
दिल्ली/चंडीगढ़:चुनाव आयोग ने शनिवार को एक विशेष आदेश जारी कर सभी राजनीतिक दलों को चुनावी विज्ञापनों में भारतीय सेना या सैनिकों की तस्वीरों के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है। आयोग ने लिखा है कि भारतीय सेना देश की सीमाओं, आंतरिक सुरक्षा और हमारे लोकतंत्र की रक्षक है और पूरी तरह गैर राजनीतिक और तटस्थ हैं। इसलिए किसी भी राजनीतिक दल को उनका जिक्र चुनावी वक्त भाषणों या प्रचार में नहीं करना चाहिए। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को इस आदेश की सख्त पालना करने को कहा है। हिसार से सांसद और जननायक जनता पार्टी नेता दुष्यंत चौटाला ने 5 मार्च को चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर ध्यान आकर्षित किया था कि कुछ राजनीतिक दल अपने विज्ञापनों में भारतीय सेना और सैनिकों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो देश की सेना के लिए अशोभनीय है।
सांसद ने लिखा था कि कुछ दल भारतीय सेना का जिक्र अपने भाषणों और विज्ञापनों में इस तरह कर रहे हैं मानो सेना की उपलब्धियां कुछ राजनीतिक दलों या नेताओं की निजी उपलब्धि हों। सांसद ने लिखा था कि ये दल ऐसा काम वोट हासिल करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने आयोग से मांग की थी कि कुछ दिनों बाद होने जा रहे आम चुनाव से पहले इस बारे में सख्त पाबंदी वाला आदेश जारी किया जाए। 5 मार्च को लिखे सांसद दुष्यंत चौटाला के इस पत्र पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने 9 मार्च को आदेश जारी किया कि चुनावी प्रचार या विज्ञापनों में भारतीय सेना, सैनिकों की तस्वीरों या संदर्भ के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। इस आदेश के साथ ही आयोग ने छह साल पहले जारी किए अपने एक आदेश का भी जिक्र किया जिसमें लिखा गया था कि उस वक्त भारतीय सेना ने भी इस बारे में एतराज जताया था और उसके हिसाब से चुनाव आयोग ने तब राजनीतिक दलों को सैनिकों की तस्वीरों का इस्तेमाल ना करने का आदेश भी जारी किया था।
सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि इसके बावजूद कुछ राजनीतिक दल, विशेषकर सत्तारूढ़ भाजपा, बार-बार अपने विज्ञापनों में भारतीय सेना और सैनिकों के पराक्रम का जिक्र अपने राजनीतिक फायदे के लिए करती रही है। उन्होंने खुशी जताई कि अब चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को ऐसी हरकतों से बाज आने को कहा है। सांसद दुष्यंत चौटाला ने चुनाव आयोग से मांग की है कि भारतीय सेना की आन-बान-शान को बरकरार रखने और इसे किसी भी तरह की राजनीतिक बहसबाज़ी से दूर रखने के लिए आदर्श आचार संहिता में यह शामिल किया जाए कि चुनाव प्रचार, राजनीतिक भाषणों आदि में सेना और सैनिकों का जिक्र या तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। दुष्यंत चौटाला ने कही कि आदर्श आचार संहिता में इसे शामिल किए जाने से राजनीतिक दल इसे गंभीरता से लेंगे और हमारे सैनिकों के गौरव पर भविष्य में कभी आंच नहीं आएगी।


