अजीत सिन्हा की रिपोर्ट नई दिल्ली:
अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण समिति की सिफारिश पर दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत छात्रों का एडमिशन न लेने और मुफ्त स्टेशनरी न उपलब्ध कराने पर न्यू राजेंद्र नगर स्थित जेडी टाइटलर स्कूल की मान्यता वापस ले ली है। विभाग का यह आदेश एक अप्रैल 2023 से प्रभावी माना जाएगा। इसके बाद स्कूल किसी भी कक्षा में नए बच्चों का एडमिशन नहीं ले सकेगा। समिति के चेयरमैन विशेष रवि का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार सभी बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने साफ निर्देश दिया है कि ईडब्ल्यूएस बच्चों को नियमानुसार प्रवेश और स्टेशनरी दी जाए। समिति ने शिक्षा विभाग से सिफारिश की थी कि सरकार की तरफ से जारी नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उसी परिप्रेक्ष्य में स्कूल की मान्यता वापस ली गई है।
अनुसूचित जाति/जनजाति के कल्याण पर समिति के चेयरमैन एवं विधायक विशेष रवि का कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा 16 जुलाई 2022 को जारी आदेश के अनुसार, बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। विभाग के आदेश का न्यू राजेंद्र नगर स्थित जेडी टाइटलर स्कूल में उल्लंघन पाया गया। पाया गया कि स्कूल ने ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत कुछ छात्रों का एडमिशन नहीं लिया है और कुछ छात्रों स्टेशनरी भी उपलब्ध नहीं कराई है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के हितो को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। जिसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि स्कूल शैक्षिक सत्र 2022-23 और उसके बाद किसी भी कक्षा में नए छात्रों को प्रवेश नहीं देगा। संबंधित जिला डीडीई यह सुनिश्चित करेगा कि जेडी टाइटलर स्कूल के छात्रों को अगर वे चाहें तो नजदीकी सरकारी स्कूलों में समायोजित किया जा सकता है। यह भी निर्देश दिया जाता है कि स्कूल के कर्मचारियों के वेतन व बकाया का भुगतान तब तक किया जाए, जब तक स्कूल चालू रहे।
अनुसूचित जाति/जनजाति के कल्याण पर समिति के चेयरमैन विशेष रवि ने कहा कि इससे पहले, समिति की सिफारिश पर शिक्षा विभाग ने ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत छात्रों का प्रवेश लेने से मना करने वाले निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस के बाद भी कुछ निजी स्कूलों ने ईडब्ल्यूएस छात्रों का प्रवेश नहीं लिया है और उन्हें स्टेशनरी भी नहीं दी है। इसलिए समिति ने शिक्षा विभाग से ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत मिलने पर मान्यता वापस लेने और प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था। समिति के चेयरमैन विशेष रवि ने कहा कि जेडी टाइटलर स्कूल को कई कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि मंडल ने कई बार स्कूल का दौरा किया और ईडब्ल्यूएस छात्रों और अभिभावकों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए स्कूल प्रशासन के साथ कई बैठकें कीं। लेकिन स्कूल ने कई प्रयासों के बाद भी ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत छात्रों का प्रवेश लेने से इन्कार कर दिया। कारण बताओ नोटिस के लिए स्कूल की प्रतिक्रिया स्वीकार्य नहीं थी। यह विद्यालय ईडब्ल्यूएस के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों को नियमानुसार निःशुल्क स्टेशनरी, पुस्तकें व यूनिफार्म भी उपलब्ध नहीं करा रहा था।
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