अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ: हरियाणा पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली और हरियाणा पुलिस के इनामी मोस्ट वांटेड व एक शातिर अपराधी को सोनीपत से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास एक पिस्टल, मैगजीन व 6 जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। गिरफ्तार किए मोस्ट वांटेड अपराधी पर 75000 रूपए नगद इनाम हैं। पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए मोस्टवांटेड अपराधी की पहचान कपिल के रुप में हुई है जो कुख्यात चिटानिया गैंग के लिए काम करता था। अभी तक की गई प्रारंभिक पूछताछ में कपिल ने आधा दर्जन से अधिक गाड़ियां लूटने और हत्या जैसी वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल की है। अपराध शाखा टीम अब आरोपी से पूछताछ कर उसके बाकी बदमाश साथियों को पकड़ने की कोशिश में है।
अपराध की टीम को एक सीक्रेट इंफॉर्मेशन मिली थी जिसके आधार पर 75 हजार के इनामी बदमाश कपिल को काबू किया गया। आरोपी कपिल कुख्यात संदीप चिटानिया गिरोह का शातिर बदमाश है। कपिल को 2014 में अंजाम दिए गए कत्ल के एक मामले में उम्र कैद की सजा हो चुकी है लेकिन साल 2018 में पैरोल हासिल करके यह जींद जेल से बाहर निकल आया था और उसके बाद फरार हो गया। कपिल पर सोनीपत पुलिस द्वारा 25 हजार का जबकि दिल्ली पुलिस द्वारा भी 50 हजार का अलग से इनाम घोषित किया हुआ है। आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसने यह पिस्टल और कारतूस करीब 3 महीने पहले लखनऊ में किसी साथी बदमाश के जरिए खरीदे थे।
कपिल बेहद शातिर किस्म का अपराधी है जिसने प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा किया है कि वह चिटानिया गैंग के साथ मिलकर महंगी गाड़ियों को गन पॉइंट पर छीन कर फर्जी कागजात तैयार करवा कर अपने गिरोह की मदद से उनको नागालैंड भेज कर बेच देते थे। आरोपी ने करीब आधा दर्जन वारदातें दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर अंजाम देने की बात भी कबूल की है जिन्हें दिल्ली पुलिस की मदद से वेरीफाई किया जा रहा है। आरोपी ने अपने ही गिरोह के एक साथी बदमाश की हत्या किए जाने की वारदात का भी खुलासा किया है और इस गिरोह से जुड़े अन्य बदमाशों के नामों के बारे में भी बताया है। मलिक कहते हैं कि पुलिस अब इस गिरोह के बाकी बचे बदमाशों को भी गिरफ्तार करने के लिए प्रयास कर रही है ताकि इस गिरोह को जड़ से मिटाया जा सके।
’इन वारदातों का हुआ खुलासा’
1. आरोपी कपिल ने कबूल किया है कि उसने अपने गिरोह के साथी बदमाशों विजय वासी निजामपुर माजरा व नरेश उर्फ बांदरी निवासी पांची जाटान तथा शरद पांडे उर्फ काली वासी गोरखपुर आदि के साथ मिलकर दिल्ली के एम्स इलाके से पिस्तौल के बल पर करीब डेढ़ साल पहले एक फॉर्च्यूनर गाड़ी छीनी थी।
2. करीब डेढ़ साल पहले ही कपिल ने विजय वासी निजामपुर माजरा व सुमित उर्फ विक्की निवासी चिटाना तथा शरद पांडे उर्फ काली वासी गोरखपुर के साथ मिलकर पिस्तौल के बल पर एक फॉर्च्यूनर गाड़ी दिल्ली एयरपोर्ट नजदीक महिपालपुर से छीनी थी।
3. साल 2018 में कपिल ने विजय निजामपुर माजरा व सुमित उर्फ विक्की तथा शरद पांडे उर्फ काली के साथ मिलकर दिल्ली के साकेत कोर्ट के पास से एक मारुति ब्रेजा गाड़ी भी छीनी थी।
4. साल 2018 में ही कपिल ने शरद पांडे उर्फ काली तथा विजय निजामपुर माजरा व सुमित उर्फ विक्की तथा नरेश उर्फ बांदरी के साथ मिलकर दिल्ली के वसंत कुंज इलाके से एक फोर्ड एंडेवर गाड़ी भी छीनी थी।
5. किसी बात को लेकर आपसी विवाद होने पर कपिल ने अपनी गैंग के साथी बदमाश नरेश उर्फ बांदरी कि फरीदाबाद के ग्रीन फील्ड इलाके में हत्या कर दी थी और इस वारदात में विजय निजाम पुर ने उसका साथ दिया था।
6. साल 2018 में कपिल ने विजय निजामपुर व सुमित उर्फ विक्की तथा शरद पांडे उर्फ काली के साथ मिलकर दिल्ली के धौलाकुआं इलाके से भी एक इनोवा गाड़ी छीनी थी।
7. साल 2018 में ही उपरोक्त सभी बदमाशों ने मिलकर दिल्ली के ही वसंत कुंज इलाके से एक हुंडई क्रेटा गाड़ी भी हथियारों के बल पर छीन ली थी।
8. पूछताछ में बदमाश कपिल ने बताया है कि 2014 में हुई हत्या के एक मामले में उसे उम्र कैद की सजा हुई थी और 18 जनवरी 2018 को जींद जेल से वह 20 दिन की पैरोल हासिल करके बाहर आया था और उसके बाद फरार हो गया था तथा चिटानिया गैंग के लिए काम करने लगा।
9. कपिल चिटानिया ने अपने साथियों के मिलकर अलीपुर दिल्ली थाना क्षेत्र से एक कार छीनी थी जिस मामले में गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश नही हुआ व कोर्ट से भगोड़ा घोषित किया गया है।
’सन्दीप चिटाना के एनकाउंटर के बाद विक्की है गिरोह का बॉस।’
आरोपी ने खुलासा किया है कि फरारी के दौरान वह चिटानिया गैंग के संपर्क में आया और इस गिरोह के लिए काम करने लग गया। कई साल पहले हुए पुलिस एनकाउंटर में इस गिरोह का सरगना संदीप चिटाना मारा गया था। उसके एनकाउंटर के बाद से ही इस गिरोह को सुमित उर्फ विक्की चिटाना और काली तथा विजय आदि बाकी साथी बदमाश मिलकर चला रहे हैं। विक्की इनका बॉस है। आरोपी ने यह भी बताया है कि अपनी फरारी के दौरान उसने काफी वक्त उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अलावा कोलकाता व गुवाहाटी में भी बिताया है। यह खुलासा भी हुआ है कि यह गिरोह महंगी गाड़ियों को ही टारगेट करता है और हथियारों के बल पर गाड़ियां छीन कर उनके नागालैंड से अपने गिरोह के जरिए फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करवाकर गाड़ियों को नागालैंड भेजकर बेच दिया जाता है। गिरफतार आरोपी को न्यायालय मे पेशकर तीन दिन के पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है। मामले की गहनता से विवेचना जारी है।