अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:साइबर थाना सेंट्रल की टीम ने आज मेट्रोमोनियल साइट के माध्यम से महिलाओं के साथ साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले एक नाइजीरियन नागरिक को अरेस्ट किया है। अरेस्ट किए गए आरोपित के कब्जे से दो लैपटॉप , 9 मोबाइल फोन्स व 7 सिम कार्ड बरामद किए हैं। ये सनसनीखेज खुलासा आज डीसीपी सेंट्रल पूजा वशिष्ट ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किए हैं। डीसीपी सेंट्रल पूजा वशिष्ठ ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि अरेस्ट किए गए आरोपी का नाम जॉन पॉल है जो नाइजीरिया का रहने वाला है और फिलहाल दिल्ली के उत्तम नगर में रह रहा था। आरोपी सितंबर- 2021 में बिजनेस वीजा पर हिंदुस्तान आया था और तब से ही भारत के कुछ लोगों के साथ मिलकर साइबर फ्रॉड की वारदातों को अंजाम दे रहा है। उक्त आरोपी मेट्रोमोनियल साइट पर फर्जी आईडी बनाकर अपने आपको लंदन का नागरिक बताते हैं।
मेट्रोमोनियल साइट पर शादी के लिए रिश्ता ढूंढने वाली महिलाएं विदेशी नागरिकों की आईडी देखकर उनसे संपर्क करने की कोशिश करती हैं जिसके पश्चात आरोपी उसे अपने जाल में फंसा लेते हैं। आरोपी कहते हैं कि वह कुछ दिन में भारत आएंगे और इसके पश्चात वह उसे शादी का लालच देते हैं। कुछ समय बातचीत करने के पश्चात एक दिन महिला को कई अन्य नंबरों से फोन आता है जिसमें वह कहता है कि उसकी मां बीमार है और उसके लिए उसे पैसों की आवश्यकता है। इस प्रकार बहाने बनाकर आरोपियों ने फरीदाबाद की रहने वाली एक महिला के साथ 8 लाख रुपए की साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। इसके पश्चात जब आरोपी को पैसे प्राप्त हो गए तो अपना फोन बंद कर लेते है। पीड़िता को जब इस पर ठगी के बारे में पता चला तो 26 अप्रैल को उन्होंने इसकी शिकायत साइबर थाने में दी जिसके पश्चात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई। मामले में आगे कार्रवाई करते हुए साइबर टीम ने उक्त आरोपी को अरेस्ट कर लिया। मामले में गहनता से पूछताछ करने के लिए आरोपी को अदालत में पेश करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है जिसमें पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी कुछ भारतीय लोगों के साथ मिलकर इस प्रकार की साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं। आरोपियों ने बताया कि महिलाएं विदेशी नागरिकों की आईडी देखकर झांसे में आ जाती हैं जिसका फायदा उठाकर वह उनसे पैसे ऐंठते हैं। आरोपी के कब्जे से 2 लैपटॉप, 9 मोबाइल फोन, 7 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी द्वारा पीड़िता से फ्रॉड के माध्यम से प्राप्त रकम को 5 खातों में भेजा गया है और इन 5 खातों में करीब 1 करोड रुपए का लेनदेन होना पाया गया है जिसकी जांच की जा रही है। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपी को अदालत में पेश करके जेल भेजा जाएगा और मामले में शामिल अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी प्राप्त करके उनकी धरपकड़ की जाएगी।
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