अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कोरोना योद्धा अरूण सिंह की शहादत पर उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शाम करीब 4 बजे अरुण सिंह के घर पहुंचे और उनके पिता, पत्नी और बच्चों से मुलाकात कर बात की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अरुण सिंह सिविल डिफेंस वालेंटियर थे। उन्होंने बहुत ही लगन और मेहनत के साथ अपनी ड्यूटी को अंजाम दिया। ड्यूटी के दौरान ही उन्हें कोरोना हो गया और उनकी मौत हो गई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हम उनकी शहादत को सलाम करते हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से दी गई सहायता राशि से उसके परिवार को थोड़ी मदद मिलेगी।
कोरोना योद्धा अरुण कुमार के परिजनों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि हमारे सिविल डिफेंस वालेंटियर ने पूरे कोरोना के दौरान बहुत ही शानदार काम किया। उन्होंने हर विभाग में काम किया, चाहे अस्पताल में हो या सिविल डिफंेस में हो या कोई भी काम हो, उन्होंने 24 घंटे कड़ी मेहनत और लगन के साथ काम किया। उन्हीं में अरूण सिंह जी भी एक सिविल डिफेंस वालेंटियर थे, जिन्होंने कोरोना में काम करने के दौरान उन्हें खुद भी कोरोना हो गया और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके लिए हम सभी लोग बहुत दुखी हैं। पूरी दिल्ली के लोग उनकी इस शहादत को नमन करते हैं। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना, कभी ड्यूटी में किसी भी तरह की कमी नहीं की और हमेशा सामने आकर लोगों की मदद करते रहे, सेवा करते रहे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं उनके परिवार से मिला। उनके पिता, धर्मपत्नी और दो बच्चों से मुलाकात कर बात की। उनसे कहा कि बच्चों की पढ़ाई हर हालत में होनी चाहिए, पढ़ाई नहीं रूकनी चाहिए। उनकी बेटी 12वीं कक्षा में है और छोटा बेटा 9वीं में हैं। उनकी पढ़ाई किसी भी हालत में रूकनी नहीं चाहिए। बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार जो भी संभव होगा, वह करेगी। सरकार की तरफ से परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी गई है। इस सहायता राशि से परिवार को थोड़ी मदद मिलेगी। लेकिन उन्होंने जो काम किया, उसके लिए हम सभी उनके आभारी हैं और पूरे दिल्ली के लोगों को उन पर गर्व है। गौरतलब है कि अरुण सिंह दिल्ली के उत्तम नगर इलाके के राजापुरी में परिवार के साथ रह रहे थे। उनकी द्वारका क्षेत्र में ड्यूटी थी। ड्यूटी के दौरान ही उन्हें कोरोना हो गया और कुछ दिन पहले ही इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।