अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में समुद्रों की रक्षा और सुरक्षा विश्व व्यापार और अनेक देशों की आर्थिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। समुद्र में गतिविधियों का पैमाना, क्षेत्र और बहुराष्ट्रीय स्वरूप समुद्रीय सुरक्षा के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण की जरूरत दर्शाता है। इसे ध्यान में रखते हुए सूचना संलयन केन्द्र- हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) का दिसंबर, 2018 में रक्षा मंत्री ने उद्घाटन किया था। ऐसा इस क्षेत्र में समुद्रीय रक्षा और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए किया गया है। इस केन्द्र ने 16 से अधिक देशों और 13 अंतर्राष्ट्रीय समुद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ अब तक संबंध स्थापित कर लिए हैं।
समुद्रीय सूचना साझा करने के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करने में सहायता प्रदान करने और आईओआर में हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्रीय सुरक्षा चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने के लिए भारतीय नौसेना आईएफसी-आईओआर में 12 से 13 जून, 2019 तक समुद्रीय सूचना साझाकरण कार्यशाला (एमआईएसडब्ल्यू) की मेजबानी कर रही है। लगभग 30 देशों के 50 से अधिक प्रतिनिधि इस कार्यशाला में भागीदारी करेंगे। इस कार्यशाला में भागीदार देशों के विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा समुद्री डकैती, मानव और मादक पदार्थों की तस्करी तथा इन चुनौतियों से निपटने के लिए कानूनी पहलुओं के बारे में संवादमूलक सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस कार्यशाला में सूचना साझा करने का अभ्यास भी आयोजित किए जाएगा। भारतीय नौसेना के उप-प्रमुख इस कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे।