अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा:नोएडा की सैक्टर-39 पुलिस ने ठक-ठक गिरोह के तीन बदमाशो को गिरफ्तार किया है जो ड्राइवर और कार मालिक का ध्यान बंटाकर गाड़ी में रखे सामान पर हाथ साफ कर लेते थे। इस गैंग के सदस्य गुलेल और छर्रे से चंद मिनटों में कार का शीशा तोड़कर भी चोरी करते हैं। इन के कब्जे से चार लैपटॉप, दो लैपटॉप बैग, एक काला पर्स, 510 डॉलर, 550 यूरो, 1665 युआन, 305 दिरहम, 160 थाई करेंसी, 8870 रुपये, 3 अदद अंगूठी, एक पेन ड्राइव, एक गुलेल, एक पॉकेट छर्रे, एक स्कूटी बिना नम्बर की बरामद की है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े ये तीनों बदमाश संजय, अमित, राजू है, तीनों ठक-ठक गिरोह के सदस्य है और दिल्ली के मदनगीर में रहते है। एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि गाड़ियों में से शीशा तोड़कर लैपटॉप चुराने वाले गैंग नोएडा और एनसीआर में सक्रिय हैं। कुछ दिन पहले ही थाना- 49 पुलिस ने इस प्रकार के गैंग के लोगों को गिरफ्तार किया था। इस बार थाना- 39 पुलिस ने ऐसे शातिर गुलेल मार कर शीशा तोड़कर सामान चुराने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है दिल्ली के मदनगीर गुलेल गैंग के रूप में मशहूर इन नोएडा के विभिन्न इलाकों में 74 घटनाएं की हैं जिनमें से एक ने 39 दूसरे ने 30 और तीसरे के नाम 15 घटनाओं में एफआईआर दर्ज है। एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि इस गैंग के सदस्य सेफ्टी पिन में छोटी सी गुलेल बनाते थे। उसमें साइकिल में इस्तेमाल किए जाने वाले छर्रे से कार के शीशे पर मारते थे। शीशा हल्के आवाज के साथ चूर-चूर हो जाता था। फिर ये रुमाल से शीशे को साफ कर कार में रखे लैपटॉप, बैग, नकदी और दूसरे सामान उड़ा लेते थे। ये रेड लाइट पर खड़ी गाड़ी के सामने से निकलते हैं और बोनट पर तेल डाल देते हैं और कार चालक को बताते हैं कि उसकी गाड़ी से तेल निकल रहा है।
कार चालक जैसे ही अपनी गाड़ी को चेक करने उतरता है, मोटर साइकिल पर बैठा बदमाश गाड़ी से बैग निकाल लेता है और साथ में चल रहे गिरोह के दूसरे सदस्य को बैग पकड़ा देता है। इसी प्रकार खड़ी कारों के शीशे गुलेल और छर्रे की मदद से तोड़कर उसमें रखा सामान चोरी कर लेते हैं। पकड़े गए बदमाशो के कब्जे से चार लैपटॉप, दो लैपटॉप बैग, एक काला पर्स, 510 डॉलर , 550 यूरो, 1665 युआन, 305 दिरहम, 160 थाई करेंसी, 8870 रुपये, 3 अदद अंगूठी, एक पेन ड्राइव, एक गुलेल, एक पॉकेट छर्रे, एक स्कूटी बिना नम्बर की बरामद की है। जानकारी के अनुसार बदमाश काम तो चोरी का करते हैं और गिरोह को डेरा के नाम से पुकारते हैं। दिल्ली के मदनगीर में इन बदमाशों के करीब 100 डेरे हैं और हर डेरे में 5-6 सदस्य हैं। इस तरह से करीब 500 से 600 लोग इस चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। साउथ इंडिया के रहने वाले ये ट्राइबल जाति के हैं, लेकिन इनकी भाषा तमिल, तेलगु या कन्नड़ नहीं है। इन्होंने आपसी बातचीत के लिए अपनी कोडवर्ड की अलग भाषा तैयार कर रखी है। ये गिरोह अब तक कई हजार चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।