अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जन संवाद कार्यक्रमों के तहत लोगों द्वारा लिखित में प्राप्त शिकायतों, मांगों व सुझावों को आधिकारी गंभीरता से लें और जल्द से जल्द उनका निस्तारण सुनिश्चित करें। प्रदेशवासियों को किसी भी समस्या व शिकायतों के समाधान के लिए कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें, इसी उद्देश्य के लिए ही जन संवाद कार्यक्रम के रूप में एक नई पहल शुरू की गई है। सरकार का ध्येय हर योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। मुख्यमंत्री आज यहां प्रशासनिक सचिवों के साथ जनसंवाद पोर्टल के संबंध में अहम बैठक कर रहे थे। मनोहर लाल ने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश देते हुए कहा कि जनता फरियादी नहीं बल्कि मालिक है। उनकी शिकायतों व मांगों का तुरंत समाधान होना चाहिए। इसलिए अधिकारी हर 7 दिन में जन संवाद पोर्टल पर उनके विभागों के अधीन दर्ज शिकायतों के समाधान की प्रगति की समीक्षा करें।
मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि विभागीय स्तर पर हर प्रतिवेदन के लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाई जाए, ताकि कोई भी कागज बिना पढ़े न रहे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने जनता के जीवन को सुगम बनाने के लिए ई- गवर्नेंस की दिशा में बढ़ते हुए विभिन्न कार्यक्रम चलाए हैं और जन संवाद पोर्टल भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब तक जन संवाद पोर्टल पर लगभग 7200 शिकायतें व मांगों को दर्ज किया जा चुका है और विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों को कार्रवाई के लिए भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन संवाद कार्यक्रमों में लोगों ने यह बताया है कि वे अपने लिखित प्रतिवेदन की कई-कई कॉपी भिन्न भिन्न जन प्रतिनिधियों को देते थे, लेकिन कभी उनके प्रतिवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों की इसी परेशानी को समझते हुए हमने उनकी हर समस्या को जानने के लिए जन संवाद पोर्टल के रूप में नया सिस्टम बनाया है। इस पोर्टल पर लोगों के लिखित प्रतिवेदन की जानकारी दर्ज की जाती है और संबंधित विभागों को आगामी कार्रवाई के लिए भेज दी जाती है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर शिकायत व मांग दर्ज होते ही संबंधित नागरिक को उसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से चली जाती है। इसके बाद संबंधित विभाग और अधिकारी द्वारा की जा रही आगामी कार्रवाई की सूचना भी एसएमएस के द्वारा नागरिकों को भेजी जाती है। अब लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि इस प्रकार का सिस्टम पहले कभी किसी सरकार ने नहीं बनाया है। अब जनता के मन में विश्वास बना है कि उनके लिखित कागज बेकार नहीं जाएंगे, उनकी हर बात पढ़ी जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में नागरिकों की समस्याओं का हल करना हम सबकी जिम्मेवारी है। इस पोर्टल पर विभागों को भेजे जाने वाली शिकायतों व मांगों के निस्तारण में कितना समय लगेगा, इसकी प्राथमिक जानकारी अधिकारी ही देंगे। उनके द्वारा बताई गई समयावधि में समस्याओं का निस्तारण करना अधिकारी की ही जिम्मेवारी है। इस कदम से अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि जन संवाद पोर्टल के माध्यम से गांव स्तर तक किये जाने वाले कार्यों की जानकारी सरकार के पास उपलब्ध है। इस पोर्टल की मुख्यमंत्री कार्यालय में दैनिक आधार पर मॉनिटरिंग की जा रही है। इतना ही नहीं, सभी नोडल अधिकारी भी इस पोर्टल को रोजाना देखेंगे और आवश्यक कार्रवाई कर स्टेटस अपडेट करेंगे। इस प्रकार से अब सीएम ऑफिस से लेकर ग्राम स्तर तक हर कार्या की मॉनिटरिंग सुनिश्चित होगी।उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ग्राम दर्शन पोर्टल, नगर दर्शन पोर्टल, सीएम विंडो और जन संवाद पोर्टल को हर प्रशासनिक सचिव या उनके नोडल अधिकारी दैनिक आधार पर देखें, ताकि कार्यों को तेज गति से पूरा किया जा सके।बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त राजेश खुल्लर, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव के मकरंद पाण्डुरंग सहित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद थे।
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