अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: प्रेम नगर खांडसा रोड, गुरुग्राम में दुकान के सामने गला दबाकर मारपीट करते हुए मोबाइल फोन व नकदी छीनने की वारदात को अंजाम देने वाले दोनों आरोपितों अपराध शाखा -मानेसर, गुरुग्राम की टीम ने अरेस्ट किया है। अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम राजू उर्फ कालिया, उम्र 40 साल, निवासी मोतिहारी, बिहार व विवेक तिवारी, उम्र 21 साल, निवासी झारखण्ड हैं। ये जानकारी आज एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दिए।
एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि गत 12 मई – 2022 को थाना शिवाजी नगर, गुरुग्राम में हरि आयरन ट्रेडिंग कम्पनी पर बतौर हेल्पर काम करने वाले सुरेश मुखिया ने एक लिखित शिकायत के माध्यम से बताया कि वह गत 11 मई 2022 को समय सुबह लगभग 6.25 बजे दुकान पर आया था तभी खांडसा रोड की तरफ से 2 लोग आए, जिनमें से एक ने पीछे से उसका गला पकड़ लिया व दूसरे ने उसकी पैंट की जेब से उसका मोबाईल फोन व 7900/- रुपए छीन लिया और भाग गए। इस सम्बन्ध में थाना शिवाजी नगर, गुरुग्राम में भारतीय दंड संहिता की धारा 379-बी व 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
उनका कहना है कि यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद होने उपरांत सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो गई थी। इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों कोपकड़ने करने के लिए डीसीपी क्राइम राजीव देशवाल तथा एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान की देखरेख में अपराध शाखा , मानेसर प्रभारी दलपत सिंह की पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर वारदात को अन्जाम देने वाले *राजू उर्फ कालिया, उम्र 40 साल, निवासी मोतीहारी बिहार व विवेक तिवारी उम्र 21 साल, निवासी झारखण्ड आज सेक्टर-7, गुरुग्राम से अरेस्ट किया गया है।
आरोपितों से प्रारंभिक पूछताछ में ज्ञात हुआ कि राजू उर्फ कालिया के खिलाफ चोरी , गिरोहबंदी, अवैध हथियार रखने व लूटपाट इत्यादि अपराधों के 2 दर्जन मुकदमा दर्ज है और यह लोग कई बार जेल जा चुका है। आरोपित राजू उर्फ कालिया पहले लक्ष्मण विहार, गुरुग्राम में रहता था तथा विवेक तिवारी भी पड़ोस में ही रहता था। इन दोनों की आपस में जान-पहचान होने पर ये दोनों मिलकर चोरी, लूटपाट इत्यादि की वारदातों को अंजाम देने लगे। आरोपित विवेक तिवारी के खिलाफ भी 1 मुकदमा दर्ज है और यह पहले भी जेल जा चुका है। आरोपितों को अदालत के सम्मुख पेश करके अन्य वारदातों के बारे में गहनता से पूछताछ करते हुए उपरोक्त मुकदमे में बरामदगी की जाएगी। मुकदमा अनुसंधान अधीन है।
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