अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रिंसिपल ट्रेनिंग प्रोग्राम के नए बैच के पहले सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि चार साल पहले जब हमने यह प्रशिक्षण प्रारंभ किया था, तब प्राचार्यों को स्कूल स्तर पर स्वायत्त निर्णय लेने का अधिकार दिया गया था। उन्हें एसएमसी फंड का प्रभारी बनाया गया ताकि स्थानीय जवाबदेही बने। अब आईआईएम अहमदाबाद से अनुरोध है कि हमारे स्कूलों के प्राचार्यों को और सशक्त बनाने में हमारी मदद करें।
मालूम हो कि आईआईएम अहमदाबाद द्वारा दिल्ली सरकार के 50 स्कूलों के प्राचार्यों को नेतृत्व और सशक्तिकरण प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए आईआईएम, अहमदाबाद के साथ एससीईआरटी दिल्ली ने समझौता किया है। इसके तहत विगत चार साल में अब तक प्राचार्यों के प्रशिक्षण मिल चुका है । प्राचार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य नेतृत्व दक्षता का निर्माण, उन्हें सशक्त बनाने और अपने स्कूल के प्रति जवाबदेही पैदा करना है। जब हमने चार साल पहले शुरुआत की थी, तो हमारे पास इस लीडरशिप ट्रेनिंग कार्यक्रम के माध्यम से अपने स्कूलों में बदलाव लाने का एक दृष्टिकोण था। हम प्राचार्यों को अपने स्कूलों के लिए निर्णय लेने और लागू करने के लिए वित्तीय फैसले की शक्ति देकर सशक्त बनाना चाहते थे। इसलिए हमने उन्हें एसएमसी फंड सौंपा ताकि वे सरकारी फाइल मूवमेंट के इंतजार में समय बर्बाद करने बजाय स्कूल स्तर पर हर आवश्यकता को तत्काल पूरी कर सकें। इसके कारण हमारे प्राचार्यों में जवाबदेही की भावना बढ़ी है। चार साल पहले शुरू हुई उस प्रक्रिया ने हमारे स्कूलों को सशक्त बनाया है। अब हम आईआई एम अहमदाबाद से उम्मीद करते हैं कि हमारे प्रिंसिपलों को और सशक्त बनाने में मदद करें। सिसोदिया ने कहा कि स्कूलों के प्राचार्यों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने स्कूलों का पूरा दायित्व लें। हम दिल्ली सरकार के स्कूलों को विकेंद्रीकृत स्वायत्त संस्थाओं के रूप में देखना चाहते हैं। प्राचार्य समुचित दायित्व लेकर शिक्षा क्रांति को संभव बनाएं। उन्होंने कहा कि प्राचार्य ही स्कूल चलाते हैं। मंत्री और अधिकारी सिर्फ फैसिलिटेटर हैं।
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि स्कूल प्राचार्यों का दायित्व है कि स्कूलों के सुचारू संचालन पर ध्यान दें और उनके सुधार की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि मंत्री, शिक्षा निदेशक, उपनिदेशक और अन्य शिक्षा अधिकारी सिर्फ फैसिलिटेटर हैं। स्कूल चलाना प्रत्येक स्कूल के प्रिंसिपल की जिम्मेदारी है जो पूरे स्कूल की व्यवस्था के लिए केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। अपने संबोधन का समापन करते हुए मनीष सिसोदिया ने कोरोना महामारी के दौरान यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के लिए आईआईएम अहमदाबाद को धन्यवाद दिया । उन्होंने कहा कि अनिश्चितता के इस दौर में जब स्कूल बंद हैं और नियमित कक्षाएं नहीं हो रही हैं, ऑनलाइन लर्निंग का महत्व बढ़ जाता है।सिसोदिया ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण कोई सम्पूर्ण समाधान नहीं हो सकता है, लेकिन यह आज की जरूरत है। सिसोदिया ने सभी स्कूल प्रिंसिपलों से इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध होने का अनुरोध किया। इस दौरान आईआईएम अहमदाबाद की निहारिका वोहरा ने स्कूल प्रिंसिपल की भूमिका पर प्रकाश डाला। राजीव शर्मा ने नवाचारों के लिए समाज और स्कूल की भूमिका पर चर्चा की। विजया शेरी चंद ने शिक्षकों के विकास में नवाचार पर प्रकाश डाला।