अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली में अभी तक बीएफ.7 वेरिएंट का कोई केस नहीं मिला है, फिर भी ‘‘आप’’ की सरकार हर स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार है। इसलिए कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर दिल्लीवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। चीन में कोरोना का नया वेरिएंट बीएफ.7 है। दिल्ली में अभी तक की जांच में इस वेरिएंट का कोई केस नहीं मिला है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना को लेकर आज आपात बैठक के दौरान दिल्लीसियों को भरोसा देते हुए यह बात कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को पॉजिटिव केस जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने, प्रिकॉशन डोज बढ़ाने, जरूरी चीजों की खरीद के लिए अप्रूवल लेने, अस्पतालों में मशीनों का निरीक्षण व मैन पावर बढ़ाने के निर्देश भी दिए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अगर जरूरत पड़ेगी तो हम रोजाना एक लाख तक टेस्ट कर सकते हैं। कोरोना की पिछली पीक में हमने 25 हजार बेड्स तैयार किए थे। इस बार तैयारी 36 हजार बेड्स की है।
वर्तमान में हमारे पास 928 मीट्रिक टन ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता के साथ छह हजार ऑक्सीजन सिलेंडर और 15 ऑक्सीजन टैंकर्स हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहली व दूसरी डोज लगभग 100 फीसद लोगों को लग चुकी है, लेकिन प्रिकॉशन डोज केवल 24 फीसद लोगों ने लगवाई है। सभी दिल्लीवासियों से मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है कि प्रिकॉशन डोज जरूर लगवा लें। कोरोना वायरस के एक बार फिर संक्रमण की संभावना बढ़ने के मद्देनजर दिल्ली सरकार अलर्ट हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों को केंद्र सरकार से मिले दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। चीन समेत कई देशों में कोविड के मामलों में आई तेजी के मद्देनजर सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से उपलब्ध ऑक्सीजन, बेड समेत अन्य उपकरणों की जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कोविड पर करीब से नजर रखने के निर्देश दिया और किसी भी तरह की लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। इस बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्य सचिव समेत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के उपरांत सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि चीन समेत कई देशों में कोरोना के केस बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं, जिसको लेकर भारत में भी चिंता जाहिर की जा रही है। चीन में कोरोना का बीएफ.7 वेरिएंट हैं। दिल्ली में बीएफ.7 का अभी तक एक भी केस नहीं मिला है। इसलिए अभी फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना के केस की टेस्टिंग तो हम कर ही रहे है। बीएफ.7 वेरिएंट न केवल टेस्टिंग में बल्कि हम कई जगह से, खासकर दिल्ली के 7 अलग-अलग जगहों से सीवेज उठाते हैं। सीवेज से एडवांस में पता चल जाता है कि शहर में कोरोना का बीएफ.7 वायरस है या नहीं है। सात अलग अलग जगह से रोजाना सीवेज उठाकर टेस्ट किया जाता है। उसमें भी अभी तक बीएफ.7 वेरिएंट अभी तक नहीं मिला है। दिल्ली में अभी जो भी थोड़े बहुत कोरोना के केस आ रहे हैं वो एक्स बीबी वेरिएंट के हैं। या तो वो एक्स बीबी वेरिएंट के है या उसके सबलिनिएज है। 92 फीसद केस दिल्ली में एक्स बीबी वेरिएंट के है। इसमें बेहद मामूली लक्षण है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक फिलहाल दिल्ली के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मैं दिल्ली के लोगों को आश्वासन देना चाहता हूं कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। भगवान न करें कि दोबारा कोरोना फैले। लेकिन अगर फैलता है, तो हम अपनी तरफ से पूरी तैयारी के साथ है। भारत सरकार की दिशा निर्देशों के मुताबिक हम आने वाले सभी पॉजिटीव केसों की जिनोम सिक्वेसिंग करावाते हैं। ताकि पता चल सके कि उसमें कौन सा वेरिएंट है। दिल्ली में रोजाना ढाई हजार कोरोना केस की टेस्टिंग होती है। हमारी टेस्ट की क्षमता अब एक लाख तक पहुंच चुकी है। अगर जरूरत पड़ेगी तो हम रोजाना एक लाख टेस्ट भी कर सकते हैं। आज हमारे पास कोरोना के लिए अलग से 8 हजार बेड रखे हुए हैं। यदि जरूरत पड़ी तो वर्तमान में करीब 8 हजार बेड खाली रखे हैं। पिछली कोरोना की पीक में हम 25 हजार बेड तक तैयार किए थे। इस बार हमारी तैयारी 36 हजार बेड्स तक की है। अगर जरूरत पड़ेगी तो हम 36 हजार बेड्स कोरोना से निपटने के लिए तैयार कर सकते हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछली बार ऑक्सीजन की काफी दिक्कत हुई थी। ऑक्सीजन की सबसे बड़ी दिक्कत यह हुई थी कि एक तरफ ऑक्सीजन मिल नहीं रही थी और दूसरी तरफ ऑक्सीजन मिल भी रही थी तो दिल्ली में हमारे पास स्टोर करने की क्षमता नहीं थी। अब हमने क्षमता बढ़ा दी है और आज हमारे पास 928 मीट्रिक टन ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता है। पिछली बार ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहे थे। लोग अपने-अपने मरीजों को लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर ढूंढ रहे थे। अभी हमारे पास पूरी दिल्ली में सभी अस्पतालों में जितने सिलेंडर लगे हुए हैं, उसके अलावा 6 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर्स रिजर्व में हमारे पास खाली पड़े है। जरूरत पढ़ने पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। पिछली बार कोरोना महामारी चरम होने के दौरान ये आक्सीजन सिलेंडर्स हमने चीन से आयात किए थे। पिछली बार एक दिक्कत यह भी थी कि अगर कोई भी राज्य कह देता था कि आप ऑक्सीजन उठा लो, तो हमारे पास ऑक्सीजन लाने के लिए टैंकर्स नहीं थे और कहीं से टैंकर उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे। लेकिन आज दिल्ली सरकार के पास अपने 12 टैंकर्स हैं और 3 प्राइवेट में उपलब्ध है। यानी 15 ऑक्सीजन टैंकर दिल्ली सरकार के पास उपलब्ध है। अगर जरूरत पड़ेगी तो ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट करने के लिए हमने टैंकरों की भी व्यवस्था कर ली है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पहली और दूसरी डोज करीब 100 फीसद लोगों को लग चुकी है। प्रिकॉशन डोज केवल 24 फीसद लोगों ने लगवाई है। मेरा सभी लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन है कि प्रिकॉशन डोज जरूर लगवाएं। मैंने आज बैठक में भी यह बात सभी से कही है कि हमें दोबारा घर-घर जाकर लोगों को प्रिकॉशन डोज लगवाने का प्रयास करना चाहिए। हमारे डॉक्टर्स घर-घर जाते हैं, फिर भी कुछ लोग प्रिकॉशन डोज नहीं लगवाते हैं। ऐसे में सभी से निवेदन है कि प्रिकॉशन डोज जरूर लगवा लें। वर्तमान में हमारे पास 380 एंबुलेंस तैयार हैं। आज और भी एंबुलेंस के लिए हमने ऑर्डर दिए हैं। हम कोरोना से लड़ने को तैयार हैं। पर भगवान न करे कि दिल्ली और देश में कोरोना फैले। लोग सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें। ऐसी भगवान से प्रार्थना है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से कोविड की ग्लोबल स्थिति की जानकारी दी। अधिकारियों ने डब्ल्यूएचओ के हवाले से बताया कि चीन समेत कई देशों में कोविड तेजी से पैर पसार रहा है। 12 से 18 दिसंबर के बीच कोविड के संक्रमण की रफ्तार उसके पिछले सप्ताह की तुलना में करीब तीन फीसद ज्यादा है। अधिकारियों ने बताया कि कोविड के संक्रमण को रोकने के लिए विभाग पूरी तरह से गंभीर है और प्राप्त दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जा रहा है। विभाग की तरफ से लगातार जांच की जा रही है। साथ ही, नए दिशा निर्देशों के अनुपालन पर भी काम शुरू कर दिया गया है।इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पूरी गंभीरता के साथ कोविड पर नजर रखने के सख्त निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमितों की जांच में तेजी लाई जाए। कोरोना वायरस के उभरते नए स्वरूप पर नजर रखी जाए। इसके लिए कोरोना संक्रमित मरीज के सभी सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है, ताकि अगर कोरोना का कोई नया स्वरूप उभर रहा है तो उसका पता चल सके और उस पर त्वरित कदम उठाया जा सके। अभी स्वास्थ्य विभाग के पास प्रतिदिन टेस्ट की क्षमता एक लाख से अधिक है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के मामले बढ़ने की संभावना को देखते हुए मरीजों के लिए बेड की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। अस्पतालों में उपलब्ध बेड के अलावा भी हमें अतिरिक्त बेड की व्यवस्था पहले से ही करनी होगी ताकि अगर जरूरत पड़े तो किसी को दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 13 जगहों पर आठ हजार से अधिक बेड क्रिएट किए जा सकते हैं और उस पर काम करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि 1100 से अधिक केस का होम आइसोलेशन में इलाज कर सकते हैं।सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण की संभावना को देखते हुए अस्पतालों में जिन-जिन चीजों की जरूरत है और अगर वो अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, तो समय रहते उसका अप्रूवल और टैंडर कर लिया जाए। ऑक्सीजन, टैंकर्स, एंबुलेंस और चिकित्सा उपकरण समेत अन्य आवश्यक सामग्री को खरीदने के लिए अभी से ही टैंडरिंग और अप्रूवल आदि प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, ताकि अगर आपदा की स्थिति आती है, तो तुरंत उसका वर्क ऑर्डर जारी कर उसे ले सकते हैं। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो ऑक्सीजन आपूर्ति कर्ता हैं, उनके साथ बैठक कर लें और उनको बता दें कि जरूरत पड़ने पर कितनी ऑक्सीजन ली जा सकती है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि दिल्ली के सभी अस्पतालों का निरीक्षण कर लिया जाए। चाहे सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट अस्पताल हो, सभी में उपलब्ध मशीनों का निरीक्षण कर लिया जाए कि वो चल रही हैं या नहीं। अगर खराब है, तो संबंधित अस्पताल को उसको तत्काल ठीक कराने का निर्देश दें। ऐसा नहीं होना चाहिए कि आपात स्थिति में मशीन खराब हो और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़े।सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी सरकारी अस्पतालों में कोरोना की स्थिति को देखे हुए आपात हालात से निपटने के लिए मैन पावर बढ़ाने के भी निर्देश दिए। पिछली लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने आवश्यकता के अनुसार मैन पावर बढ़ाया था और उनको प्रशिक्षण भी दिया था। पिछली बार जो मैन पावर तैयार किया गया था, उनका भी इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरी खुराक के लिए आगे आने वाले लोगों की संख्या में कमी को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी दिल्लीवासियों से अपनी सुरक्षा के लिए प्रिकॉशन डोज लेने की अपील की है। जबकि अधिकांश हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रिकॉशन डोज के साथ टीका लगाया गया है। 18-59 और 60 आयु वर्ग के नागरिकों को जल्द से जल्द प्रिकॉशन डोज लगाने की आवश्यकता है। तीनों कटेगरी के 1.4 करोड़ से अधिक लोगों को प्रिकॉशन डोज दी जानी है, जबकि 33.58 लाख से अधिक लोगों को उनकी प्रिकॉशन डोज मिल चुकी है। प्रत्येक नागरिक को समय पर टीका मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को जागरूकता कार्यक्रम चलाने और सभी को आगे आने और अपनी प्रिकॉशन डोज लेने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया है।सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने दिल्लीवासियों के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोगों का वैक्सीनेशन करने में बड़ी सफलता हासिल की है। 21 दिसंबर 2022 तक दिल्ली में 3.73 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। 18 से अधिक आबादी के बीच पहली खुराक के मामले में दिल्ली ने 112 फीसद कवरेज हासिल किया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 98 फीसद कवरेज है। वहीं, दूसरी खुराक के मामले में दिल्ली ने 97 फीसद कवरेज हासिल किया है जबकि राष्ट्रीय औसत 92 फीसद है। 15-17 वर्ष के आयु वर्ग में, दिल्ली सरकार ने पहली खुराक में अब तक 99 फीसद कवरेज हासिल किया है जबकि राष्ट्रीय औसत 84 फीसद है। वहीं, दूसरी खुराक के मामले में दिल्ली ने 86 फीसद कवरेज हासिल किया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 72 फीसद है। इसी तरह, 12-14 आयु वर्ग में, दिल्ली सरकार ने पहली खुराक के मामले में 111 फीसद कवरेज हासिल किया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 88 फीसद है और दूसरी खुराक में दिल्ली ने 80 फीसद कवरेज हासिल किया है जबकि राष्ट्रीय औसत 69 है। दिल्ली में 21 दिसंबर 2022 तक 928.58 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) है। इसके अतिरिक्त राज्य भर में 8 आरक्षित भंडारण टैंकों में एलएमओ का 442 मीट्रिक टन बफर है। वर्तमान में, चिकित्सा संस्थानों के पास ऑक्सीजन सिलेंडरों में 224.89 मीट्रिक टन एलएमओ संग्रहित है। सरकार के पास अपने रिजर्व में 6,000 अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। दिल्ली में कुल 98 पीएसए प्लांट हैं, जिनकी क्षमता 116.96 मीट्रिक टन है। सरकार के पास प्रतिदिन 1400 सिलेंडरों को फिर से भरने के लिए 12.5 मीट्रिक टन एलएमओ की क्षमता वाले 2 क्रायोजेनिक बॉटलिंग प्लांट भी उपलब्ध हैं। राज्य के बाहर संयंत्रों से ऑक्सीजन के परिवहन के लिए दिल्ली में कुल 15 एलएमओ टैंकर उपयोग के लिए तैयार हैं जिनमें 12 डीटीसी के तहत और 3 निजी एजेंसियों के तहत हैं।
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