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अब प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन का नाम होगा सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन और मुकरबा चौक और फ्लाई ओवर का नाम शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा होगा

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: ब्लू लाइन मार्ग पर पड़ने वाला प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन को अब सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेषन के नाम से जाना जाएगा। दिल्ली सरकार की राज्य नाम प्राधिकरण ने मंगलवार को 60वीं बैठक में यह फैसला लिया है। इसके अलावा राज्य नाम प्राधिकरण ने दिल्ली के छह अन्य स्थानों का नाम भी बदलने का निर्णय लिया है। वहीं, सरकार ने अन-इलेक्ट्रिफाइड एरिया में भी बिजली के रेट इलेक्ट्रिफाइड एरिया के बराबर करने का फैसला लिया है। अन-इलेक्ट्रिफाइड एरिया में रहने वाले लोगों से लिए गए अतिरिक्त रुपये वापस किए जाएंगे। दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली सरकार की राज्य नाम प्राधिकरण की 60वीं बैठक हुई थी। बैठक में कुछ स्थानों के नाम बदलने का फैसला लिया गया है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि मुकरबा चौक का नाम बदल दिया है। अब मुकरबा चौक का नाम शहीद कैप्टन बिक्रम बत्रा चैक होगा। कुछ माह पहले शहीद कैप्टन के माता-पिता आए थे और उन्होंने मुकरबा चौक का नाम शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा रखने की मांग की थी। ब्लू लाइन पर पड़ने वाला प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन का नाम अब सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन होगा।

यह मेट्रो स्टेशन सुप्रीम कोर्ट के पास स्थित है। सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार (एजी) अनिल कुमार शर्मा ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था।उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एमजी मार्ग का नाम भी बदला गया है। अब एमजी मार्ग को आचार्य तुलसी मार्ग के नाम से जाना जाएगा। यहां से भी बार-बार नाम बदलने की मांग उठ रही थी। इसके लिए अखिल भारतीय अनुब्रत न्यास की तरफ से प्रस्ताव आया था। वहीं, रानी बाग मार्केट गोल चक्कर का नाम बदल कर महर्षि दयानंद चैक कर दिया गया है। यह मार्ग गुरु विरजानंद और महात्मा हंसराज मार्ग से जुड़ता है। लाजपत नगर फ्लाई ओवर का नाम बदल कर श्री झूले लाल सेतु कर दिया गया है। इसके लिए विधायक मदन लाल की तरफ से मांग की गई थी। इसी तरह, शक्ति नगर चैक का नाम बदल कर भगवान महावीर चौक कर दिया गया है। जैन काॅलोनी, वीर नगर के एसएस जैन सभा की तरफ से मांग की गई थी। मेहरौली से बदरपुर मार्ग को अब आचार्य श्री महाप्रज्ञा मार्ग के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए अखिल भारतीय अनुव्रत न्यास की तरफ मांग की गई थी। एक सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम स्थानों के नाम ऐसे नहीं बदल रहे हैं। किसी स्थान का नाम किसी राजनीतिक व्यक्ति के नाम पर नहीं रखा गया है। जो नाम बदले गए हैं, वह वहां की सोसायटी या व्यक्ति के नाम पर है। सहीद बत्रा चौक पर कोई व्यक्ति आता है और उनसे प्रेरणा लेकर गुजरता है, तो यह बड़ी बात है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली के अंदर अन-इलेक्ट्रिफाइड और इलेक्ट्रिफाइड एरिया में बिजली के रेट अलग-अलग थे। सरकार ने फैसला लिया है कि अब पूरी दिल्ली के अंदर बिजली के रेट बराबर होंगे। अब इलेक्ट्रिफाइड और इलेक्ट्रिफाइड एरिया में बिजली के रेट बराबर कर दिए गए हैं। जिन लोगों से अतिरिक्त पैसे लिए गए हैं, उन्हें वापस किए जाएंगे। व्यवसायिक गतिविधि में इलेक्ट्रिफाइड एरिया में 1500 रुपये प्रति किलोवाट बिजली के रेट थे और अन-इलेक्ट्रिफाइड एरिया में 4 हजार रुपये प्रति किलोवाट था। अब वहां पर भी 1500 रुपये ही देने होंगे। बवाना और बुराड़ी के पास कुछ क्षेत्र हैं, जहां लोगों को लाभ मिलेगा।



इसके अलावा,कुछ छोटे-छोटे पाॅकेट भी हैं, जहां बिजली की कीमत को लेकर विवाद था। अनाधिकृत काॅलोनियों के आसपास कुछ क्षेत्र विकसित हो रहा है, वहां पर भी इस फैसले का लाभ मिलेगा। अभी तक वहां लोगों को तीन गुना कीमत देने पड़ रहे थे। कुछ अनाधिकृत काॅलोनी लिस्ट में आ गई थी, लेकिन वह इलेक्ट्रिफाइड एरिया में नहीं थी। वहां रहने वाले लोगों को तीन गुना अधिक दाम देने पड़ रहे थे। कच्ची काॅलोनियों को पक्का करने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के लोगों की काॅलोनियां पक्की हो जाए, तभी हम सभी संतुष्ट होंगे। हम बार-बार यही कह रहे हैं कि लोग कैसे संतुष्ट होंगे। लोग न तो ट्वीट करने से संतुष्ट होंगे और होर्डिंग्स लगाने से संतुष्ट होंगे। भाजपा के लोगों ने होर्डिंग्स लगाई थी कि हम कच्ची काॅलोनियों को पक्का कर रहे हैं। डीडीए की वेबसाइट पर लिखा है कि यह काॅलोनियों का नियमितिकरण नहीं है और ना ही काॅलोनी के मकानों का नियमितिकरण है। आज उन्होंने वेबसाइट पर दो लाइन की जगह 20 लाइन लिख दिया है, लेकिन बात तो वही है। मैं पूछता हूं कि आप कच्ची काॅलोनियों का नियमिति करण कर रहे हो या नहीं कर रहे हो। अगर कर रहे हो, तो हां कह दो। उनकी तरफ से हां नहीं करने की वजह से शक पैदा हो रहा है। हम तीन दिन से पूछ रहे हैं कि आपने जो सरकारी दस्तावेज में लिखा है कि यह अनाधिकृत काॅलोनियों का नियमितिकरण नहीं है। क्या यह सच है। वे खुल कर कुछ बोल नहीं रहे हैं। इसी बात से लग रहा है कि वे लोग दिल्ली की जनता को धोख दे रहे हैं। दिल्ली में गंदगी के सवाल पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हरदीप सिंह पुरी जी को डीडीए के अधिकारियों को बुलाकर पूछना चाहिए कि जगह-जगह कूड़े का ढ़ेर क्यों है। इससे दिल्ली और देष का नाम खराब हो रहा है।एक सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां पर भी लोग रहते हैं, सभी को आवेदन करने पर बिजली का कनेक्शन दिया जाता है। हम लोग प्री-पेड मीटर भी दे रहे हैं। इसे कोई भी ले सकता है। किसी को भी मनाही नहीं है।

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