अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पलवल: कोरोना वायरस को लेकर बघौला गांव में सुरक्षित रहने के लिए होम क्वारंटाइन हुए वशिष्ठ परिवार का उस समय खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब परिवार के 24 सदस्य कोरोना जांच में नेगेटिव पाए गए। 3 दिन से पूरा परिवार जिस मानसिक तनाव से जूझ रहा था। आज वह तनाव रिपोर्ट आने पर ख़तम हो गया है। पुरे परिवार के सभी सदस्यों की रिपोर्ट नेगेटिव आने से परिवार और गाँव में सभी ने राहत की सांस ली है। अब इंतजार है केवल एनएच तीन ईएसआई अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में क्वारंटाइन हुए मीडियाकर्मी की रिपोर्ट आने का. जिसमें अभी एक-दो दिन लग सकते हैं।
दरअसल, पत्रकार के मीडियाकर्मी भाई पन्ना लाल वशिष्ठ ने स्वेच्छा से अपने भाइयों के साथ फरीदाबाद से सरकारी विशेषज्ञों द्वारा कोरोना टेस्ट कराया था, जिसमें मीडियाकर्मी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद परिवार के अन्य सभी 24 लोगों का भी टेस्ट कराया गया था। जिसकी मंगलवार को रिपोर्ट नेगेटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दूधौला अस्पताल की एसएमओ डॉक्टर संतोष के निर्देश पर पूरे गांव में डोर-टू-डोर स्कैनिंग कराकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। इसके बाद जिला प्रशासन ने बघौला गांव को सील करते हुए देवली रोड पर दो नाके लगाकर आवाजाही बंद कर दी। इस से करीब 10 गांवों व औद्योगिक क्षेत्र की कुछ कम्पनियों की ओर आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है। 24 घंटे पुलिस की तैनाती की गई है। ड्यूटी मजिस्ट्रेट संजय यादव के नेतृत्व में सोमवार को फ्लैग मार्च निकाला गया। जिसमें गदपुरी थाना अध्यक्ष अनिल कुमार के अलावा चौकी इंचार्ज इमरोज खान के नेतृत्व में काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे पीडित परिवार का कहना है कि भगवान कृपा से परिवार पर उमड़े दु:ख के बादल छंट चुके हैं। परिवार के 24 सदस्यों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद फोन घनघनाने लगे। गांव से लेकर दूर दराज तक बैठे शुभचिंतकों ने रिपोर्ट नेगेटिव आने पर प्रभु का शुक्रिया किया। क्वारंटाइन हुए परिवार की मदद में गांव के लोग आगे आए। इसके चलते दूध से लेकर राशन तक की सभी सुविधाएं घर बैठे मुहैया करवाई गई। इससे ये परिवार पूरी तरह क्वारंटाइन का पालन करते रहे। वशिष्ठ परिवार का कहना है कि कोरोना को हराने के लिए सबसे बेहतर उपाय क्वारंटाइन करना है साथ ही सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन करना चाहिए। सीएमओ डॉक्टर ब्रहमदीप ने ग्रामीणों से लॉक डाउन का पालन करने की अपील की है। उनका कहना है कि सोशल डिस्टेसिंग का पालन करके हमें न केवल कोरोना को हराना है, अपितु स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए सभी को इस बारे में जागरूक करना है।