अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
दिल्ली में एक हफ्ते के लॉकडाउन के ऐलान के बाद नोएडा-एनसीआर में उसका साइड इफेक्ट नोएडा में देखने को मिल रहा है। बस अड्डे, रेलवे स्टेशनों और सड़को पर पलायन करने वाले मजदूरों का हुजूम निकल पड़ा है, ये भीड़ पिछले साल के देश भर में लगे लॉक डाउन के दौरान मजदूरों के पलायन के जख्म को एक बाद फिर हरा कर रहा है।
पिछले साल के देश भर में लगे डाउन के दौरान मजदूरों का शहरों से पलायन की तस्वीरें शायद ही कोई भुला हो कि एक बार फिर कोरोना की दूरी लहर ने मजदूरों को वही ला के खड़ा कर दिया है। ये तस्वीरें नोएडा के सेक्टर 62 एन.एच-24 और नोएडा गेट की है जहाँ सैकड़ो की संख्या में मजदूर अपने गृह जनपद की ओर जाने के लिए निकले है। कोरोना के बढ़ते मामलो के बाद दिल्ली सरकार ने आज रात 10 बजे से 1 हफ्ते के लिए सम्पूर्ण लॉक डाउन का ऐलान किया है, जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर के तमाम बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर एक बार फिर दूर दराज से इन बड़े इमारतों वाले शहर में अपने सपनो को तराशने आये मजदूरों की भीड़ लग गयी है, लोग अपने घरों की ओर जल्दी से जल्दी जाना चाहते है,पलायन कर रहे मजदूरों का कहना है कि उनको सरकारों पर भरोसा नही जो सरकार एक साल बाद भी कोरोना के लिए तैयारी नही कर पाई आखिर वो कैसे हमारा ख्याल रखेगी, मजदूरों के भीड़ की तस्वीरें एक बार फिर से पिछले साल लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के पलायन की याद दिलाती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मजदूरों से दिल्ली न छोड़ के जाने विनती की है केजरीवाल ने आश्वासन दिया है कि ये लॉक डाउन छोटा ही रहेगा,आगे नही बढ़ेगा,लेकिन मजदूरों का कहना है कि उन्हें सरकारों पर भरोसा नही है लॉकडाउन अगर बढ़ गया तो हम लोग कहाँ से खाएंगे दुबारा पिछली बार की तरह अपने गाँव पैदल जाना पड़ेगा इसलिए लॉक डाउन से पहले ही हम लोग कम से कम गाड़ियों से अपने घर चले जायेंगे।
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