अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:भाजपा को आज दुबारा अरविंद केजरीवाल की ईमानदार राजनीति के आगे मुंह की खानी पड़ी। भाजपा के बड़े नेता पिछले 3 महीनों से लगा तार दिल्ली सरकार पर आरोप लगा रहे थे कि दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों की खरीद में घोटाला किया है। इसकी जांच के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच कमिटी का गठन किया जिसने 3000 दस्तावेजों की जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट में बताया कि दिल्ली सरकार पर लगे घोटाले के आरोप बेबुनियाद है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शनिवार को एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी जानकारी दी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार की जांच कमिटी बसों की खरीद में कोई खामी या गड़बड़ी नहीं निकाल पाई है। जांच कमिटी की रिपोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व की सरकार ईमानदार है। और दिल्ली प्रदेश भाजपा के नेता सरकार की छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि पहले भी भाजपा के नेताओं ने दिल्ली सरकार पर झूठे आरोप लगाए थे और जांच कमिटी ने दिल्ली सरकार से 400 फ़ाइल समन की थी। जांच कमिटी को तब भी कोई गड़बड़ी नहीं मिली थी। ये साफ करता है कि दिल्ली सरकार ईमानदारी के साथ दिल्ली की जनता के हितों के लिए काम कर रही है। भाजपा के झूठ और बेईमानी की राजनीति पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गुड गवर्नेंस, ईमानदारी और काम की राजनीति के मॉडल की पूरे देश में चर्चा हो रही है। दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता के लिए दिन रात काम कर रही है पर इससे सीखने के बजाय भाजपा के नेता नफरत और झूठ फैलाने का काम कर रहे है। जनता के हितों के लिए हो रहे काम रोक रहे हैं। भाजपा के नेताओं को शर्म आनी चाहिए और उन्हें जनता के सामने आकर माफी मांगनी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने साझा किया कि दिल्ली में 2008 से 2015 तक कोई बस नहीं खरीदी गई। 2015 में सरकार में आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक परिवहन सेवा को बेहतर करने के लिए बसों के खरीद के लिए जब भी टेंडर निकाला है तो भाजपा के नेता अड़चन लगाने का प्रयास करते है। लेकिन उनके तमाम झूठ और अड़चनों के बावजूद दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता के हितों के काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब दिल्ली में बसें आएंगी और सार्वजनिक परिवहन सेवा को ओर बेहतर बनाया जाएगा।
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