अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आईएससी/अपराध शाखा की एक टीम ने आज दो लाख रूपए के इनामी कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार किया हैं। गिरफ्तार किए गए कुख्यात अपराधी का नाम विजय सिंह उर्फ विजय पहलवान उर्फ विक्रम सिंह, उम्र 52 वर्ष, निवासी ग्राम किशनगढ़, वसंत कुंज उत्तरी, दिल्ली हैं। इस अपराधी पर हत्या , हत्या की कोशिश, अवैध वसूली, मारपीट सहित कुल 24 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसे मुकदमा नंबर-127 /2011 , भारतीय दंड संहिता की धारा 364, 365 में जेल में बंद था, दिनांक 5 अप्रैल 2018 को अपने भतीजे के तेरहवीं में दो दिन के पैरोल पर बाहर आया था, इसके बाद उसने जेल में आत्मसमर्पण नहीं किया , और बीते पांच सालों से लगातार फरार चल रहा था, जिसे आज पकड़ा गया हैं।
स्पेशल डीसीपी अपराध, रविंद्र सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 26.05.2011 को, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके पिता रघुवीर सिंह, उम्र 62 वर्ष, प्लॉट संख्या 150 ए/9, किशन गढ़, दिल्ली गए थे और घर नहीं लौटे। तदनुसार, एफआईआर संख्या 127/ 2011, आईपीसी की धारा 365/34 के तहत पीएस किशनगढ़, दिल्ली में मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। दिनांक 27.5.2011 को, शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि आरोपित विजय सिंह उर्फ विजय पहलवान उर्फ विक्रम सिंह उसके पिता को अपनी कार में ले गया था और उसका आपराधिक इतिहास भी था।
आगे उन्होंने बताया कि आरोपित विजय सिंह ने 10-15 दिन पहले पैसे के मामले में उसके पिता को धमकी दी थी और उसके पिता का अपहरण कर लिया था.दिनांक 1/06/ 20 11 को, मृतक रघुवीर सिंह का शव पीएस सुशांत लोक, गुड़गांव के अधिकार क्षेत्र से बरामद किया गया था,जिस पर एफआईआर संख्या 114/2011 दर्ज की गई थी। जांच के दौरान आरोपित विजय सिंह उर्फ विजय पहलवान उर्फ विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया गया।यादव का कहना हैं कि पूछताछ के दौरान आरोपित विजय सिंह उर्फ विजय पहलवान उर्फ विक्रम सिंह ने खुलासा किया कि उसने रघुवीर सिंह की हत्या की थी। उसने आगे खुलासा किया कि उसने अपने साथियों के साथ मृतक को उसके किशनगढ़ प्लॉट से उठाया था और अंधेरिया मोड़, दिल्ली ले गया था।
जहां उसने मृतक से अपना प्लॉट मांगा और उसके इनकार करने पर उसने मृतक पर दो गोलियां चलाईं और शव को गांव घाटा, गुरुग्राम, हरियाणा के जंगल में फेंक दिया। सह-अभियुक्तों की निशानदेही पर अपराध में प्रयुक्त एक पिस्तौल और एक हुंडई एक्सेंट कार बरामद की गई। इसके अलावा, आरोपित विजय सिंह उर्फ विजय पहलवान उर्फ विक्रम सिंह की निशानदेही पर गुजरात के वडोदरा स्थित उसके आवास से मृतक के सामान भी बरामद किए गए। वर्ष 2011 से वह न्यायिक हिरासत में चल रहा था और सुनवाई के बाद 12. 07.2018 को उसे उक्त मामले में दोषी ठहराया गया था। 2 दिन की पैरोल हासिल करने के बाद, उन्होंने संबंधित प्राधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं किया। इसके बाद, उसे 11.07.2018 को घोषित अपराधी घोषित कर दिया गया। तब से, वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए नियमित रूप से अपने ठिकाने बदल रहा था।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments