अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की एआरएससी/अपराध शाखा, की टीम ने आज मानव तस्कर गिरोह के कुख्यात सदस्य को गिरफ्तार किया हैं। गिरफ्तार किए गए अपराधी का नाम विशाल सिंह, उम्र 39 वर्ष, निवासी काली मंदिर, बागुईआटी, कोलकाता, पश्चिम बंगाल हैं , को फतेहाबाद रोड, आगरा, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। ये अपराधी एफआईआर नंबर -349/19, धारा 342/354/ 366/ 370 / 370ए/376/120 बी/34 भारतीय दण्ड संहिता व धारा 6/10 पॉक्सो एक्ट थाना मयूर विहार, दिल्ली में वांछित था।
स्पेशल डीसीपी रविंद्र सिंह यादव, अपराध ने आज जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 21.11.2019, शिकायतकर्ता “ब” की शिकायत पर थाना मयूर विहार, दिल्ली में एफआईआर नंबर -349/19 दर्ज की गई थी, जिसमें उसने बताया कि उसकी दो बेटीयाँ मयूर विहार फेज -1, दिल्ली में घर से गायब हो गईं थीं। जांच के दौरान, छोटी बेटी (पीडिता “क”) का पता लगाया गया तो यह पता चला कि दोनों लड़कियों का मानव तस्करों के गिरोह द्वारा अपहरण कर लिया गया था और दिल्ली के उत्तम नगर में उनका यौन शोषण किया गया था। पीडिता “क” के बयान पर चार तस्करों 1. नरेश शैलेश तमचिकर 2. राजू कुमार उर्फ़ राज चौधरी, 3. शशि माला उर्फ़ रूबी और 4. किरण को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में बड़ी बेटी ( पीडिता “ख” ) का भी पता लगा लिया गया। मुख्य आरोपी विशाल सिंह के सभी ठिकानो पर छापेमारी की गई लेकिन आरोपी का पता नहीं चल सका।
यादव का कहना हैं कि बाद में उसे कड़कड़डूमा न्यायालय, दिल्ली द्वारा एफआईआर नंबर 349 /2019, 363/342/354/366/370/370 ए/372/376 डी/120 बी/34 भारतीय दंड संहिता और 6/10 पॉक्सो एक्ट में भगोड़ा घोषित किया गया था। उसकी गिरफ्तारी पर 50,000/ रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था ।
इस मामले के अलावा आरोपी विशाल विभिन्न राज्यों के निम्नलिखित मामलों में भी वांछित है –
1.एफआईआर नंबर -768/22, धारा 323/504/506/376-डी/498-ए भारतीय दण्ड संहिता और 3/4 पॉक्सो एक्ट, थाना कल्याणपुर, कानपुर, उत्तर प्रदेश
2.एफआईआर नंबर 214/10, धारा 324 भारतीय दण्ड संहिता, थाना बर्तोला, कोलकाता, पश्चिम बंगाल (इस मामले में उद्घोषित अपराधी भी है )
उनका कहना हैं कि उप-निरीक्षक मानवेंद्र चौधरी द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर, संयुक्त आयुक्त एसडी मिश्रा व उपायुक्त अमित गोयल द्वारा सहायक आयुक्त अरविंद कुमार की देखरेख में व निरीक्षक के. के. शर्मा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमे उप-निरीक्षक मानवेंद्र, सहायक उप-निरीक्षक कैलाश, सहायक उप-निरीक्षक अशोक, प्रधान सिपाही सुनीत, प्रधान सिपाही भूपेंदर, प्रधान सिपाही कपिल राज, प्रधान सिपाही नितिन राठी और प्रधान सिपाही ललित शामिल थे। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी भारत, नेपाल और भूटान में घूम रहा था। उसे मैनुअल और तकनीकी जानकारी के आधार पर फतेहाबाद रोड, आगरा (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया। उनका कहना हैं कि पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि वह मानव तस्करी और लड़कियों के यौन शोषण में शामिल था। वर्ष – 2019 से वह अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था और न केवल भारत में बल्कि नेपाल और भूटान में भी विभिन्न राज्यों के विभिन्न शहरों में होटल, लॉज और घर बदलता रहता था। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर साजिश रची और पीड़ित लड़कियों को देह व्यापार में धकेल दिया। वह पैसे कमाने के लिए उन्हें बार डांसर और वेश्याओं के रूप में इस्तेमाल करता था। विशाल ने शादी का झांसा देकर मासूम बच्चियों के साथ उनकी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए।पूछताछ के दौरान यह भी पता चला है कि दोनों पीड़ित लड़कियों को उसके तस्करी गिरोह के सदस्यों ने दिल्ली के उत्तम नगर में रखा था। विशाल ने राजू कुमार उर्फ़ राज से 2 लाख रुपये में पीडिता “ख” खरीदी और उसे 2019 में वेश्यावृत्ति के लिए कोलकाता ले गया। कोलकाता में उसे छोड़ने के बाद, वह पीडिता “क” को खरीदने के लिए 2020 में फिर से दिल्ली आया लेकिन उसके सहयोगी राजू कुमारउर्फ़ राज ने उसके लिए अधिक पैसे की मांग की, इसलिए वह उसे नहीं खरीद सका। पूछताछ में पता चला है कि उसके परिवार के सदस्य भी मानव तस्करी में शामिल हैं। उनके परिवार के अन्य सदस्य भी एफआईआर नंबर-768/22, धारा 323/504/506/376-डी/498-ए भारतीय दण्ड संहिता और 3/4 पॉक्सो एक्ट थाना कल्याणपुर, कानपुर, उत्तर प्रदेश में वांछित हैं।
आरोपी का प्रोफाइल:
आरोपी विशाल सिंह, उम्र 39 वर्ष, निवासी धौकी, आगरा (उत्तर प्रदेश) ने 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है.आसानी से पैसा कमाने के लिए वह अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिल कर मासूम युवतियों को शादी का झांसा देकर दिल्ली एनसीआर के इलाकों से तस्करी के लिए उत्तर भारत के अलग-अलग हिस्सों में ले जाता था।