अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: ग्रीन फिल्ड कालोनी में ओमेक्स टावर के नजदीक आज पंडित विनोद पाठक सेवा भाव चैरिटबल ट्रस्ट द्वारा यातायात नियमों के बारे में लोगों को जागरूक किया। इस आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ग्रीन फिल्ड कालोनी आरडब्लूए के प्रधान वीरेंद्र भड़ाना, विशेष अतिथि के रूप में “अथर्व न्यूज़” के मुख्य संपादक अजीत सिंह, आरडब्लूए के सदस्य बी. के. टंडन, अतुल सरीन व विजय चावला तथा एक अन्य अतिथि अविनाश मित्तल के साथ आदि लोग उपस्थित थे। इस पावन अवसर पर संस्था के पदाधिकारीगण विवेक पाठक,राज पांडेय , रिंकू पाठक कार्तिक एंव अनन्या व केतन ने इस कार्यक्रम में आए अतिथियों को गुलदस्ता भेंट कर और फूल का माला पहना कर स्वागत किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एंव प्रधान वीरेंद्र भड़ाना ने आज उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित विनोद पाठक सेवा भाव चैरिटबल ट्रस्ट ने जो यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया हैं जो बाकई में क़ाबिले तारीफ़ हैं। उन्होनें यह भी कहा कि बाइक चलाते समय अपने बाइक को इस रफ़्तार से चलाए जिस पर आसानी से जरुरत पड़ने पर कंट्रोल किया जा सकें, क्यूंकि जरा सा चूक आपको या आपके सामने जो लोग हैं उसके साथ एक बड़ा घटना घटित हो सकता हैं पर इस जागरूक कार्यक्रम के जरिए से इस तरह के हादसे में कमी लाइ जा सकती हैं। इसके बाद “अथर्व न्यूज़” के मुख्य संपादक अजीत सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि यातायात नियमों के बारे में लोगों को जागरूक करना एक सराहनीय कार्य हैं। इनके प्रयास से एक भी हादसा टल जाए, किसी की जिंदगी बच जाए तो समझों की इस संस्था का उद्देश्य सफल हुआ।
हालांकि ट्रैफिक पुलिस के लोग अलग-अलग एनजीओ के साथ मिलकर इस तरह के कार्यक्रम अक्सर करती रहती हैं। उनका कहना हैं कि पुलिस के जवान भी हमारे समाज के लोग हैं,पुलिस में हमारे परिवार के लोग हैं , वह भी किसी के पिता, भाई, चाचा, मामा, नाना ,दादा हैं,सड़कों पर जब वह चालान काटते हैं, इस लिए चालान नहीं काटते हैं कि चालान से मिलने वाला पैसा उनकी जेब में या पुलिस प्रशासन का खजाना भरना हैं, बल्कि उनकी सोच हैं कि किसी एक की मौत के कारण बाकी के परिजनों को भुगतना ना पड़े हैं। क्यूंकि हेलमेट पहनने से आपका सिर सुरक्षित हैं,तो आप सुरक्षित हैं, इस जुड़े कागजात आपके पास पूरे हैं,तो आप अदालत से इंसाफ की उम्मीद कर सकते हैं, क्यूंकि अदालत मरने वाले का लेबल देख कर ही इन्शुरेंस कंपनी को मुआवजा देने का आदेश देती हैं यदि आपके पास पूरे कागजात नहीं हैं तो मुआवजा मिलना मुश्किल हैं। यदि मिलती भी हैं तो काफी कम होगी। इस लिए आमजनों को यातायात नियमों को समझना बहुत जरुरी हैं।