अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव एंव मीडिया इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ईंधन-टैक्स-जीवी मोदी सरकार देश की जनता के लिए अभिशाप बन गई है। पेट्रोल-डीजल टैक्स जीवी मोदी सरकार देश की जनता के लिए अब एक भयभीत करने वाले भूत की तरह है। मई, 2014 से आज तक पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाकर मोदी सरकार ने 21 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की लूट इस देश की जनता से की है। बीजेपी का नया नाम बन गया है – भयंकर जनलूट पार्टी। 11 दिन से लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं। 1 मई, 2019 यानि दूसरा कार्यकाल संभालने से आज तक पेट्रोल की कीमतों में 15 रुपए 21 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 15 रुपए 33 पैसे प्रति लीटर का इजाफा या बढ़ोतरी हुई है। और हमने केलक्यूलेट करने की कोशिश की, मई, 2019 से आज तक मोदी जी ने 200 बार के करीब या उससे अधिक पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ा दी हैं।
मोदी सरकार दोनों हाथों से देश की जनता की जेब लूट रही है और उनकी गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रही है। एक तरफ चौतरफा महंगाई की मार है और दूसरी तरफ पेट्रोल – डीजल और गैस के दामों में बढ़ोतरी की भरमार है। देश के कई हिस्सों में तो पेट्रोल 100 पार और डीजल 90 पार हो गया है। इसीलिए आम जनमानस कह रहा है कि मोदी जी का एक ही नारा है, ‘हम दो – हमारे दो, डीजल नब्बे, पेट्रोल सौ’। अब ये लगता है कि ये देश में मोदी जी को चरितार्थ करने के लिए नारा बन गया है। शर्मनाक बात ये कि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स पर टैक्स, टैक्स पर टैक्स लगाकर खुली लूट करने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी इसका आरोप भी कांग्रेस पार्टी पर मढ कर अपनी पिंड छुड़वाना चाहते हैं। इसलिए आज देश के समक्ष हम केवल 5 तथ्यों में पूरी सच्चाई कागजात सहित रखना चाहते हैं।
तो आईए 21 लाख 50 हजार करोड़ की जो ये लूट है, इसका सच क्या है –
पहला, 26 मई, 2014 को जब कांग्रेस यूपीए की सरकार गई और मोदी जी आए, तो कच्चे तेल की कीमत थी 108 डॉलर प्रति बैरल। ये कागज मैं आपको रिलीज कर रहा हूं, ये पीआईबी का 26 मई, 2014 का प्रेस रिलीज है। आपके अभी ईमेल पर आ जाएगा। 19 फरवरी, 2021 को यानि आज कच्चे तेल की कीमत है- 63 डॉलर 65 प्रति बैरल। ये भी भारत सरकार की जो तेल कंपनियां रिलीज करती हैं, ये कागज उनका है आज का, समेत इसके इंडियन रुपए में कितने पैसे बनते हैं, ये कागज भी मैं आपको रिलीज कर रहा हूं। इसके बावजूद जब 108 डॉलर कच्चा तेल था, तो पेट्रोल की कीमत थी, 71 रुपए 51 पैसे प्रति लीटर। जब कच्चा तेल घटकर 63 डॉलर प्रति बैरल हो गया, तो पेट्रोल की कीमत दिल्ली में है 90 रुपए 19 पैसे और बाकी देश में 100 रुपए प्रति लीटर। यानि कच्चे तेल की कीमत 41 प्रतिशत कम हो गई और पेट्रोल की कीमत 26 प्रतिशत बढ़ गई। ये सच्चाई है। इसी प्रकार 2014 में डीजल की कीमत थी – 57 रुपए 28 पैसे प्रति लीटर। जब कच्चा तेल 108 डॉलर प्रति बैरल था, तो डीजल 57 रुपए प्रति लीटर था। आज कच्चा तेल 63 डॉलर प्रति बैरल है, परंतु दिल्ली में डीजल की कीमत 80 रुपए 60 पैसे प्रति लीटर है और बाकी देश में लगभग 90 रुपए प्रति लीटर है। यानि कच्चे तेल की कीमत 41 प्रतिशत कम हो गई और डीजल की कीमत 40 प्रतिशत बढ़ गई। ये है सच्चाई।
दूसरा, आज यानि 19 फरवरी, 2021 को कच्चे तेल की कीमत के आधार पर देश में पेट्रोल की कीमत होनी चाहिए – 32 रुपए 72 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत होनी चाहिए 33 रुपए 46 पैसे प्रति लीटर। ये भी हम नहीं कह रहे, बाकायदा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन बेस प्राईस और टैक्स का अलग-अलग आंकड़ा रिलीज करता है और उनका आखिरी आंकड़ा 16 फरवरी, 2021 को उन्होंने रिलीज किया है। उसके बाद 90 पैसे कीमत और बढ़ी, तो हमने 90 पैसे और जोड़ दिए। वो कागज भी मैं आपका इस समय रिलीज कर रहा हूं। तो भारत सरकार खुद मानती है, ये हम नहीं कह रहे, कागज आपको आ रहा है। भारत सरकार मानती है कि आज पेट्रोल की कीमत है 32 रुपए 72 पैसे प्रति लीटर और डीजल की लागत है 33 रुपए 46 पैसे प्रति लीटर। तो मोदी जी 32 रुपए के लागत वाला पेट्रोल आप 90 और 100 रुपए पर क्यों बेच रहे हैं? 33 रुपए की लागत वाला डीजल आप 80 और 90 रुपए लीटर पर क्यों बेच रहे हैं? इसका कारण साफ है, क्योंकि मोदी सरकार ने डीजल पर 820 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है और पेट्रोल पर 258 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगा दी है अतिरिक्त और जनता की जेब पर डाका डाला है।
तीसरा पहलू और चौंकाने वाली बात ये है कि मई, 2014 से जनवरी, 2021 के बीच में ये 820 प्रतिशत और 258 प्रतिशत जो अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी मोदी जी ने बढ़ाई है, इससे उन्होंने कुल पैसा इस देश के आम जनमानस, नौकरी पेशा, मिडिल क्लॉस, किसान, गरीब, स्कूटर, ट्रैक्टर चलाने वाले, कार चलाने वाले आम जनमानस से जो वसूला है, वो है 21 लाख 50 हजार करोड़ रुपए। अकेले जो साल खत्म हुआ है 2020-21 में और ये बजट का डेटा है। मोदी सरकार ने इस बजट में लिखा है कि साल जो खत्म हुआ, उन्होंने पेट्रोल –डीजल पर टैक्स (एक्साइज ड्यूटी) से अकेले 3 लाख 46 हजार करोड़ रुपया कमाया और उनका ये अनुमान है कि चालू साल के अंदर इस देश के 130 करोड़ लोगों की जेब से 4 लाख करोड़ रुपए टैक्स में और निकालने वाले हैं। ये सच्चाई है।
चौथा, प्रधानमंत्री मोदी जी कहते हैं कि पिछली सरकारों ने कच्चे तेल का घरेलू उत्पादन नहीं किया। परंतु आंकड़े क्या कहते हैं, उनकी कंपनियों के – घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सालाना 53,66,000 मीट्रिक टन गिर गया, कम हो गया। ये मैं नहीं कह रहा, ये उनकी कंपनियों के आंकड़े बताते हैं। घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन मोदी सरकार में सालाना 53,66,000 मीट्रिक टन कम हो गया। यूपीए एक और यूपीए दो, कांग्रेस के कार्यकाल में घरेलू कच्चा तेल देश की कुल खपत का 23.4 प्रतिशत उत्पादन था। साढ़े 23 प्रतिशत कुल खपत का हम अपने देश में पैदा करते थे। मोदी जी जबसे आए हैं, ये अब 15.8 प्रतिशत हो गया है। यानि अगर हम 100 लीटर तेल में से अगर साढ़े 23 लीटर खुद घर में पैदा करते थे, तो अब ये साढ़े 15 लीटर हो गया है। ये मोदी जी की वास्तविकता है और ये भी मैं नहीं कह रहा, ये भी एक प्रोपर चार्ट जो है, गवर्मेंट ऑफ इंडिया का वैरिफाइड और सर्टिफाइड और उसमें हर साल कितना उत्पादन हो रहा है, वो मैं आपको रिलीज कर रहा हूं। ये मोदी सरकार के आंकड़े हैं, ये हमारे नहीं हैं।
सच्चाई ये है कि साल 2020 में घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन पिछले 18 साल में सबसे कम है। क्या मोदी जी जवाब देंगे?
पांचवा और आखिरी पहलू, इस देश का 63 प्रतिशत कच्चा तेल सरकारी नवरत्न कंपनी ओएनजीसी पैदा करती है, बाकी प्राईवेट सेक्टर में है। मोदी जी ने इस सरकारी नवरत्न कंपनी ओएनजीसी का बजट ही इस साल काट दिया। पिछले साल इसका बजट था 35,501 करोड़ रुपए, इस साल निर्मला जी ने उस पर कैंची लगाकर उसे कम करके 29,800 करोड़ कर दिया। तो कहाँ से पैदा होगा? और यही नहीं गुजरात की एक डूबी हुई कंपनी, जहाँ फ्रॉड हुआ था और जिसके बारे में आपको मालूम है, गुजरात गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, GSPC और ऐसी दूसरी कंपनियां जबरन ओएनजीसी को बेचकर मजबूर किया कि वो 25 हजार करोड़ का बाजार से कर्जा उठाए। यानि और बोझ बढ़ गया। और तीसरा ओएनजीसी कच्चे तेल की खोज का बजट ओएनजीसी का, जब हमने सरकार छोड़ी तो 11,700 करोड़ रुपए था। मोदी जी ने उसे भी 63 प्रतिशत कम करके साल 2020 में कच्चे तेल की खोज का ओएनजीसी का बजट 4,330 करोड़ रुपया कर दिया। प्रधानमंत्री जी बातें तो बहुत करते हैं, पर सच कभी नहीं बोलते। इन बातों का जो उनके सरकारी आंकड़े हैं, जवाब दीजिए। ये सबूत है कि जो 63 प्रतिशत कच्चा तेल घर में पैदा करने वाली नवरत्न कंपनी ओएनजीसी है, उसे मोदी सरकार जानबूझ कर बर्बाद कर रही है। इसलिए हमारी ये मांग है, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ये मांग है कि मोदी सरकार तेल का खेल और तेल की लूट बंद करे और देश के 130 करोड़ लोगों को पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती कर राहत दे। क्योंकि मोदी सरकार के मुताबिक आज भी पेट्रोल की जो लागत है वो 32 रुपए लीटर है और डीजल की लागत 33 रुपए लीटर है। तो हमसे फिर 100 और 90 रुपए लीटर क्यों ली जा रही है? प्रधानमंत्री स्वयं आगे आकर देश को ये बताएं।