अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मानव रचना शैक्षणिक संस्थान और डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन की ओर से नए साल 2024 का शुभारंभ यज्ञ में सामूहिक आहुति के साथ किया गया। इस दौरान मानव रचना परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर 26 दिसंबर 2023 से शुरू हुए साप्ताहिक महामृत्युंजय यज्ञ में पूर्णाहुति दी। ये यज्ञ मानव रचना की विरासत और परंपरा का एक अभिन्न अंग है, जिसकी शुरुआत संस्थापक दूरदर्शी डॉ. ओपी भल्ला ने की थी। यज्ञ की पूर्णाहुति के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के परिवहन, खान एवं भूविज्ञान, चुनाव और उच्च शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा सहित मुख्य संरक्षक श्रीमती सत्या भल्ला, अध्यक्ष एमआरईआई डॉ. प्रशांत भल्ला, एमआरईआई उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला, सभी कुलपति, कार्यकारी निदेशक, संस्थानों के प्रमुख, प्राचार्य, निदेशक और सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।
नए साल के मौके पर संस्थान में सायरा भल्ला ने डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन के तत्वावधान में “अंगदान-जीवन दान” पहल की शुरुआत की। उन्होंने इस पहल के पीछे की प्रेरणा को साझा करते हुए कहा, देश में अंगदान को लेकर जागरूकता की कमी के चलते तीन लाख से ज्यादा लोग अंगदाताओं की प्रतीक्षा सूची में शामिल हैं, जबकि अंगदाताओं की कमी के चलते रोजाना कम से कम 20 लोग अपनी जान गंवा देते हैं। ऐसे में जरूरी है कि सभी लोग अंग दान के लिए प्रतिज्ञा लें दूसरों को भी जागरूक करें। इसी उद्देश्य के साथ हम इस पहल की शुरुआत कर रहे हैं। नए साल के मौके पर डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन को अंगदान के लिए 10 पंजीकरण प्राप्त हुए। 16 सितंबर 2023 को भी, ऑर्गन इंडिया के साथ डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन की पहल के तहत 35 लोगों ने अंग दान के लिए पंजीकरण कराया था। इस दौरान अंगदान जागरूकता के लिए फाउंडेशन की ओर से एक पुस्तक का अनावरण भी किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि श्री मूलचंद शर्मा सहित महानिदेशक, एमआरईआई और उपाध्यक्ष डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन डॉ. एनसी वाधवा, सायरा भल्ला व मानव रचना के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। मुख्य अतिथि मूलचंद शर्मा ने नए साल के मौके पर सभी को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मानव रचना का प्रदेश में बड़ा नाम है और ये संस्थान यज्ञ की परंपरा को कायम रखते हुए आगे बढ़ रहा है इसे देखकर काफी खुशी मिलती है। उन्होंने अंगदान की पहल पर खुशी जताते हुए कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि साल 2024 में नई शिक्षा नीति के साथ शिक्षा में एक नए युग की शुरुआत होगी, जो कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन 2030 लक्ष्यों की प्राप्ति में मददगार साबित होगा। इस मौके पर संस्थापक, एमआरईआई श्रीमती सत्या भल्ला ने कहा कि नववर्ष पर यज्ञ की शुरुआत हमारे संस्थापक डॉ. ओपी भल्ला ने 17 साल पहले की थी, उन्हीं का अनुसरण करते हुए आज मानव रचना परिवार के सदस्यों ने पूर्णाहुति दी है। उन्होंने नववर्ष की सभी को शुभकामनाएं देते हुए सभी से अहंकार को छोड़कर संस्कारों के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। हर साल, मानव रचना परिवार के सदस्यों को मानव रचना के साथ उनके 10 वर्षों के प्रतिबद्ध सहयोग के लिए सम्मानित करते हुए उनकी सराहना की जाती है। इस साल, संस्थान के 71 सदस्यों को शिक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में लगातार योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया।
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