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दिल्ली

पीडब्ल्यूडी सचिव की नियुक्ति न होना चुनी हुई दिल्ली सरकार के काम को जानबूझकर रोकने का प्रयास है- आतिशी

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी विभाग में नियमित सचिव की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में  पीडब्ल्यूडी विभाग में नियमित सचिव के न होने से दिल्ली में महत्वपूर्ण इंफ़्रास्ट्रक्चरल प्रोजेक्ट्स में लगातार हो रही देरी पर चिंता जाहिर की और प्राथमिकता के साथ पीडब्ल्यूडी सचिव के नियुक्ति की बात कही। पत्र के माध्यम से पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल  को याद दिलाते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 28 जनवरी 2023 को दिल्ली में 1400 किलोमीटर की प्रमुख सड़कों के पुनर्विकास की घोषणा की थी। इस परियोजना में फुटपाथों का रखरखाव, सेंट्रल वर्ज, सड़कों के ब्लैक टॉप का रखरखाव और मरम्मत शामिल है। सरकार द्वारा दिल्ली के लोगों को सड़कों पर चलने का विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करने की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि सभी पीडब्ल्यूडी सड़कों को यूरोपीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा और सड़क के हर हिस्से का बेहतर ढंग से  रखरखाव किया जाएगा। 

उन्होंने आगे लिखा है कि इस परियोजना के प्रस्ताव को फरवरी 2023 में ही ईएफसी के समक्ष रखा जाना था और मंत्रिपरिषद के  अनुमोदन के लिए लाया जाना था और परियोजना 1 अप्रैल 2023 से शुरू होने वाली थी। लेकिन ये अब तक नहीं हो पाया क्योंकि फरवरी के मध्य से ही पीडब्ल्यूडी में कोई नियमित सचिव नहीं है और अस्थायी प्रभार वाले अधिकारी हजारों करोड़ रुपये के खर्च वाले इस परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए आश्वस्त नहीं हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने ज़ोर देते हुए कहा कि, पीडब्ल्यूडी विभाग में पिछले 2 महीने से व्यावहारिक रूप से कोई प्रमुख नहीं है। श्री विकास आनंद – जो नवंबर 2022 से फरवरी 2023 तक पीडब्ल्यूडी सचिव थे- को 15 फरवरी 2023 को उनके प्रभार से मुक्त कर दिया गया, जिसके बाद किसी भी अधिकारी को पीडब्ल्यूडी सचिव के रूप में नियुक्त नहीं किया गया। 

उन्होंने कहा कि संजय गोयल लिंक अधिकारी होने के कारण लोक निर्माण सचिव का कार्यभार संभाल रहे थे।  ए. अनबरासू को लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के लिए दिनांक 3 मार्च 2023 को एक आदेश जारी किया गया था। लेकिन जैसा कि ऑर्डर में ही उल्लेख किया गया है, उन्होंने अभी तक अपना पदभार ग्रहण नहीं किया है और इस बात की भी कोई स्पष्टता नहीं है कि वह कब अपना पद सँभालेंगे। इसी क्रम में ए. अनबरासु के अपने पद सँभालने तक मनीष गुप्ता को अपर मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी का प्रभार दिया गया लेकिन उनके पास पहले से ही 3 विभागों के प्रभार है साथ ही साथ वे 3 महत्वपूर्ण सरकारी परियोजनाओं के लिए नोडल अधिकारी भी है। लेकिन उनके भी अवकाश पर होने के कारण उनके लिंक अधिकारी पीडब्ल्यूडी के मामलों को देख रहे है।पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि, स्टॉप गैप व्यवस्था के रूप में इतनी जल्दी प्रभार संभालने वाले अधिकारी निर्णय लेने के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास महसूस नहीं करते हैं, जिससे राजधानी में महत्वपूर्ण इंफ़्रास्ट्रक्चल डेवलपमेंट के कार्य पूरी तरह से ठप हो जाते है। पिछले दो माह में किसी भी पीडब्ल्यूडी सचिव की अनुपस्थिति और बार-बार स्टॉप गैप की व्यवस्थाएं एक चुनी हुई सरकार के काम को ठप करने की सोची समझी कोशिश की तरह लगने लगी है। इस स्थिति को देखते हुए मेरा आपसे आग्रह है कि तत्काल एक नियमित सचिव नियुक्त किया जाए।

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