संवाददाता : ओला और उबर ड्राइवरों की हड़ताल शनिवार को 9वें दिन में प्रवेश कर गई. इसके कारण दिल्ली-एनसीआर में कैब संकट जारी है. हड़ताल सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन ऑफ दिल्ली (एसडीएडी) की ओर से बुलाई गई है. हालांकि हड़ताल कर रहे कुछ ड्राइवरों ने अपनी कैब चलानी शुरू कर दी है लेकिन ज्यादातर ड्राइवर अपना वाहन चलाने के लिए तैयार नहीं हैं. शुक्रवार सुबह और शाम के व्यस्त समय के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के कई मार्गों पर ऐप-आधारित कैब सर्विस की कमी रही. शाम के वक्त उबर और ओला ऐप में ‘कैब उपलब्ध नहीं’ लिखा दिख रहा था. कुछ रूट्स पर कंपनियों ने टैक्सियों की कमी के कारण किराए में बढ़ोतरी कर दी. इंदिरापुरम में रहने वाले सुजय ने कहा, ‘शाम को दफ्तर से ऑफिस लौटने के लिए कैब बुक नहीं हो पाई. मैंने काफी देर तक कोशिश की. आखिरकर मैंने ऑटोरिक्शा लिया जिसमें ज्यादा किराया देना पड़ा.’
हड़ताल के कारण लोगों को कैब नहीं मिल रही है. अगर कैब मिल भी रही है तो सर्ज प्राइसिंग के कारण काफी किराया देना पड़ रहा है. लोगों का यह भी कहना है कि बुकिंग होने के बाद भी टैक्सी आने में काफी लंबा वक्त लग रहा है. वहीं, गाड़ियां चला रहे कुछ ड्राइवर्स का कहना है कि यूनियन के लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं और गाड़ियां पकड़ कर बंद कर रहे हैं. ऐसे में कैब ड्राइवर ऐसे रूट पर चलने से बच रहे हैं जहां प्रदर्शनकारियों के होने की संभावना है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि ओबा और उबर कैब्स का किराया बढ़ाया जाए. साथ ही वह पुराने इसेंटिव बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि दिल्ली में चलने वाले कैब्स की संख्या पर लगाम लगाई जाए और उनकी लिमिट तय कर दी जाए.