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अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमती अलका लम्बा ने आज पदभार किया ग्रहण-देखें लाइव वीडियो में


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती अलका लांबा और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती नेट्टा डिसूजा ने आज एआईसीसी मुख्यालय में एआईएमसी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। श्रीमती नेट्टा डिसूजा ने महिला कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे लिए… दोनों अलका जी के लिए और मेरे लिए आज एक बहुत ही बड़ा दिन है। अलका जी के लिए एक बड़ा दिन है क्‍योंकि आज से अलका जी आप सभी का नेतृत्‍व करेंगी, महिला कांग्रेस को संवारेंगी और महिला कांग्रेस की जो हमारी सारी बहनो कों… उनका ध्‍यान भी रखते हुए उनके साथ उनके राजनीतिक भविष्‍य के लिए, उनके उत्‍थान के लिए भी काम करेंगी। मेरे लिए भी… मैं खासकर ये कहूंगी कि मेरे लिए इसलिए एक बड़ा दिन है क्‍योंकि आज ढाई साल के बाद मुझे ये एहसास हुआ कि इतना सारा प्‍यार मैंने इस इतने कम वक्‍त में कमा लिया और आप सभी ने आज जो एहसास दिलाया मुझे… क्‍योंकि हम सुबह 10:00 बजे से आ गए थे, मीटिंग यहां पर थोड़ी लंबी चली तो हम अभी 02:00 बजे तक आप सभी से मिल रहे थे।

जो प्‍यार, जो स्‍नेह, जो सम्‍मान, जो अपनापन आपने मुझे एक गुच्‍छे में संवारकर दे दिया है… ये यादें मेरे लिए महिला कांग्रेस जो है…. मैं शुक्रिया अदा करती हूं आज शोभा ओझा जी का, जिन्‍होंने मुझे यूथ कांग्रेस से उठाकर महिला कांग्रेस में शामिल करवाया व अपने साथ एक सचिव के रूप में काम करवाया… उसके बाद साथ ही साथ 10 साल कैसे बीत गए एक सचिव के रूप में, एक महासचिव के रूप में महिला कांग्रेस के…. विभिन्‍न प्रदेशों में काम करते हुए और उसके बाद आप सभी को साथ देने का, आप सभी के साथ मिलकर राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के पद पर मुझे मौका मिला। मैं अपने आपको खुशनसीब समझती हूं कि मैं महिला कांग्रेस की पहली राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष रही हूं जो सचिव और महासचिव भी ऑल इंडिया महिला कांग्रेस में रहते हुए, यूथ कांग्रेस में रहते हुए… मैं पूरे नेतृत्‍व का, खासतौर से सोनिया जी का… क्‍योंकि उन दिनों जिन परिस्थितियों में संगठन मुझे दिया गया, जब पूर्व अध्‍यक्ष पार्टी छोड़कर गई थीं… आज जब मैं ऑफिस में बैठकर वो सारी चीजें सोच रही थी, मुझे अहसास हुआ कि मुझ पर जो विश्‍वास किया सोनिया जी ने, राहुल जी ने, मेरे लीडर राहुल जी ने, केसी वेणुगोपाल जी… जो हमारे लिए भले ही कभी स्‍ट्रिक्‍टली बोलते हैं, पर जो भी बोलते हैं वो हमारे हित के लिए बोलते हैं। जैसे मैंने अहसास किया आज आपमें से कितनों ने ये कहा – मैम आप डांटते थे न, तभी भी हमें बहुत अच्‍छा लगता था और आप लोगों ने मुझे रुला दिया आज वहां पर रूम में। मुझे विश्‍वास है कि आप सब जो हैं, वो अलका जी के कदम से कदम मिलाएंगे, अलका जी के साथ… क्‍योंकि यहां पर मैं एक बात बोल दूं सभी को – पद कोई मायने नहीं रखते हैं, संगठन में जब आपको जिम्‍मेदारी मिलती है, उस जिम्‍मेदारी को निभाते हुए आगे चलना यही संगठन है और मुझे विश्‍वास है कि इसके बाद भी आज अलका जी हैं, कल कोई और रहेगा। हमें उम्‍मीद है कि आपमें से कोई… आज यहां पर आप लोग जो इस पद ग्रहण समारोह में उपस्थित हैं… कि आप में से कोई पांच साल, छ: साल के बाद जब भी… क्‍योंकि Change is a part of strengthening the organization… तो आप सभी ये जो वक्‍त है और सीखने का है, उस वक्‍त में आप संगठन को मज़बूत बनाईए। याद रखिएगा व्यक्ति ही बड़ा नहीं होता है, पार्टी के चिन्‍ह और पार्टी से व्‍यक्ति बनता है। आप और हम जो आज यहां पर हैं, वो पार्टी की देन है।इस पद पर रहते हुए अपनी जिम्‍मेदारी निभाते हुए मुझे विश्‍वास है कि अगर मेरे से कोई ग़लती भी हुई है तो आप सब मुझे माफ़ कर दोगे क्‍योंकि मैं इंसान हूं, इंसानों से ही ग़लति‍यां भी होती हैं और ये भी मैं आप सभी बहनों को कहूंगी कि ग़लती तभी होती है जब आप काम करते हो। जो व्‍यक्ति काम नहीं करेगा न, ग़लतियां भी नहीं होगी। तो काम करने से डरो मत, संगठन जो है वो हमारी ताक़त थी, है और आगे रहेगी। जिस तरीके से सूरज और चांद को कोई नहीं मिटा सकता है, उसी तरीके से कांग्रेस के संगठन को कोई नहीं मिटा सकता है। व्‍यक्ति आकर जाएंगे, पर इस पार्टी का संगठन ही ताक़त है हमारी। साथ ही साथ मैं अब निवेदन… आख़िर में मैं दो शब्‍द ज़रूर हमारी बहन अलका लांबा जी के बारे में बताऊंगी।

अलका जी…क्‍योंकि जब मैं एनएसयूआई में थी न 1997 में, तभी अलका जी ऑलरेडी एनएसयूआई की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बन चुकी थीं और मुझे विश्‍वास है कि अलका जी के नेतृत्‍व में… जिस तरीके से अलका जी एक तेज़-तर्रार प्रवक्‍ता हैं, अब संगठन को भी तेज़-तर्रार बनकर और संगठन को, आप सभी को अपनाते हुए हम चलेंगे। मैं एक बात कहूंगी, दोबारा कहूंगी याद रखिए व्‍यक्ति बड़ा नहीं है, संगठन और कांग्रेस पार्टी सबसे बड़ी है। अब जिस घड़ी के लिए मैं पांच तारीख से वेट कर रही थी कि मैं ऑफिशियली चीजें हैंडओवर (handover) करूं अलका जी के हाथ में, जिसमें सारे मैंने इस पेन ड्राईव में पूरे स्‍टेट कमेटीज़ के डेटा, सारे डिस्ट्रिक्‍ट कमेटीज़ के डेटा, ब्‍लॉक कमेटीज़ के डेटा जो हैं, वो मैं सौंप रही हूं… साथ ही साथ एक ऑफिशियल हैंडओवर अब मैं अलका जी को देने जा रही हूं। (श्रीमती अलका जी को हैंडओवर किया गया)

अब मैं महिला कांग्रेस की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अलका लांबा जी से रिक्‍वेस्‍ट करती हूं कि वो आप सभी को संबोधित करें।  

श्रीमती अलका लांबा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी-(उपस्थित जनसमूह ने कहा-जिन्‍दाबाद), कांग्रेस पार्टी-(उपस्थित जनसमूह ने दोबारा दोहराया-जिन्‍दाबाद)। श्रीमती सोनिया गांधी-(उपस्थित जनसमूह ने कहा-जिन्‍दाबाद)। मल्लिकार्जुन खरगे जी-(उपस्थित जनसमूह ने कहा-जिन्‍दाबाद)। राहुल गांधी-(उपस्थित जनसमूह ने कहा-जिन्‍दाबाद)। इंदिरा गांधी अमर रहें-(उपस्थित जनसमूह ने कहा-अमर रहें, अमर रहें)। महिला कांग्रेस जिन्‍दाबाद-(उपस्थित जनसमूह ने कहा-जिन्‍दाबाद-जिन्‍दाबाद), महिला कांग्रेस जिन्‍दाबाद-(उपस्थित जनसमूह ने दोबारा दोहराया -जिन्‍दाबाद-जिन्‍दाबाद), जुड़ेगा भारत-(उपस्थित जनसमूह ने कहा- जीतेगा इंडिया), जुड़ेगा भारत-(उपस्थित जनसमूह ने दोबारा दोहराया – जीतेगा इंडिया), जुड़ेगा भारत-(उपस्थित जनसमूह ने एक बार फिर दोहराया – जीतेगा इंडिया), भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा कब तक-(उपस्थित जनसमूह ने कहा- न्‍याय का हक़ मिलने तक), भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा कब तक- (उपस्थित जनसमूह ने दोहराया – न्‍याय का हक मिलने तक) न्‍याय का हक़ मिलने तक। मेरी बहनों से निवेदन है कि मेरी बात को पूरी ध्‍यान से सुनिएगा, यहीं से आज का, आगे का रास्‍ता भव‍िष्‍य का तय होगा। मैं हमारी आउटगोइंग (outgoing) प्रेसिडेंट… मेरी छोटी बहन नेट्टा डिसूजा जी का, दिल्‍ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष अरविंदर लवली जी और मंच पर उपस्थित देश भर से आई मेरी महिला कांग्रेस पदाधिकारी और नेशनल में जो काम करती रहीं, सभी महिला बहनों का… ब्‍लॉक, जिला… जितनी इस कमरे में मेरे साथ खड़ी हैं, उन सबका तहेदिल से धन्‍यवाद करती हूं, आभार व्‍यक्‍त करती हूं कि आप लोग समय निकालकर यहां पर आए हैं। संदेश साफ़ है – लड़ाई कठिन है, ये लड़ाई आग का दरिया पार करके हमें निकलना है। इस आग के दरिया की शुरुआत एक बार पहले राहुल गांधी जी ने देश भर में भारत जोड़ो 4,000 किलोमीटर, 12 राज्‍यों से गुज़रने वाली दक्षिण से उत्तर तक की यात्रा में किया है। दूसरी यात्रा ‘भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा’ 14 जनवरी को मणिपुर से मुंबई तक, 6,700 किलोमीटर का सफ़र, 15 राज्‍यों से गुज़रेगी, 110 जिलों से गुज़रेगी। हमारा लक्ष्‍य अब यही है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तर्ज पर ‘भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा’ को भी हमें कामयाब बनाना है, इससे उम्‍मीदें जुड़ी हुई हैं।
दूसरा – 2024 का चुनाव हम सबके सामने खड़ा हुआ है। ये 2024 का चुनाव हमें उन सभी बहनों के लिए जीतना है जो लगातार पिछले 10 सालों से अन्‍याय का सामना कर रही हैं। हमें उस बेटी के लिए लड़ना है, किस बेटी के लिए – जहां से ये यात्रा शुरू हो रही है… मणिपुर की उन आदिवासी बेटियों के लिए, जिन्‍हें थाने से घसीटकर सामूहिक बलात्‍कार किया गया और न्‍याय नहीं मिला है अभी तक, ये लड़ाई… समझ रहे हैं गंभीरता इसकी ! यात्रा वहां से मणिपुर से शुरू हो रही है जहां पर आदिवासी बेटियों को थाने में, पुलिस स्‍टेशन की सुरक्षा से घसीटकर सामूहिक बलात्‍कार किया गया और न्‍याय मांग रही हैं, इसलिए ये यात्रा कब तक… न्‍याय का हक़ मिल जाने तक। यात्रा को आगे अगर आप लाएंगे तो आपका आता है हरियाणा… बृजभूषण शरण…देश की पहलवान बेटियां दिल्‍ली की दहलीज पर न्‍याय मांगती रहीं, अन्‍याय का सामना करती रहीं। न्‍याय मिला या नहीं मिला-(उपस्थित जनसमूह ने कहा- नहीं मिला), लड़ाई कब तक रहेगी- (उपस्थित जनसमूह ने कहा- न्‍याय का हक़ मिलने तक), लड़ाई कब तक रहेगी- (उपस्थित जनसमूह ने दोहराया- न्‍याय का हक़ मिलने तक)। बृजभूषण जब तक जेल की सलाखों के पीछे नहीं जाता और हमारी बेटियों को न्‍याय नहीं मिल जाता, तब तक ये लड़ाई जारी रहेगी। आ जाइए उत्तर प्रदेश के वाराणसी में, प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है। प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र में बीएचयू में, आईआईटी में पढ़ने वाली छात्रा के साथ सामूहिक बलात्‍कार करने वाले कोई और नहीं, भाजपा के कार्यकर्ता थे। दो महीने तक गिरफ्तारी नहीं हुई उन बलात्‍कारियों की, मध्‍य प्रदेश में चुनाव प्रचार-प्रसार कर रहे थे भाजपा के लिए। हाहाकार हुआ, तब गिरफ्तारी हुई है लेकिन न्‍याय मिला बीएचयू की बेटी को-(उपस्थित जनसमूह ने कहा- नहीं मिला), न्‍याय का हक़ मिलना है उन्‍हें, ये लड़ाई आपको लड़नी है।चलिए आ जाइए मणिपुर से… पूर्व से पश्चिम गुजरात में… 22 साल पहले 21 साल की भारत की बेटी बिलकिस बानो गर्भवती थी… एक-दो नहीं, 11 लोगों ने सामूहिक बलात्‍कार किया उस भारत की बेटी के साथ और उसके बाद लगा न्‍याय मिल गया है, लगा अब बिलकिस बानो को न्‍याय मिल गया है लेकिन 15 अगस्‍त, 2022 के दिन याद रखिए क्‍या हुआ- लाल किले की प्राचीर पर प्रधानमंत्री… जिस लाल किले की प्राचीर से ‘बेटी बचाओ’ का नारा दे रहे थे, वहां से 15 अगस्‍त, 2022 को ‘आजादी का अमृत महोत्‍सव’ का ऐलान कर रहे थे और उसी 15 अगस्‍त, 2022 को बिलकिस बानो के 11 बलात्‍कारी और हत्‍यारों को रिहा करके, उन्‍हें हार पहनाकर लड्डू खिलाए जा रहे थे। तमाम महिलाओं को देश की उच्च अदालतों, सुप्रीम कोर्ट और हमारे न्‍यायधीशों को धन्‍यवाद करना चाहिए। फटकार न लगाते, बृजभूषण के खिलाफ़ एफ़आईआर न होती। फटकार न लगाते तो मणिपुर की आदिवासी बेटियों के खिलाफ़… जो सरकार को कहा कि कार्रवाई करिए नहीं तो मैं करूंगा…कार्रवाई करनी पड़ी। बिलकिस बानो के 11 बलात्‍कारियों को भाजपा रिहा करती है, विश्‍व हिंदू परिषद के दफ्तर में बुलाकर विधायक और नेताओं के मंच सुशोभित करते हैं और गुजरात चुनाव में वोट मांगते हैं, आज सुप्रीम कोर्ट ने आदेश किया कि दो हफ्ते के बीच में वापिस जेल में इन्‍हें डालो और ये हम तय करेंगे कि दो हफ्तों के बीच में वो जेल जाएं और ये सिर्फ़ इतने ही मामले नहीं हैं। देश की अदालतों में भाई, पिता अपनी बेटियों, अपनी बहनों को लेकर चक्‍कर पर चक्‍कर काट रहे हैं, न्‍याय नहीं मिल रहा है। कौन दिलाएगा न्‍याय-(उपस्थित जनसमूह ने कहा- हम दिलाएंगे), कौन दिलाएगा न्‍याय-(उपस्थित जनसमूह ने दोहराया – हम दिलाएंगे), कौन दिलाएगा न्‍याय-(उपस्थित जनसमूह ने एक बार फिर दोहराया – हम दिलाएंगे),…बता दीजिए, अगले 100 दिन ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ न्याय का हक़ मिलने तक… अगले 100 दिन देश की तस्वीर भविष्य बदलेगा और हम अगले 100 दिन घर में नहीं बैठेंगी, सर पर कफ़न बांध कर निकलने वाली हैं। जो मेरी बहनें सर पर कफ़न और कमर बांध कर निकलने को तैयार हैं 100 दिन की जंग में देश भर में, मैं उनका स्वागत करती हूं… आईए मेरा साथ दीजिए, साथ दीजिए हमारा।राजीव गांधी जी को आज श्रद्धांजलि देंगे हम लोग। राजीव गांधी जी का सपना था कि देश की आधी आबादी को उसका हक़ देना है, उसी का आज नतीजा है कि मेरी यहाँ पर बैठी बहुत सी बहनें पंच और सरपंच हैं, पार्षद और मेयर हैं। आधी आबादी को हक़ पंचायतों में मिला, नगर पालिकाओं और निगमों में मिला… आधा मिला, लोकसभा और विधानसभा का आधा अधिकार अभी बाकी है। ये आधी आबादी अपने पूरे हक़ के लिए लड़ेगी और जीतेगी। महिला आरक्षण कानून श्रीमती सोनिया गांधी जी के लगातार संघर्ष का, कांग्रेस के संघर्ष का नतीजा है कि दस साल बाद इस सरकार को 2024 के चुनाव में जाने से पहले झुकना पड़ा और महिला कानून लाकर पास करना पड़ा। ये हमारी, आपकी जीत है… सोनिया गांधी जी और कांग्रेस की जीत है लेकिन न्याय का हक़ अभी अधूरा है। कैसे अधूरा है… महिला आरक्षण कानून तो आ गया लेकिन उसका लाभ कब मिलेगा, कब मिलेगा (सभी महिला कार्यकर्ताओं ने कहा – 2031 तक)… नहीं, राहुल गांधी जी ने हमारी बहन… युवा कांग्रेस में रहीं, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं, राज्यसभा सांसद तक राहुल गांधी जी ने उन महिला कांग्रेस की अध्यक्ष को पहुंचाया… जेपी माथुर जी हमारे बीच में हैं, राहुल जी इन्हीं के यहाँ पर… नेट्टा जी गवाह हैं… ऐलान करके आए। राहुल जी का सपना, राजीव जी के सपने से बड़ा है… कठिन है, लेकिन असंभव नहीं है। राहुल जी ने कहा कि उनका सपना है कि आप बहनें 2024 में कांग्रेस और ‘इंडिया’ अलायंस के जीतते ही महिला कानून जो बन गया है, वो लागू कर देंगे और जहाँ-जहाँ विधानसभा चुनाव होंगे, वहाँ पर महिलाएं लड़कर विधानसभा में पहुंचेंगी। वहाँ महिलाएं पहुंचेंगी, 2024 में महाराष्ट्र का चुनाव है, हरियाणा का चुनाव है… 2025 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव है। सरकार हमारी आती है, महिला आरक्षण कानून लागू हो जाएगा… महिलाएं पहुंचेंगी विधानसभा में। राहुल जी का ऐलान क्या था… राहुल जी ने ऐलान किया, उनका सपना है अगले दस साल में देश में 50 प्रतिशत राज्यों की महिलाएं मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। सवाल राहुल गांधी जी से किया मैंने – राहुल जी, कैसे संभव होगा? दस साल में देश में 50 प्रतिशत महिला मुख्यमंत्री होंगी, उन्होंने कहा – भरोसा रखो, 2024 में आएंगे, महिला आरक्षण लागू होगा… दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा का चुनाव दहलीज़ पर खड़ा है, महिलाएं आरक्षित सीटों से लड़ेंगीं। जब विधायक बन गईं तो मुख्यमंत्री की शपथ भी दिलवा देंगे, 2024 में शपथ भी दिलवा देंगे। बहुत से राज्य हैं, पहली बार विधायक बने हैं और सीधा मुख्यमंत्री की शपथ ले रहे हैं तो आप किसी कम थोड़े ना हैं। कम हैं आप किसी से (सभी महिला कार्यकर्ताओं ने कहा – नहीं)… तो राहुल जी का सपना कौन साकार करेगा? (महिला कार्यकर्ताओं ने कहा – हम करेंगे) उत्तर प्रदेश की बहनों, भाग्यशाली हैं कि प्रियंका गांधी जी आपकी प्रभारी रहीं। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा दिया। हर बहन, बेटी में जो लड़ने का जज्बा था, प्रियंका गांधी जी ने उसको जिंदा किया। 40 प्रतिशत बहनों को मैदान में उतार दिया, बिना आरक्षण के उतार दिया। हमें लगा कि हमारे विरोधी भी महिला के सामने महिला उतार ही देंगे मजबूर होकर। लेकिन नहीं… बृजभूषण शरण, कुलदीप सिंह सेंगर और पता नहीं कैसे-कैसे यौन उत्पीड़न, बलात्कार के गंभीर आरोपी धन-बल लेकर खड़े थे हमारी बहनों के सामने और सलाम करती हूं आपने हथियार नहीं डाले, मैदान नहीं छोड़ा… आप लड़ी हैं, आप लड़ी हैं। मैं आप सबसे हाथ जोड़कर कहूंगी, मेरी आज ही शपथ हुई है और मैं आज शाम को ही यहाँ आप लोगों से बात करके आप लोगों के साथ अपनी जिम्मेदारियों को… सबको जो भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में, प्रदेशों में, जिलों में, ब्लॉक और बूथ तक काम करना चाहता है… मैं सब बहनों को कहूंगी कि मैं 6 बजे तक आपसे मिलूंगी। जिनसे नहीं मिल पाऊंगी… फोन, कॉल, मैसेज, वॉट्सएप पर आप बताइए कि आप क्या जिम्मेदारी लेना चाहती हैं, किस स्तर की जिम्मेदारी लेना चाहती हैं। जैसे ही आप बताएंगी, उसके एक घंटे के अंदर आपका नियुक्ति पत्र, आपकी जिम्मेदारी और आपको पूरी तरह से… मैं खुद आज शाम 6 बजे के बाद सीधा जयपुर रवाना हो रही हूं। राजस्थान के जयपुर में प्रेस वार्ता होगी और पहली मीटिंग महिला कांग्रेस की राजस्थान, जयपुर में कर रही हूं। उसके बाद मैं दिल्ली वापस नहीं लौट रही हूं, वहीं से ही… अगले 60 दिन में राहुल गांधी जी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’… 67 दिन में मणिपुर से मुंबई 20 मार्च को पहुंचेगी और मैं इन 14 राज्यों में… अब दिल्ली नहीं आ रही हूं, हर राज्य में दो-दो दिन देते हुए देश के 25 राज्यों में आपके इलाकों में पहुंचने वाली हूं। मैं घर नहीं बैठ रही अभी। मैं कहाँ हूं, मैं क्या कर रही हूं… वहाँ के राज्य की बहनों को लेकर आगे का सफ़र कैसा है, रास्ता कैसा है… कठिनाइयां हैं, चुनौतियां हैं… राहुल जी का एक ही नारा है – डरो मत और जिसे डर नहीं लगता ना, निकल लो घर से। मांग लो इजाज़त परिवार से कि बहुत गुलामी सह ली हमने, बहुत बेड़ियां डाल दीं हमारे पैरों में, बहुत बेटियां मार दीं गर्भ में, बहुत बेटियां जला दीं दहेज की आग में, बहुत बेटियां बलात्कार, यौन उत्पीड़न की शिकार न्याय मांग रही हैं अदालतों में… न्याय नहीं है, हमें आजादी दे दीजिए, 100 दिन दे दीजिए और इस देश को असली आजादी… महिलाओं को हक़ दिलाकर दिखाएंगे 100 दिन में। मात्र 100 दिन में और ये तब होगा जब आप ये कसम खाकर निकल जाएंगी, आपके बच्चे हैं, आपका परिवार है… छोड़ना होगा सिर्फ़ 100 दिन के लिए छोड़ना होगा और यही आपकी कुर्बानी, यही आपका त्याग होगा। ये जो वीरांगनाएं खड़ी हैं, इंदिरा जी की शहादत… 40 गोलियों से छलनी किया भारत मां को, खून दिया उन्होंने अपना। आपसे भारत माता… कांग्रेस पसीना मांग रही हैं आपका। बहाएंगी पसीना… बहाएंगी पसीना? (सभी महिला कार्यकर्ताओं से पूछते हुए अलका लांबा ने कहा) (सभी महिला कार्यकर्ताओं ने कहा – हाँ)ये उत्तराखंड की बहन जो मुझे दिखी, उसके बाल इतने खूबसूरत थे… बहुत कठिन था लेकिन उत्तराखंड की बेटी की लड़ाई लड़ने के लिए उसने अपना सिर मुंडवा लिया। आप समझ रही हैं, ऐसी हमारी बहनों से जब मैं आज बैठूंगी, बात करूंगी कि इन सब बहनों… जो यहाँ तक पहुंची हैं हमारी, हर एक का बहुत बड़ा योगदान है, यूं ही नहीं यहाँ खड़ी हैं ये लोग… बहुत लंबा सफ़र संघर्ष हमने तय किया है। मैं आप सबसे बाथ जोड़कर कहूंगी, मांगिए परिवारों से समय और हमारी जो आधी आबादी… हमारे बड़े-बुजुर्ग बैठे हैं, आप बैठे हैं, सब जो हमारे भाई भी आए हुए हैं, मैं आपसे भी कहूंगी – अपनी बहनों, बेटियों को सौंप दीजिए महिला कांग्रेस को, गर्व होगा आपके ऊपर कि आपकी बहन-बेटियां जो घर बैठी हुई थीं, वो देश में अपना योगदान दे रही हैं औऱ आधी आबादी को ताक़त दे रही हैं। हर शोषित, पीड़ित को आज लग जाना चाहिए कि बस, अब महिला कांग्रेस जाग गई है और इनके नेता मुझे न्याय दिलाने, न्याय का हक़ दिलाने तक घर नहीं बैठेंगे… निकल जाइए, निकल जाइए।मैं आप सभी से कहूंगी कि दोबारा मक़सद ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को कामयाब करना है। 110 जिले… जिस राज्य, जिस जिले से गुज़र रही है, उस यात्रा में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें और उन महिलाओं को आज से संपर्क कर दीजिए। 110 जिलों में राहुल गांधी जी आ रहे हैं, आपसे मिलने आ रहे हैं। आपका दर्द, आपकी पीड़ा सुनने आ रहे हैं। आपके साथ हो रहे अन्याय को सुनने आ रहे हैं और आपके साथ न्याय का हक़ मिलने तक आपके साथ खड़े हैं… ये यकीन दिलाने आ रहे हैं। मिलिए जाकर आज से, अभी से उन बहनों से। 110 जिले कौन से हैं, किस तारीख़ को, किस समय, किन गलियों से वो यात्रा गुज़रेगी, कहाँ राहुल गांधी जी आएंगे… उनसे मिलना, मिलाना, उनका भरोसा जीतना, पार्टी संगठनों से जोड़ना आधी आबादी को… ये आपकी जिम्मेदारी है। अब ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप ऐसा करेंगी, ऐसी मुझे पूरी उम्मीद है। अब मैं आपके राज्य में आने वाली हूं। आज इस मीटिंग के बाद मैं अपने प्रदेश अध्यक्षों और जो हमारे NOB हैं, नेशनल ऑफिस बेयरर… उन सबके साथ आज मैं बैठूंगी। बाकियों के साथ बैठक में क्या हुआ, उस जानकारी को… आगे के प्लान ऑफ़ एक्शन को आपके साथ शेयर किया जाएगा।‘डोनेट फॉर देश’… ये हमारा पूरे देश में एक मास कैंपेन (mass campaign) है। आपको हर घर में हर महिला से अगर वो अपनी जेब से अपनी मेहनत, ईमानदारी का, मज़दूरी का, खेत किसान है, वो मजदूर है मनरेगा के, हमारी ग़रीब बहनें, दस-दस रुपए भी अगर आपको दें तो उसे लाखों समझना, उसे भाजपा के चंदे के सामने हमारा वो महिला का दिया दस रुपए का योगदान। तो सबसे निवेदन है ‘डोनेट फॉर देश’ में ऑप्शन है महिला कांग्रेस का, दस-बीस जिसकी जितनी, मकसद ये नहीं है कि पैसा कितना आया, मकसद ये है कि कितनी बहनों को जोड़ने में आप कामयाब रही हैं… मकसद ये है। कहाँ तक आज पहुंची हैं और अगर आप उन तक पहुंच गईं तो पक्की बात है, आप उनके साथ अन्याय अब नहीं होने देंगी क्योंकि आप उन तक पहुंच गई है, उनका विश्वास अब नहीं टूटना है। तो अभी बस यही आगे के कार्यक्रम हैं।मैंने बहुत से सेल्फी, फोटो बहुत चाहती हैं, बुके (bouquet) सब लेकर बैठी हुई हैं मेरी बहनें, मैं बिल्कुल यहाँ पर रहूंगी। आप सबसे निजी तौर पर मिलूंगी। अभी हमारी मीटिंग शुरू होगी, उसमें हमारे ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल जी उस मीटिंग को संबोधित करेंगे। अभी सुबह 11 बजे से लगभग 2 बजे तक हमारी मीटिंग चली जिसको हमारे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल जी ने उस मीटिंग लिया और उसमें महिला कांग्रेस से क्या उम्मीदें हैं, क्या हमें कार्यक्रम दिए, वो हम सब हमारी आज की मीटिंग में आदरणीय केसी वेणुगोपाल जी भी आएंगे, वो संबोधित करेंगे और उसके बाद आप सबको कार्यक्रमों की जानकारी रहेगी। सोशल मीडिया, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, वाट्सएप चैनल हैं… लगातार जुड़कर रहिए। सारी जानकारी टीवी आपको शायद दिखाए या ना दिखाए। लोग मुझे कहते हैं बीएचयू की बहन के साथ गैंगरेप हुआ, 1 जनवरी को प्रेस वार्ता हुई, आज 10 है, मुद्दा ख़त्म हो चुका है। बिलकिस बानो के बलात्कारियों को रिहा किया, मुद्दा ख़त्म हो चुका है। बृजभूषण शरण 2024 का चुनाव लड़ने और जीतने के दावे कर रहा है और उसी के दावे पर ही प्रधानमंत्री जी 400 पार करके हैट्रिक लगाने की बात कर रहे हैं। आप समझ रहे हैं उनके पास धन है, उनके पास बल है, उनके पास ताक़त है, उनके पास सीबीआई है, ईडी है, साजिशें हैं, झूठ है, हिंसा है और आप… आपके पास महात्मा गांधी जी का बताया हुआ सत्य है और अहिंसा का रास्ता है।मैं आखिरी बात कह रही हूं, दिल्ली में खड़ी हूं, राजधानी दिल्ली में खड़ी हूं, आखिरी बात और ये बात मैं कह रही हूं दिल्ली पुलिस कमिश्नर के लिए, ये बात मैं कह रही हूं राष्ट्रीय चुनाव आयोग के लिए, लेकिन आप जिन राज्यों की हैं ना, वहाँ के पुलिस कमिश्नर, पुलिस को ये बता दीजिएगा, अन्याय नहीं सहेंगी, सरकारें होंगी जिसकी भी हैं, लेकिन आप डंडे के जोर पर महिलाओं के खिलाफ़ अब अगर अत्याचार होगा, सुरक्षा देने में आप विफल होंगे, हम सड़कों पर आकर लड़ेंगे और आपको जो करना हो, कर लीजिएगा। मैं प्रवक्ता हूं, मेरे साथ और भी महिला प्रवक्ता हैं, हमें धमकियां आती हैं कि आप मोदी सरकार के खिलाफ़ बोलना बंद कर दीजिए। आप बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न, बलात्कार करने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ़ बोलना बंद कर दीजिए, वरना क्या होगा… रोज़ वीडियो, ऑडियो फोन आते हैं, आपकी गर्दन काट दी जाएगी। गर्दन एक है भाई, कितनी बार काटोगे, रोज़ काटते हो और हम रोज़ निकल जाते हैं फिर। ये धमकियों से डरने वाले नहीं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर को वीडियो, ऑडियो, मैसेज, फोटो सब भेजा… एक नहीं, दो बार भेजा। समय मांगा… हम चार महिलाएं दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मिलना चाहती हैं। समय नहीं दिया गया। आज 15 दिन हो रहे हैं, अब पुलिस कमिश्नर साहब और हर राज्य की पुलिस से कह दीजिएगा कि हमारे ऊपर और धमकियां आएंगी, हमारे ऊपर हमला होगा, हम खुद निपटना जानती हैं। हम निपट लेंगे, आप तक आएंगी भी नहीं लेकिन अगर हमारी लड़ाई हमारे देश की बेटी, बहनों के लिए है, उनके खिलाफ़ हो रहे यौन उत्पीड़न और बलात्कारों के लिए है तो अब आपसे समय नहीं मांगेगे, चार नहीं आएंगी, अब 4,000 आपके दरवाजे पर आएंगी और अब हम अंदर नहीं, आप बाहर आएंगे, सुनेंगे आप। हमारी बेटियों कीसुरक्षा की जिम्मेदारी है आपकी। भारत की राजधानी अपराध में नंबर एक पर खड़ी है। उत्तर प्रदेश की अभी जानकारी आई है, राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है। कहाँ खड़े हैं हम लोग? कब तक बर्दाश्त करेंगे?तो संदेश साफ़ है और जो गीत बज रहा था… मैं अपने भाषण के बाद वो चलाऊंगी, लाइन आपको समर्पित कर रही हूं। महिलाएं देखिए ज़रा, कितनी खूबसूरत, कोमल हैं लेकिन हमारी कोमलता को हमारी कमजोरी… अरे कोमल सी महिला, पतली सी महिला है, जान नहीं है, क्या कर लेंगी और आज दरिंदे समूह में आते हैं और बलात्कार करते थे। तो एक ही बात मैं सबको कहती हूं, हमारी कोमलता को हमारी कमजोरी समझने की भूल और ग़लती कोई ना करे, आप सबको संदेश दे दीजिएगा। कोमल हैं, कमजोर नहीं हैं… कोमल हैं, कमजोर नहीं हैं। शक्ति का नाम ही नारी है… शक्ति का नाम ही नारी है। जग को जीवन देने वाली नारी सब पर भारी है… जग को जीवन देने वाली मौत भी हमसे हारी है। और हमारी जंग इस आधी आबादी के खिलाफ़ नहीं है, इस आधी आबादी जो पुरुष भाइयों की है, इस आधी आबादी को हमें अपने साथ लेकर इनकी मदद से इन्हीं के बीच में जो घूम रहे हैं दरिंदे, जो बेटियों को नोच रहे हैं, हमें इन्हें साथ लेकर आधी आबादी को पूरी करते हुए इन दरिंदों को ढूंढकर अंजाम तक फांसी के तख्ते तक चढ़ाना है। मैं एक मासूम बच्ची को देख रही थी वहाँ पर… बहुत मासूम सी, शायद पांच साल की है, वो भी यहाँ पर आई है, उसकी मां उसको लाई है। जाइए घरों में, मां मेरी तो नहीं रही लेकिन आज मैं यहाँ पर खड़ी हूं इसलिए कि मेरी मां ने मुझे गर्भ में नहीं मरने दिया, मुझे पैदा होने दिया। ऐसी आपकी मांएं हैं, जिस दौर में आप पैदा हुई हैं… कितना दबाव होगा। आज हालात ऐसे हैं, उस समय हालात कैसे हुए होंगे। लेकिन हमारी मांओं ने हमें पैदा किया, पैदा ही नहीं किया… पढ़ाया-लिखाया, बड़ा किया और आज देखिए गर्व हो रहा है हमारे परिवार को, हमारे समाज को हम लोगों पर। हाँ या नहीं? (सभी ने कहा – हाँ) तो मां आपकी… मेरी तो स्वर्ग में हैं, मैं नमन करती हूं मां को। मेरी मां झांसी की थीं, वहाँ पैदा हुईं, वहाँ पलीं, मां झांसी में पैदा हुईं, पली-बढ़ीं। जब मैं छोटी थी, बचपन में गर्मियों की छुट्टियां होती थीं तो मां ट्रेन में लेकर जाती थीं झांसी तक और झांसी की रानी का किला दिखाती, कहानियां सुनाती ले जाती थीं। कभी नहीं सोचा था हिंदुस्तान की राजनीति में आऊंगी। एक इंदिरा गांधी जी दिखती थीं और दूसरी झांसी की रानी की मां की कहानियां कान में गूंजती थीं, नहीं मालूम था कि आज यहाँ खड़ी होऊंगी। जाऊंगी उत्तर प्रदेश के उस झांसी के अपनी मां के गांव में और उसके लिए मैं झांसी की रानी को जिन्होंने हमें प्रेरणा दी है… मां का धन्यवाद करिएगा घर जाकर, लिपट जाइएगा मां से, मां को धन्यवाद कर दीजिएगा… धन्यवाद मां, तूने हमें जन्म दिया है, तेरा नाम हम नहीं नीचा होने देंगे। जिस समाज ने तुझे बेटियों के नाम पर कोसा मां, आज वही समाज तुझे आकर बधाई देगा, तुझे बधाई देगा, तुझे अपनी बेटियों पर नाज़ करने को कहेगा।मैं कहूंगी अपने साथियों को ‘कोमल है, कमजोर नहीं’… वो गीत और वो तस्वीरें लगाएं और मैं अपनी बहनों को मिलूंगी। आप सबका तहे दिल से, मीडिया के साथियों से कहूंगी… मीडिया के साथी, मेरे भाई, मेरी बहनों, सभी लोगों को तहे दिल से धन्यवाद करती हूं, शुक्रिया करती हूं और इसी नाम के साथ – हिंद की हैं नारियां, जलती चिंगारियां, समझे ना हमें कोई फूलों की क्यारियां, हम हिंद की हैं नारियां। हम हिंद की हैं नारियां। जय हिंद।

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