अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने बिहार विधान सभा के लिए दूसरे चरण के मतदान के बीच आज बिहार के अररिया और सहरसा में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश के कई स्थानों पर आज उप-मतदान चल रहे हैं. बिहार में भी कई जगह चुनाव हो रहे हैं. चुनाव लोकतंत्र का बड़ा उत्सव होता है. इस उत्सव में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. यही उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी है. कोरोना के संकट काल में बिहार के लोग अपने घरों से निकल रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं. लोकतंत्र की इतनी बड़ी ताकत, लोकतंत्र के प्रति बिहार की जनता का इतना बड़ा समर्पण, पूरे विश्व के लिए एक भरोसा जगाने वाली घटना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजद-कांग्रेस पर जमकर हमला करते हुए कहा कि इन लोगों ने पहले चुनाव को मजाक बनाकर रख दिया था। गरीबों को घरों में कैद करके, उनके नाम से जंगलराज वाले खुद वोट दिया करते थे। बिहार के गरीबों से इन लोगों ने वोट देने तक का अधिकार छीन रखा था. इनके लिए चुनाव का मतलब था- चारो तरफ हिंसा,हत्याएं,बूथ कैप्चरिंग । तब मतदान नहीं होता था, ‘मत छीन लिया जाता था, वोट की लूट’ होती थी,गरीब के हक की लूट होती थी। बिहार में गरीब को सही मायनों में मतदान का अधिकार एनडीए ने दिया है। अब बिहार की पवित्र भूमि ने ठान लिया है कि इस नए दशक में बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। बिहार के लोगों ने जंगलराज को, डबल-डबल युवराजों को सिरे से नकार दिया है.
प्रधानमंत्री ने एक कहावत के माध्यम से विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में एक कहावत है- सब कुछ खइनी, दुगो भुजा न चबइनी। यानि, भर पेट भोजन करने के बाद भी खाने वाले की नजर भुजा पर है। आज NDA के विरोध में जो लोग खड़े हैं, वो इतना कुछ खाने-पीने के बाद अब फिर से बिहार को लालच भरी नजरों से देख रहे हैं। यही इनकी सोच है. लेकिन बिहार की जनता जानती है कि कौन बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कौन अपने परिवार के विकास के लिए. आज बिहार में परिवारवाद हार रहा है, जनतंत्र फिर जीत रहा है. आज बिहार में रंगबाज़ी और रंगदारी हार रही है, विकास फिर जीत रहा है. आज बिहार में अहंकार हार रहा है, परिश्रम फिर जीत रहा है। आज बिहार में घोटाला हार रहा है, लोगों का हक़ फिर जीत रहा है। आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है,कानून का राज वापस लाने वाली एनडीए फिर जीत रही है. प्रधानमंत्री ने एनडीए सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बीते दशक में बिहार में हर घर में बिजली पहुंची, अब ये दशक बिहार को चौबीसों घंटे जगमगाने का है। बीते दशक में बिहार में घर-घर गैस कनेक्शन पहुंचा, अब ये दशक बिहार के घरों में पाइप से गैस पहुंचाने का है. बीते दशक में बिहार के हर घर में शौचालय की सुविधा पहुंची। अब ये दशक बिहार के हर गरीब को पक्की छत देने का है। बीते दशक में शहर और गांव में सड़कों की स्थिति सुधरी, अब ये दशक नए एयरपोर्ट, वॉटरपोर्ट देने का है. बीते दशक में जंगलराज के प्रभावों को कम किया गया, अब ये दशक बिहार की नई उड़ान का है, नई संभावनाओं का है। बिहार को जब फिर इस बार डबल इंजन की ताकत मिलेगी, तो यहां का विकास पहले से भी तेज गति से होगा. प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के मूलमंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का जिक्र करते हुए कहा कि इस मंत्र पर चलते हुए आज एनडीए सरकार बिना किसी भेदभाव लोगों के हितों के लिए काम कर रही है. देश की गरीब जनता अब दवाई, डॉक्टर और अस्पताल के बिना जिंदगी और मौत के बीच जूझता नहीं रहेगी। सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों के लिए हर साल 5-5 लाख रुपये तक का खर्चा खुद उठा रही है। बिहार अब उन लोगों को पहचान चुका है, जिनका एकमात्र सपना है- किसी तरह लोगों को डराकर, अफवाह फैलाकर, समाज को बांटकर कैसे भी करके सत्ता हथिया लेते हैं। इनकी तो बरसों से यही सोच है, इन्होंने यही देखा है, समझा है, सीखा है.
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को ये परेशानी होती है कि मोदी चुनाव क्यों जीतता है। मोदी चुनाव इसलिए जीतता है क्योंकि माताओं-बहनों की चिंता दूर करने का काम मोदी करता है। इसलिए माताएं मोदी को आशीर्वाद देती रहती हैं। इसलिए ये गरीब का बेटा, गरीबों की सेवा में अपना जीवन खपाता रहता है। गरीब की दिक्कतों को जो समझते हैं, वही गरीब के लिए काम करते हैं। झूठ बोलकर कांग्रेस ने देश के लोगों को क्या-क्या सपने दिखाए। चुनाव से पहले कहते थे गरीबी हटाएंगे, किसान का कर्जा माफ करेंगे, टैक्स कम करेंगे। बातें बहुत कीं, लेकिन इतिहास गवाह है, दस्तावेज गवाह हैं कि इन्होंने इसमें से एक भी काम नहीं किया, सिर्फ लोगों को गुमराह किया। आज कांग्रेस की हालत ये है कि लोकसभा और राज्यसभा को मिला दें, तो भी उसके पास 100 सांसद भी नहीं हैं. प्रधानमंत्री ने एक अन्य कहावत के जरिए विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में कहा जाता है: अनकर धन पाईं, त नौ मन तौलाईं. यानि जब दूसरे का पैसा है, तो जितना चाहे खरीदो, क्या फर्क पड़ता है। जब जनता का पैसा है, तो जितना चाहे लूटो। ये लोग जनता के लिए, आपके लिए काम नहीं कर सकते. गरीब-गरीब की माला जपते हुए मूर्ख बनाकर अपने महल बनाने वाले, अपने दूर के रिश्तेदारों तक के लिए महल बनाने वाले लोग,आपका दर्द नहीं समझ सकते। प्रधानमंत्री ने एनडीए की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि आज NDA सरकार देश के, बिहार के लोगो की एक-एक परेशानी को दूर करने के लिए काम कर रही है। जब सिर पर अपना घर होता है, पक्की छत होती है, तो आत्मविश्वास अपने आप बढ़ जाता है, लोगों की अनेक चिंताएं कम हो जाती हैं। इसी सोच के साथ आज देश के हर गरीब को पक्के घर देने का अभियान चल रहा है. प्रॉपर्टी कार्ड मिलने से दो बहुत बड़े फायदे हैं। एक तो ये कि कोई उनकी जमीन और घर पर बुरी नजर नहीं डाल पाएगा और दूसरा ये कि प्रॉपर्टी कार्ड दिखाकर कार्ड धारकों को बैंकों से कर्जा भी बहुत आसानी से मिल जाएगा। बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद इस योजना को यहां भी लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गांव-देहात के लोगों की एक और बड़ी दिक्कत रही है घर और जमीन के मालिकाना हक को लेकर। इस परेशानी को दूर करने के लिए भारत सरकार ने स्वामित्व योजना शुरू की है। इस योजना के तहत गांव के लोगों को घर का, जमीन का प्रॉपर्टी कार्ड दिया जा रहा है. कोसी और सीमांचल सहित बिहार का एक बड़ा क्षेत्र पानी के कुप्रभाव और पानी के अभाव, दोनों प्रकार की चुनौतियों का सामना करता रहा है। बीते सालों में एनडीए सरकार ने प्रदूषित पानी के प्रभाव और साफ पानी के अभाव, दोनों को कम करने के लिए निरंतर काम किया है. NDA सरकार किसानों के उत्पादों को संरक्षण देने की दिशा में प्रयासरत है और इसका बहुत बड़ा उदाहरण है हमारा जूट से जुड़ा सेक्टर। आज जब देश सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति की तरफ तेज़ी से अपने कदम बढ़ा रहा है तो इसका सीधा लाभ हमारे जूट किसानों को हो रहा है, जूट उद्योग को
हो रहा है.