अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पलवल: होडल अपराध शाखा ने अन्तर्राज्यीय एटीएम ठगों से रिमांड अवधि के दौरान विभिन्न बैंकों के 25 और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। अब तक अरेस्ट किए गए दोनों ठगों से 234 एटीएम कार्ड बरामद किए जा चुके हैं। अरेस्ट आरोपित में से एक आरोपित को जेल भेज दिया गया हैं। वही मुख्य आरोपित को दूसरी एटीएम स्वाइप कार्ड मशीन बरामद करने के लिए 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया हैं।
प्रभारी जंगशेर सिंह ने आज जानकारी देते हुए बताया कि गत 9 नवंबर 2022 को धर्मवीर सिंह निवासी कलोरी, पोस्ट डोरी खाल, तहसील लंचडोन, जिला पोडी, उत्तराखण्ड हाल वी – 168 गांधी कॉलोनी,एनआईटी फरीदाबाद के गौशाला मार्केट होडल में एसबीआई एटीएम में बैंक खाता बैलेंस चेक करने दौरान उसका एटीएम कार्ड अज्ञात आरोपितों द्वारा धोखे से बदल कर ₹15000 की नकदी निकालने मामले में दर्ज मुकदमा संख्या -523, दिनांक 9.11.2022 , भारतीय दंड संहिता की धारा 420,379 थाना होडल मे तैनात सहायक उप निरीक्षक सूबे सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने गत 9 नवंबर 2022 को ही वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपितों को गांव रनियाला खुर्द थाना उटावड़ जिला पलवल निवासी अकरम व मौहम्मद अमर को चंद घंटों के अंदर पुनहाना मोड से विभिन्न बैंकों के 209 एटीएम की भारी मात्रा में एक स्वाइप मशीन सहित धर दबोचने में सफलता प्राप्त की थी।
उनका कहना हैं कि आरोपितों ने बताया कि वे इस स्वाइप मशीन के जरिए फर्जी खाते में पैसे डाल कर वापस पैसे निकाल लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाते हैं। इस पर मुकदमा में भारतीय दंड संहिता की धारा 467,468, 471 भी जोड़ी गई। उनका कहना हैं कि दोनों आरोपितों को अदालत में पेश कर गत 14 नवंबर 2022 तक पुलिस रिमांड पर हासिल किया गया। रिमांड अवधि के दौरान आरोपितों से 25 अन्य विभिन्न एटीएम कार्ड बरामद किए गए। रिमांड अवधि के दौरान आरोपित अकरम ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने ठगी में इस्तेमाल करने के लिए दो एटीएम कार्ड स्वाइप मशीन जुबेर निवासी मिर्जापुर राजस्थान से खरीदी थी। आरोपित से पहले ही एक एटीएम कार्ड स्वाइप मशीन बरामद की जा चुकी है। दूसरी एटीएम स्वाइप मशीन को बरामद करने हेतु आरोपित को आज अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर पुनः हासिल किया गया है जबकि आरोपित मोहम्मद अमर को अदालत में पेश कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है। इस नेटवर्क से जुड़े किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा, फरार जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे। आरोपितों की गिरफ्तारी की सूचना वारदात किए हुए संबंधित राज्यों की पुलिस को दी गई है ताकि समय रहते आरोपितों को पुलिस द्वारा प्रोडक्शन वारंट पर हासिल किया जा सके।
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