अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
कोविड-19 महामारी के इस बुरे दौर में कोरोना ना सिर्फ सामाजिक संबंधों की दूरी बना रहा है, बल्कि संबंधों के ताने-बाने को भी तोड़ रहा है। लोग कोरोना वायरस को मात देकर ठीक हुए, लोगों को भी शक की निगाह से देख रहे है, जरा–सा तबीयत बिगड़ी कोरोना के शक वर्षों के रिश्तो को भी कच्चे धागे की तरह टूट रहे हैं। नोएडा में एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जिसमे कोविड होने के शक में एक युवती ने सहेली को घर से निकाल दिया।
पीड़िता लगभग दो माह से उसके साथ दिल्ली के नजफगढ़ में रह रही थी, लॉकडाउन के कारण अपने घर भी नहीं जा सकती। बीमार हालत में भटकती युवती को किसी ने नोएडा के सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया था। जहां उपचार मिलने के बाद वह स्वस्थ हो गई है, लेकिन शहर में लॉकडाउन होने और कोई ठिकाना नहीं होने से परेशान हैं। ऐसे में पुलिस से अपने घर पहुंचाने की गुहार कर रही है। ये तस्वीर है झारखंड निवासी 28 वर्षीय निशा की जिसे पांच दिन पहले नोएडा के सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था,उसे बुखार था। डॉक्टरों, का कहना है इलाज के बाद वह ठीक हो गई है, निशा का कहना था कि वह झारखंड के रांची की रहने वाली है। लगभग दो माह पहले सहेली के पास दिल्ली आई थी। सप्ताह भर पहले उसे बुखार आया तो सहेली ने कोरोना होने के शक में घर से निकाल दिया। उसके बाद से वह बुखार के करण बेसुध अवस्था भटक रही थी। उसका कहना है कि लॉकडाउन के कारण अपने घर भी नहीं जा सकती। किसी ने उसे अस्पताल भर्ती करा दिया। अब वह ठीक है, लेकिन कोई ठिकाना नहीं होने के कारण वह यहाँ से जाना नहीं चाहती है। डॉक्टरों का कहना है कि वह कमजोर है। अस्पताल में रहने से संक्रमण की चपेट में आने का खतरा है। अस्पताल में इमरजेंसी में केवल चार बेड हैं। डॉक्टरों मरीज के ठीक होने के बाद अस्पताल में नहीं रख सकते हैं। उन्होंने समस्या निवारण के लिए सेक्टर-20 कोतवाली पुलिस को जानकारी दी है।
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