अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक पाकिस्तानी एजेंट को राजस्थान के पोखरान से अरेस्ट किया हैं। अरेस्ट किए गए पाकिस्तानी एजेंट का नाम हबीर-उर -रहमान हैं। इसके कब्जे से पुलिस ने सेना से संबंधित कई अत्यंत गोपनीय और वर्गीकृत दस्तावेज उसके कब्जे से बरामद किए गए हैं।बरामद किए गए दस्तावेजों का देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता पर सीधा प्रभाव पड़ता है। पुलिस की माने तो जासूसी ऑपरेशन के वित्तपोषण के लिए हवाला चैनलों के माध्यम से पैसा भेजा गया था। इसमें सैन्य कर्मियों और उनके हैंडलर्स के नाम का खुलासा हुआ हैं।
पुलिस के मुताबिक दिल्ली, राजस्थान में स्थित किसी व्यक्ति (व्यक्तियों) के बारे में विशेष जांच इकाई : अपराध शाखा, दिल्ली में कुछ महत्वपूर्ण गुप्त इनपुट थे। उत्तर प्रदेश का राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और जासूसी/जासूसी में शामिल होना, जिसका सीधा असर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता पर पड़ता है। ये व्यक्ति लंबे समय से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और सेना के कुछ अधिकारी इन्हें अत्यधिक वर्गीकृत/गोपनीय जानकारी प्रदान कर रहे हैं एंव दस्तावेज़, मौद्रिक लाभ के लिए। प्रक्रिया के दौरान 11 जुलाई 2021 को, एसआई रिचमैन को एक स्रोत के माध्यम से विशिष्ट गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि हबीब के नाम से एक व्यक्ति, जो पाकिस्तान से आया था, भारतीय सेना से संबंधित गुप्त / वर्गीकृत दस्तावेजों को पाकिस्तान के माध्यम से संदर्भित कर रहा है। दिल्ली में स्थित कुछ राष्ट्र-विरोधी व्यक्ति। यह भी पता चला है कि ये गतिविधियां राजस्थान के पोखरण में हो रही हैं। छापेमारी की तो इन जासूसों को पकड़ा जा सकता है रंगे हाथों। मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए एसआई रिचमैन एवं इंस्पेक्टर. पंकज अरोड़ा, संवेदनशीलता, गुरुत्वाकर्षण, प्रकृति को ध्यान में रखते हुए एंव सूचना की गंभीरता को देखते हुए बिना समय गंवाए वरिष्ठ अधिकारियों से सूचना साझा की गई, जिन्होंने टीम गठित कर छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। तदनुसार, निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम, पंकज अरोड़ा, एसआई लिचमैन, एसआई उमेश सती, एसआई अबोध शर्मा, एएसआई परवीन, एचसी विनोद, एचसी संदीप, एचसी सुभाष, एचसी दीपक, एसीपी राजेश कुमार की देख रेख में गठित किए गए थे।
घटना और संचालन –
उक्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम राजस्थान के पोखरण पहुंची और तकनीकी निगरानी के माध्यम से संदिग्ध व्यक्ति की पहचान का सत्यापन किया गया और गुप्त मुखबिर से उसका प्रति सत्यापन किया गया। संदिग्ध की पूरी पहचान मोहम्मद के बेटे हबीब-उर-रहमान के रूप में हुई। हनीफ, महा सागर बस्ती स्कूल के पीछे, हरि सिंह एजेंसी के पीछे, पोखरण, राजस्थान।इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से उसके स्थान का पता लगाया गया और उसे रोका गया और उसकी जाँच की गई। उसके कब्जे से सेना से जुड़े कुछ दस्तावेज बरामद किए गए। पूछताछ करने पर, वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका कि उसके पास ये दस्तावेज क्यों हैं या इन दस्तावेजों का स्रोत क्या है और वह टाल-मटोल करता रहा। इन दस्तावेजों को सेना मुख्यालय, दिल्ली से सत्यापित/प्रमाणित किया गया है, जो प्रामाणिकता की पुष्टि करता है और सूचित किया कि दस्तावेजों में सेना से संबंधित अत्यधिक गुप्त जानकारी है। ऊपर से यह पता चला कि ये बरामद दस्तावेज अत्यधिक गोपनीय हैं जिनमें भारतीय सेना से संबंधित वर्गीकृत जानकारी है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक है और वही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। तदनुसार, पुलिस स्टेशन अपराध शाखा, दिल्ली में धारा 3/9 आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी हबीब-उर-रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पूछताछ
उसने आगे खुलासा किया कि वह फल सप्लाई करने का धंधा करता है एंव राजस्थान के पोखरण में सेना के अड्डे सहित विभिन्न विक्रेताओं को सब्जी। जब वह इस कैंटीन में सामान की आपूर्ति कर रहा था, तो वह सेना के एक अधिकारी के संपर्क में आया। प्रारंभ में उक्त सेना अधिकारी राजस्थान के पोखरण में तैनात थे और बाद में दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो गए – लेकिन इससे किसी के भी आदान-प्रदान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। गिरफ्तार व्यक्ति तक पहुंचने वाली महत्वपूर्ण/महत्वपूर्ण अंदरूनी जानकारी। हबीब ने आगे यह खुलासा किया कि उसे (हबीब) को प्रदान की गई जानकारी आगे उसके पाकिस्तानी आकाओं को दी जा रही है। उन्होंने आगे खुलासा किया कि उनकी सभी सेवाओं के लिए उन्हें उनके संचालकों द्वारा नकद में भुगतान किया जा रहा था और उसी को उनके और उनके सहयोगियों द्वारा उनके सहयोगी सेना अधिकारी के बैंक खातों में वायर ट्रांसफर द्वारा उनके बैंक खातों में कुछ के माध्यम से स्थानांतरित किया जा रहा था। हवाला व्यापारी, उन्होंने आगे खुलासा किया कि बरामद दस्तावेज उपरोक्त सैन्य अधिकारी द्वारा प्रदान किए गए थे और उन्हें इन बरामद दस्तावेजों को अपने हैंडलर को भेजना था। अतीत में भी, उसने अपने हैंडलर को कई दस्तावेज, सेना की महत्वपूर्ण जानकारी वाली सीडी और अन्य जानकारी भेजी थी और इसके लिए उसे एक अच्छा पारिश्रमिक प्राप्त हुआ था। आगे की पूछताछ में पता चला कि वह साल 2019 में पाकिस्तान का दौरा कर चुका है।
गिरफ्तारियां-
1. हबीब-उर-रहमान, महा सागर बस्ती स्कूल के पीछे, हरि सिंह एजेंसी के पीछे, पोखरण, राजस्थान स्थायी रूप से ग्राम बांग्ला नगर, मुस्तफा मस्जिद के पीछे, बीकानेर, राजस्थान में
वसूली-
1. भारतीय सेना से संबंधित दस्तावेज जिस पर “गोपनीय” और “प्रतिबंधित” स्पष्ट रूप से बोल्ड में लिखा हुआ पाया जाता है
2. एक मोबाइल फोन जिसमें विभिन्न आपत्तिजनक डेटा हो
गिरफ्तार व्यक्ति की प्रोफाइल-
हबीब-उर-रहमान (41 वर्ष) राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाले हैं और वर्तमान में पोखरण , राजस्थान में बस गए हैं। उन्होंने हाई स्कूल तक पढ़ाई की है। उन्होंने अलग-अलग पेशों में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने वर्ष 2009 में अपना आधार बीकानेर से पोखरण,राजस्थान में स्थानांतरित कर दिया, जहां उन्होंने ठेकेदार के रूप में सब्जियां, फल और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति शुरू की। बाद में उन्होंने पोखरण आर्मी बेस कैंप को अनुबंध के आधार पर सब्जियां, फल, बर्फ और अन्य सामान की आपूर्ति करते थे । चूंकि वह नियमित रूप से पोखरण सेना शिविर का दौरा कर रहे थे, इसलिए पैसे के बदले सेना के बारे में गोपनीय और गुप्त जानकारी प्रदान करने के लिए उनके हैंडलर (पाकिस्तान के लिए काम कर रहे) द्वारा उनसे संपर्क किया गया था। तदनुसार, उसने वहां तैनात एक सेना अधिकारी के साथ अपना संबंध विकसित किया, जिससे वह पैसे के बदले संवेदनशील दस्तावेज प्राप्त करता था और उसे अपने हैंडलर को सौंप देता था।