अरविंद उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा के थाना 24 पुलिस और एंटी ऑटो थेफ्ट टीम ने ट्रकों की फर्जी कागजात बनाकर रोड पर चलने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है इस गैंग में शामिल ट्रक मालिकों समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। गैंग के चार आरोपी अभी फरार बताए जा रहे हैं पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से पुलिस टीम ने एक आयसर कैंटर, एक हाईवा, दो ट्रक 14 टायरा, एक 12 टायरा ट्रक, फर्जी इंजन नंबर व चेचिस नंबर लगाने के उपकरण, फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व फर्जी नंबर प्लेट बरामद की गई है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े शकील अहमद, शाहनवाज, जियाउलहक, वसीम राणा, हारून, गढ़ी सूरजमल, इन्द्रपाल, हरीश चंद नागर और सागर चौधरी को एक इनपुट पर -24 थाना पुलिस व एंटी ऑटो थेफ्ट टीम ने रविवार को सेक्टर-32 से गिरफ्तार किया है। एडीसीपी नोएडा ज़ोन-1 रणविजय सिंह ने बताया कि कि पकड़े गए आरोपी फाइनेंस पर ट्रक व हाईवा आदि खरीदते हैं। ये लोग इनकी किस्तें नहीं चुकाते थे और ट्रक को चोरी कराकर खुद ही थानों में ट्रक चोरी की एफआईआर दर्ज करा देते थे। ऐसे वाहनों की सस्ते दामों पर खरीद फरोख्त होती है। इसके बाद पंजाब के भटिंड़ा से डेढ़ से तीन लाख रुपये में फर्जी कागजात बनवाते थे। इन कागजात पर जो नंबर होते थे वो ही नंबर ये लोग इन वाहनों के इंजन व चेसिस नंबर पर बदल देते थे।
रणविजय सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपी फाइनेंस पर ट्रक व हाईवा आदि खरीदते हैं। ये लोग इनकी किस्तें नहीं चुकाते थे और ट्रक को चोरी कराकर खुद ही थानों में ट्रक चोरी की एफआईआर दर्ज करा देते थे। ऐसे वाहनों की सस्ते दामों पर खरीद फरोख्त होती है। इसके बाद पंजाब के भटिंड़ा से डेढ़ से तीन लाख रुपये में फर्जी कागजात बनवाते थे। इन कागजात पर जो नंबर होते थे वो ही नंबर ये लोग इन वाहनों के इंजन व चेसिस नंबर पर बदल देते थे। चोरी के ट्रकों के फर्जी कागजात बनवाने और चेसिस व इंजन नंबर बदलकर आरोपी विभिन्न फाइनेंस कंपनियों से दोबारा लोन ले लेते थे। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों द्वारा 30 से ज्यादा गाड़ियां इस तरह से एनसीआर में चलवाई जा रही हैं। फर्जीवाड़ा के बारे में पकड़े गए आरोपी शकील अहमद व शाहनवाज ऐसे वाहन मालिकों के संपर्क में रहते थे जो फाइनेंस पर ट्रक निकलवाते हैं। किस्त जमा न होने पर उन मालिकों से ट्रक चोरी की एफआईआर दर्ज करवाते हैं। इसके बाद उन्हीं ट्रक को खरीद लेते थे। इसके बाद दलाल का काम करने वाले जितेन्द्र उर्फ जतिन से डेढ़ से तीन लाख रुपये में फर्जी कागजात बनवाते थे। इसके बाद आरोपी जियाउल्लहक ट्रकों के इंजन व चेचिस नंबर डालता था। उसके बाद ये फिर दोबारा लोन भी ले लेते थे।