अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: विधानसभा चुनाव-2024 के दौरान प्रचार सामग्री का प्रकाशन करने के लिए पोस्टर या पंफलेट पर प्रकाशन करने वाले का नाम, प्रकाशन करवाने वाले का नाम तथा प्रतियों की संख्या छपी होनी चाहिए।डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के नियमों की पालना करते हुए ही प्रचार सामग्री का प्रकाशन किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन विभाग की ओर से चुनाव खर्च के विवरण पर पूरी निगरानी रखी जाएगी। इसलिए प्रिंटिंग प्रेस संचालक एनेक्सचर फार्म वन और बी भरकर यह स्पष्ट करेंगे कि प्रचार की सामग्री किस प्रैस से छपवाई गई और इस सामग्री को छपवाने वाला कौन है। साथ ही कितनी प्रतियां छापी गई हैं,यह ब्यौरा भी प्रैस संचालकों को देना होगा।उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार की सामग्री को प्रकाशित करने से पहले प्रेस संचालक इस बात की जांच कर लें कि प्रचार सामग्री की भाषा और विषयवस्तु में कोई आपत्तिजनक शब्द तो नहीं है। प्रचार सामग्री की भाषा किसी व्यक्ति या दल के प्रति अपमानजनक नहीं होनी चाहिए। यह शिकायत कहीं पाई गई तो प्रकाशन करवाने वाले तथा प्रकाशक दोनों के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 ए के तहत कार्यवाही की जा सकती है।जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि हैंडबिल, पंफलेट, पोस्टर, बैनर इत्यादि छापने का पूर्ण विवरण प्रैस संचालक अपने पास रखेंगे। इसे निर्वाचन विभाग की ओर से कभी भी मांगा जा सकता है। चुनाव प्रचार सामग्री के छापने पर पूरी जिम्मेदारी प्रकाशक तथा प्रकाशन करवाने वाले की रहेगी। चुनाव के लिए प्रकाशन करते समय आदर्श चुनाव आचार संहिता की हिदायतों को ध्यान में रखना जरूरी है।
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