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अपराध फरीदाबाद

एनआईटी डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या के मामले में खुलासा, पत्रकार सतीश मलिक को खामखा घसीटा जा रहा हैं।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : एनआईटी डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या के मामले में आज खुलासा किया गया है कि निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल सईद को अपने भांजे को दर्ज मुकदमें से नाम हटाने और एक मिला मित्र की पति के हक़ में फैसला देने का दबाव उनपर बना रहा था। ऐसा न करने पर महिला मित्र से नजदीकी होने की झूठी खबर अपने दोस्त पत्रकार सतीश मलिक से बोलकर छपवा देगा और फिर तुझे बदनाम कर देंगें जैसे पहले बदनाम किया था। इस केस में अभी जांच जारी हैं। इस दौरान और भी बातें सामने आ सकती हैं। किसी पत्रकार के नाम लेकर किसी को कोई शख्स धमकी देता हैं जो मौके पर है ही नहीं, क्या उस पत्रकार के खिलाफ आत्महत्या को मजबूर करने का मुकदमा पुलिस दर्ज कर लेगी। पुलिस की इस कार्रवाई के बारे में सुन कर हर किसी को हैरानी होती हैं।

पुलिस के इस खुलासा के हिसाब से इस केस में पत्रकार सतीश मलिक को गलत फंसाया गया हैं ऐसा प्रतीत होता हैं। पुलिस महकमा इस केस को अपने ऊपर लगे दाग को हटा कर एक पत्रकार सतीश मलिक के ऊपर थोपना चाहती हैं,डीसीपी विक्रम कपूर की आत्महत्या करने की दुःख सभी पत्रकारों को भी हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा भेजे गए प्रेस नोट से ऐसा महसूस किया जा रहा हैं और इस केस को और दिशा में ले जाने की कोशिश किया जा रहा हैं। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह का कहना हैं कि एसएचओ अब्दुल शहीद के भांजे अरसद का नाम थाना मुजेसर मे दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमे में शामिल था, जिसका नाम मुकदमा से निकालने के लिए निलंबित एसएचओ अब्दुल सईद लगातार स्वर्गीय एनआईटी डीसीपी विक्रम कपूर पर दबाव बना रहा था। उनका कहना हैं कि पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी अब्दुल सईद ने बताया कि उनकी एक महिला मित्र है जिनका अपने ससुर से प्रॉपर्टी का विवाद चल रहा है जो प्रॉपर्टी विवाद की दरखास्त महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई थी जिसकी जांच स्वर्गीय एनआईटी डीसीपी विक्रम कपूर के क्षेत्राधिकार में आती थी, पर महिला मित्र के हक में जांच करवाना चाह रहा था।



आरोपित ने बताया कि उसने डीसीपी विक्रम कपूर को बोला था कि अगर मेरे भांजे अरसद को बाहर नहीं किया और मेरी महिला मित्र की दरखास्त पर कार्यवाही नहीं की तो मैं अपनी महिला मित्र “”जो कि मेरे इशारों पर चलती है”” उसके साथ मिलकर तुझे झूठे केस में फंसा दूंगा और मै अपने पत्रकार साथी सतीश मलिक से फरीदाबाद के अखबारों में तेरे खिलाफ ऐसी-ऐसी खबर छपवा आऊंगा कि तू आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएगा। आरोपी ने पूछताछ में कबूला है कि वह और उसका दोस्त सतीश मलिक पिछले 3 महीने से लगातार स्वर्गीय डीसीपी विक्रम कपूर को परेशान कर रहे थे। आरोपी इंस्पेक्टर अब्दुल सईद ने पुलिस को बताया कि कई बार वह डीसीपी विक्रम कपूर की कोठी पर जाकर डीसीपी विक्रम कपूर साहब को दोनों के केसो के संबंध में अपने मन के मुताबिक कार्य करने के लिए दबाव बनाता था। उसने यह भी बताया कि 13.8.2019 को भी वह डीसीपी विक्रम कपूर साहब के सरकारी आवास पर गया था और डीसीपी विक्रम कपूर साहब को मेरे हक के मुताबिक मेरी इच्छा के मुताबिक कार्य करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना किया तो, मैने गुस्से में आकर उनको तेज आवाज में बात कर ही रहा था,की,तभी,मेरी तेज आवाज सुनकर स्वर्गीय डीसीपी साहब की पत्नी भी वहां पर आ गई थी।

इसके बावजूद भी,आरोपी ने कहा की अगर मेरे भांजे अरसद को केस से नहीं निकाला वा मेरी महिला मित्र के पति के द्वारा दी गई दरखास्त पर आपने सही कार्यवाही नहीं की तो मैं अपने दोस्त सतीश पत्रकार से कहकर आपके खिलाफ झूठी खबर निकलवा दूंगा व अपनी महिला मित्र से आपके ऊपर झूठे इल्जाम भी लगवा दूंगा और इस झुठे इल्जाम के सहारे तेरा वो हाल कर देंगे कि आत्महत्या करने के अलावा तेरे पास और कोई रास्ता नही बचेगा,ये धमकी देकर मै उनके घर से आ गया था। मैंने अपने दोस्त सतीश पत्रकार से मिलकर पहले भी तेरे खिलाफ अखबार में तेरी छवि धूमिल करने व बदनाम करने के लिए काफी छपवाया है। लेकिन इस बार कुछ ऐसा अखबार में निकलवाएंगे जिसे तू बर्दाश्त नहीं कर सकेगा। एसआईटी इंचार्ज और एसीपी क्राइम अनिल यादव ने बताया कि आरोपित अब्दुल सईद व उसके आरोपित दोस्त सतीश पत्रकार से परेशान होकर डीसीपी साहब ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस केस में अभी तफ्तीश जारी है जो भी अन्य तथ्य सामने आएंगे वह आपको अवगत कराए जाएंगे। एफआईआर में नामजद व आरोपित अब्दुल शहीद के पत्रकार दोस्त सतीश की तलाश जारी है जिसको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

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