अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर आज फरीदाबाद के सेक्टर -70 स्थित मेगापोलिस सिटी की जमीनों पर “एक आवश्यक नोटिस बोर्ड” लगा दिया गया हैं। लगाए गए बोर्ड पर साफ़ शब्दों पर लिखा गया हैं कि इस भूमि/ संपति का कुछ भाग (50%) पर दिल्ली हाईकोर्ट के द्वारा शासकीय समापक, दिल्ली के अधीन हैं, इस भूमि को बेचना / तीसरे पक्ष के अधीन करना / अतिक्रमण करना प्रतिबंधित हैं। अतिक्रमणकर्ता के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस नोटिस को हटाना दण्डनीय अपराध हैं।
खबर के मुताबिक मेगापोलिस सिटी, सेक्टर-70, फरीदाबाद में लगभग 102 एकड़ जमीन हैं, इसमें लगभग150 से 200 निवेशकों ने अपना करोड़ों रूपए निवेश किए हुए हैं। बिल्डरों के द्वारा न तो उन्हें जमीन दिया गया , ना ही उनके पैसे लौटाएं हैं। असल में ये मामला हरियाणा के उप – मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के सामने ग्रिवेश कमेटी में उठाया गया था, जहां पर बिल्डरों और इस जुड़े लोगों उन्हें गुमराह करते हुए कहा था ये मसले को सुलझा लिया गया हैं और कई निवेशकों को पैसे लौटा भी दिए गए हैं। जबकि निवेशक बताते हैं कि ये सारी बातें गलत हैं। किसी भी निवेशकों को एक भी पैसा नहीं लौटाया गया हैं।
आपकों बतादें कि निवेशकों ने गत 17 अक्टूबर 2021 को प्रदर्शन कर बिल्डरों पर लगाएं थे गंभीर आरोप,वह आप नीचे की खबरों में पढ़ सकतें हैं। ये खबर पहले भी प्रकाशित की जा चुकी हैं अब फिर से इस खबर को प्रकाशित की जा रही हैं, ताकि बिल्डरों के खेल के शिकार कैसे हो रहे हैं निवेशक,के बारे में इस खबर खबर के माध्यम से समझ सकें।
फरीदाबाद- फेरस मामला अब तूल पकड़ सकता है। जल्द कई दर्जन निवेशक पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा से मिलेंगे। निवेशकों का कहना है कि बिल्डर प्रमोद गुप्ता उन्हें धमकी दे रहे हैं कि मामला निपटा लो कुछ नहीं मिलेगा। निवेशकों ने सेक्टर 70 में फिर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। निवेशकों का कहना है कि हमारे कई करोड़ रूपये अभी तक वापस नहीं किये गए और फेरस मेगापोलिस सिटी का नाम बदलकर उस जमीन को नए बिल्डर को सौंप दिया और उसका नाम टाउन फिट-70 कर दिया गया और उसी प्लाट को अब नए लोगों को बेंचा जा रहा है जो हमारा था जिसका हमें अब तक कोई भुगतान नहीं किया गया और जिसे लेकर हाल में उप मुख्य्मंत्री दुष्यंत चौटाला को भी गुमराह किया गया था।
फेरस के निवेशकों ने कहा कि हमें लालच लेकर हमारे करोड़ों रूपये ठगने वाले बिल्डर सुरेंद्र सेठी और आशीष सेठी ने अब इसे प्रमोद गुप्ता और अन्य कई लोगों को बेंच दिया है जिन्होंने इसका नाम बदलकर टाउन फिट-70 कर दिया और अब ये लोग नए-नए लोगों को चूना लगा रहे हैं और अब तक नए लोगों से तीस करोड़ रूपये से ज्यादा वसूल लिए हैं जबकि पुराने लोगों को अब तक पैसे नहीं दिए। निवेशकों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर पिछले 10 पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एवं हरेरा का स्टे चल रहा है। स्टे के बावजूद बिना लाइसेंस और बिना हरेरा रजिस्ट्रेशन के बिल्डर फिर यहां प्लाटिंग कर हरियाणा सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं और कोर्ट के आदेश की अवमानना भी कर रहे हैं। निवेशकों ने कहा कि फेरस सिटी का नाम टाउन फिट-70 करने वाले प्रमोद गुप्ता यहाँ बड़ा खेल खेल रहे हैं। अब वो हमें खुलेआम धमकी देने लगे हैं जिसकी शिकायत हम पुलिस कमिश्नर से जल्द करेंगे। आपको बता दें कि ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-70 में 102 एकड़ में फेरस मेगापोलिस सिटी विकसित करनी थी। लगभग 10 साल पहले करीब 400 निवेशकों इस सिटी में प्लॉट के लिए निवेश किया। बड़े-बड़े सपने दिखा रिहायशी इलाके को विकसित करने वाले बिल्डर ने निवेशकों से करोड़ों रुपये ले लिए, लेकिन मौके पर निवेशकों को प्लाट नहीं दिए। अब इसका नाम बदलकर यही प्लाट नए लोगो को बेंचने का काम जोर शोर से शुरू हो गया है। इस भूमि को खरीदने वालों ने इसका नाम बदल लिया है। पुराने निवेशकों को धमकाया जा रहा है कि जो पैसे हम दे रहे हैं लेना है तो ले लो नहीं कुछ नहीं मिलेगा। नए बिल्डर खुद को शहर के बड़े नेताओं का खास बता रहे हैं। निवेशकों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत से यहाँ करोड़ों का खेल चल रहा है। इस मौके पर धर्मपाल, राजेश कत्याल, रणवीर सिंह, रविंदर ओबेराय, विनय गौड़,ओपी शर्मा, मोहन सिंह शामिल थे।