अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने मंगलवार को दशहरे के मौके पर बयान जारी कर प्रदेश सरकार की 10 विफलताओं को खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, नशा बढ़ा है, बेरोजगारी में हरियाणा नंबर एक पर है, महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है, किसान विरोधी नीति को बढ़ावा मिला है, अपराध बढ़ते जा रहे हैं, धर्म व जाति की राजनीति को बढ़ावा मिला है, प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था व शिक्षा व्यवस्था बदहाल है और महिला व व्यापारी विरोधी नीति को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि आज के समय में प्रदेश का हर वर्ग खट्टर सरकार से दुखी हो चुका है। प्रदेश की जनता अब बदलाव चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रकार दशहरे के दिन बुराई के 10 सिरों को जलाया जाता है, ठीक उसी प्रकार हरियाणा सरकार की नाकामी के 10 सिरों का भी दहन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर के राज में 10 बुराइयों को लगातार बढ़ावा मिला है, जिसे रोकने में हरियाणा सरकार नाकाम साबित हुई है। आम आदमी पार्टी इन्हीं 10 मुद्दों को लेकर जनता के सामने जायेगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की पहली बुराई भ्रष्टाचार है, जो आज के समय में चरम सीमा पर है और लगातार बढ़ता जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामले में खट्टर सरकार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दूसरी बुराई नशा है जिसे रोकने में हरियाणा सरकार विफल रही है। युवा नशे की दलदल में धंसते जा रहे हैं। प्रदेश में शिक्षा के संस्थानों एक नशे के अड्डे बन गए हैं। हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला में युवा गंभीर नशे की जद में आ रहे हैं, वहीं बेरोजगारी के कारण नशा तस्करों के जाल में फंस रहे हैं।
तीसरी बुराई बेरोजगारी है, सीएम खट्टर के राज में हरियाणा बेरोगारी में नंबर वन है। युवा बेरोजगारी के कारण कर्ज और अपनी जमीन बेचकर विदेशों में जाने को मजबूर हैं। जबकि हरियाणा में 1.82 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। हरियाणा सरकार युवाओं को रोजगार देने में नाकाम साबित हुई है। युवा बेरोजगारी के कारण नशे में अपनी जान दांव पर लगाकर विदेश पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की चौथी बुराई महंगाई है, हरियाणा महंगाई के मामले में राजस्थान के बाद पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। गरीब, मजदूर और किसान को महंगाई के कारण अपना गुजारा करना मुश्किल हो गया है। लेकिन खट्टर सरकार इस और बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही। इसके अलावा खट्टर सरकार की पांचवी बुराई किसान विरोधी है। खट्टर सरकार में किसान सबसे ज्यादा परेशान है, न किसानों को फसल का सही दाम मिलता और न बाढ़ से खराब हुई फसलों का मुआवजा मिलता। मंडियों में अव्यवस्था है जिस कारण किसानों की फसल नहीं बिकती।उन्होंने खट्टर सरकार की छठी बुराई धर्म व जाति की राजनीति को बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार धर्म और जाति प्रदेश के लोगों को बांट रही है और आपस में लड़ा रही है। इसके अलावा सातवीं बुराई अपराध है, प्रदेश में लागतार अपराध बढ़ता जा रहा है, खट्टर सरकार अपराध पर लगाम लगाने में विफल साबित हुई है। पुलिस कर्मियों तक पर हमले किए जा रहे हैं। जब प्रदेश में पुलिस कर्मचारी ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता का क्या होगा।उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की आठवीं बुराई हरियाणा में खराब स्वास्थ्य व्यवस्था है। अस्पतालों में न डॉक्टर है और न दवाइयां हैं। आम लोग प्राइवेट अस्पतालों में महंगे ईलाज करवाने को मजबूर हैं। हरियाणा में आबादी के हिसाब से 10000 डॉक्टर होने चाहिए, लेकिन केवल 4000 डॉक्टर हैं, 6000 डॉक्टर्स के पद खाली पड़े हैं। वहीं हरियाणा सरकार की नौवीं बुराई बदहाल शिक्षा व्यवस्था है। सीएम खट्टर के राज में हरियाणा के स्कूलों में न बिजली है, न शौचालय हैं, न स्कूलों में बिजली है और न पीने के पानी की व्यवस्था है। सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार की दसवीं बराई महिला व व्यापारी विरोधी नीति है। प्रदेश में लगातार महिला और व्यापारियों के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं। प्रदेश की महिलाएं और व्यापारी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जहां महिलाओं पर यौन शौषण और छेड़छाड़ के मामले बढ़ रहे हैं वहीं व्यापारियों को लगातार धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हर साल बुराई के रूप में रावण के 10 सिर को फूंका जाता है, वैसे ही अब समय आ गया है कि हरियाणा सरकार बुराइयों के 10 सिर को भी जलाया जाए।
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