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हरियाणा

टैक्स कलेक्शन की वृद्धि के लिये अधिकारियों को जीएसटी की जटिलताओं से पूर्ण रूप से अवगत होना जरूरी: मीणा


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
पंचकूला:विभाग के पास विस्तृत सूचनाएं  उपलब्ध है, जरूरत है तो अधिकारियों को अपडेटिड जानकारियों के माध्यम से करदाताओं तक पहुंच बनाकर प्रदेश को राजस्व की दृष्टि से मजबूती प्रदान करने की। जीएसटी एक जटिल कानून है जिससे भली भांति अवगत होना आवश्यक है। नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिकारियों को सशक्त करने में कारगर साबित होते हैं। यह बात हरियाणा सरकार के एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर अशोक कुमार मीणा ने सोमवार को आईसीएआई द्वारा होटल हॉलीडे इन में शुरू हुए तीन दिवसीय ‘कैपेस्टी बिल्डिंग प्रोग्राम ऑन जीएसटी’ के उद्घाटन सत्र पर कही।

2017 में लागू हुए जीएसटी के बाद बहुत परिवर्तन हुये है। समूची प्रणाली के आॅनलाईन और पारदर्शिता होने के साथ समय समय पर कई अधिनियमों में बदलाव आए  जिससे अकसर उत्पाद शुल्क और कराधान विभाग के अधिकारियों के लिये भी चुनौतियां पेश कर रहे हैं। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन स्वायत संघ ‘दी इंस्टीच्यूट आॅफ चार्टेड अकाउटेंड्स आॅफ इंडिया (आईसीएआई) ने हरियाणा सरकार के एक्साईज एंड टैक्सेशन विभाग के सहयोग से विभाग के अधिकारियों के लिये संबंधित विषय का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का बीड़ा उटाया है।  

ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की उपयोगिता की प्रशंसा करते हुए मीणा ने कहा कि हरियाणा को टैक्स कुलैक्शन में वृद्धि करने के लिए  सभी अधिकारियों को विषय के संदर्भ में तकनीकि रुप से जागरुक होना जरुरी है। उन्होंनें कहा जीएसटी प्रदेश के राजस्व में अहम भूमिका निभा सकता हैं जिसके लिये इसके संशोधित अधिनियमों की बारीकियों को जानना अहम है। उन्होंनें अधिकारियों से आहवान किया कि वे नियमित करदाताओं को सहयोग देते रहें जबकि गडबड़ी करने वाले को कड़ी सी कड़ी सजा के अधीन लायें।इस अवसर पर विभाग के ऐडिशनल कमीशनर आॅफ एक्साईज एंड टैक्सेशन सिद्धार्थ जैन और विद्यासागर सहित आईसीएआई चंडीगढ़ के चैयरमेन अनिल कक्कड और पूर्व चैयरमेन अतुल कुमार ने भी इस विषय पर प्रकाश डाला।  आयोजक और आईसीएआई के सेंट्रल कौंसिल सदस्य चरणजीत सिंह नंदा ने बताया कि उन्हें देश की आर्थिक प्रगति में इस सत्र आयोजित कर गौरवंाकित महसूस हो रहे हैं। आईसीएआई का यह पांचवा कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत वे दो गुड़गांव और एक-एक करनाल तथा हिसार में आयोजित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह इन कार्यक्रमों की श्रृंखला से अधिकारियों को उनकी कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने में कामयाब साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग, रियल एस्टेट, इंश्योरेंस, हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म आदि अन्य सेक्टरों के कई कॉन्सेप्ट की समझ हुई है। कई जिलों के कराधान विभागों ने इन सत्रों से प्राप्त अनुभवों को अमल में लाना शुरु कर भी कर दिया है।कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्तर के जाने माने टैक्सेशन एक्सपर्ट सीए अतुल गुप्ता, सीए कीर्ति जोशी, सीए विशाल पोदार, सीए गौरव गुप्ता ने जीएसटी के जटिल प्रावधानों को आए  अधिकारियों को सरल रूप से अवगत करा रहे हैं।

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