजादी के आंदोलन में शहीद हुए अमर बलिदानियों को सच्ची श्रद्धांजलि देने का ऐतिहासिक कार्य किया है। आज सभी भारतीयों के लिए खुशी का पल है कि एक और औपनिवेशिक मानसिकता का अंत हुआ है। अब कर्तव्य पथ पर अंग्रेज शासक की नहीं, हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा हमें अपने वीर बलिदानियों की गौरव गाथा का स्मरण कराएगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने झज्जर में आयोजित एक धार्मिक समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि अंग्रेज शासकों ने आजादी के आंदोलन के दौरान साढ़े 13 हजार बलिदानियों को अदालतों के माध्यम से फांसी के तख्ते पर चढ़ाया। एक अनुमान के अनुसार तीन लाख 27 हजार वीरों ने देश को आजाद कराने के लिए अपना बलिदान दिया। धनखड़ ने कहा कि आजाद हिंद फौज के 26 हजार सिपाहियों ने देश की आजादी के लिए अपना कर्तव्य निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया। पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में आज सशक्त राष्ट्र ने कर्तव्य पथ बनाकर महानायक सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज के 26 हजार वीर बलिदानियों के कर्तव्य को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने पंच प्राण में से एक औपनिवेशिक मानसिकता का निशान मिटाने के लिए सत्ता के प्रतीक तत्कालीन राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने से शहीदों का सम्मान बढ़ाया है।
आजादी के अमृत महोत्सव में नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाने के निर्णय से आजाद हिंद फौज के बलिदानियों को सच्ची श्रद्धांजलि और भावांजलि दी है। स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देशभर में उन असंख्य वीर बलिदानियों को भावांजलि दी जा रही है, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। धनखड़ ने कहा कि कर्तव्य पथ पर नेता जी की प्रतिमा, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देशवासियों को अपने वीरों के प्रति श्रद्धा के भाव पैदा करेगा और युवाओं में देशभक्ति जज्बा। उन्होंने कहा कि वहीं देश आगे बढ़ता है जो अपने अमर शहीदों को याद रखता है। धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मेंं देश राजनीतिक, सामरिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत हो रहा है । कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे पी दलाल ने भी इस ऐतिहासिक निर्णय की प्रशंसा की।
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