अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर कोरोना संक्रमण को लेकर अलग-अलग जिलों के जिलाधिकारियों से वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की. पीएम ने कहा कि ‘कोरोना महामारी पिछले 100 सालों में सबसे बड़ी आपदा है और कोरोना संक्रमण महामारी ने आपके सामने चुनौतियां और बढ़ा दी हैं.’ पीएम ने कहा कि ‘पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है. महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर प्रयोग बहुत जरूरी है. यह वायरस म्यूटेशन में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और रणनीतियां भी विस्तृत होनी चाहिए.’
पीएम ने कहा कि ‘बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं, लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है.’ उन्होंने जिलाधिकाारियों से कहा कि ‘आप जिलों में सबसे बड़े योद्धा है. हमें गांव-गांव यही संदेश पहुंचाना है कि हमें अपने गांव को कोरोना फ्री रखना है. हमें लंबे समय तक जागरूकता बनाए रखना है.’उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ‘फील्ड में किए गए आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक से ही व्यावहारिक और प्रभावी नीतियां बनाने में मदद मिलती है. टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक स्टेकहोल्डर से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है.’पीएम ने वैक्सीन वेस्टेज को लेकर चिंता जताई और कहा कि इसे रोकना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि ‘एक भी वैक्सीन वेस्टेज होने का मतलब है एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना, इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना बेहद जरूरी है.’उन्होंने युवाओं और बच्चों पर वायरस के खतरे को लेकर कहा कि ‘वायरस के म्यूटेशन की वजह से युवाओं और बच्चों के लिए चिंता जताई जा रही है. मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि आप अपने जिलों में युवाओं और बच्चों में संक्रमण से जुड़े आंकड़े इकट्ठा करें और उसकी लगातार समीक्षा करते रहे.’
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