अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: रोहतक में आयोजित राज्य स्तरीय संत कबीर दास जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कई बड़ी घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में केंद्र की तरह कैडर के हिसाब से आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के जितने भी शिक्षण संस्थान, धर्मशालाएं ना केवल अनुसूचित जाति बल्कि पिछड़े समाज की हैं, उनमें एक कमरा उपलब्ध होने पर शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकालय की व्यवस्था करवाई जाएगी।
मनोहर लाल ने घोषणा की कि न केवल अनुसूचित जाति बल्कि पिछड़े समाज की धर्मशालाओं में 5 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने में 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। एनआईटी और आईआईटी में आरक्षण की व्यवस्था के लिए केंद्र से बात की जाएगी। इसके साथ ही, समाज की साढ़े पांच एकड़ जमीन में शिक्षण संस्थान की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जमीन में कोई भी एक प्रोजेक्ट जो 51 लाख रुपए तक का हो, उसे सरकार द्वारा बनाया जाएगा। इसके साथ ही संत कबीर जी के जन्म स्थान बनारस की जो भी कोई यात्रा करना चाहता हो उसके लिए रेलवे का किराया सबको दिया जाएगा। वहीं प्रदेश में किसी एक संस्थान का नाम संत कबीर के नाम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ के उनके सरकारी आवास का नाम भी संत कबीर कुटीर किया जाएगा।
मनोहर लाल ने कहा कि संत कबीर दास जी धार्मिक एकता के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने मानव मात्र से प्रेम का संदेश दिया। उनके अनुयायी आज भी उनकी वाणी का प्रचार कर रहे हैं। उनकी शिक्षाएं समाज की धरोहर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम संत कबीर के सिद्धांतों के अनुरूप अंत्योदय को वचनबद्ध हैं। उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी प्रासंगिक हैं। कमजोर वर्गों का सर्वांगीण विकास ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि जात-पात के भेदभाव को भूलकर मानव मात्र से प्रेम करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ‘संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना’ शुरू की गई है। इसके तहत संत-महापुरुषों की जयंती पर राज्य स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश पर्व पर राज्य स्तरीय समारोह, श्री गुरु नानक देव जी व श्री गुरु गोविन्द सिंह जी के प्रकाश पर्व पर भी राज्य स्तरीय आयोजन किया है। इसी तरह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती ‘पराक्रम दिवस’ और संत कबीर दास जी की जयंती भी इसी कड़ी का भाग है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका प्रयास’ का मूल मंत्र दिया। इसी तरह हमने भी ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ का संकल्प लिया। हमारी सरकार हर गरीब, पीड़ित और वंचित को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने अंतिम पक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का अभियान चलाया है। प्रदेश में योग्यता के आधार पर नौकरी दी जा रही है और 156 स्थानों पर 570 अंत्योदय मेला दिवस आयोजित किए गए हैं। इसके तहत अब तक 48 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार और 4,037 को ऋण दिया जा चुका है। अब इन मेला का तीसरा चरण शुरू होने जा रहा है।मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति के बच्चों को छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं। उच्चतर शिक्षा के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु निःशुल्क कोचिंग उपलब्ध करवाई जा रही है। सरकार द्वारा 12वीं तक मुफ्त पुस्तकें, वर्दी व लेखन सामग्री दी जा रही है। गरीब परिवारों की बेटियों की कॉलेज-यूनिवर्सिटी में भी फीस नहीं लगती है। स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिले हेतु 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को मेडिकल पी.जी. में नियमित आरक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ‘डॉ. अम्बेडकर मेधावी छात्रवृत्ति योजना’ चलाई जा रही है। योजना का दायरा सभी वर्गों के लिए बढ़ाया गया है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल, बनवारी लाल, डॉ. कमल गुप्ता, राज्य मंत्री अनूप धानक व ओमप्रकाश यादव, सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल, कृष्ण लाल पंवार, रामचंद्र जांगड़ा, डीपी वत्स और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव व सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।
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